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प्यार में लड़का क्या करता है? सच्चे प्यार में होने वाले काम

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प्यार में लड़का क्या करता है: दोस्तों प्यार हो जाने के बाद और रिलेशनशिप में आने के बाद लड़का कभी भी लड़की पर ये शक नहीं करता है कि लड़की उसे प्यार करती है या नहीं! लेकिन बात बात पर लड़कियों के मन में इस तरह के सवाल आ जाते हैं लड़का मुझसे प्यार करता है या नहीं!

प्यार में लड़का क्या करता है

कहीं वो बस ऐसे ही तो रिलेशनशिप में नहीं आ गया! ये सच में प्यार है या फिर शारीरिक सुख की चाह. अगर आप भी एक लड़की है और आपके मन में भी इस तरह का सवाल आता है, तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल को पढ़ रहे हैं। क्योंकि आज हम बात करेंगे प्यार में लड़का क्या करता है ?

ऐसे में जब आपको ये पता लग जाएगा कि प्यार में लड़का कौन-कौन सी चीजें करता है, तो उसके बाद आपके लिए ये जानना बेहद आसान हो जाएगा कि लड़का आपसे प्यार करता है या नहीं

प्यार में लड़का क्या करता है ?

प्यार होने के बाद लड़के और लड़कियां दोनों ही अलग-अलग तरह की चीज करते हैं। लेकिन जब किसी लड़के को प्यार होता है, तो उसकी बात ही अलग होती है। क्योंकि प्यार हो जाने के बाद लड़का बिल्कुल बदल सा जाता है! वो

प्यार में ऐसी ऐसी चीजें करने लगता है जो उसने कभी सोची भी ना हो –

1. लड़का बदलने के लिए तैयार रहता है ! 😎

लड़के जब प्यार में होते हैं, तो आपने देखा होगा कि लड़के अक्सर बदल जाते हैं। क्योंकि उनका प्यार उन्हें वो रहने नहीं देता जैसे वो पहले थे। लड़का चाहे कितना ही बदमाश या फिर अजीब क्यों ना हो, अपने प्यार के लिए वो अच्छा बन जाता है।

प्यार में लड़के जिम्मेदार और समझदार बन जाते हैं। वो बचपना नहीं करते बल्कि जो चीज़ उनकी जिन्दगी बेहतर बनाएगी उसके बारे में सोचते हैं। प्यार में लड़के यही सोचते है कि कैसे लड़की को हर बंधन से आजाद किया जाए ?

प्यार में लड़के कई बार लड़की के लिए अच्छा करते-करते खुद को भी नुकसान पहुंचा लेते हैं। पर खुद को नुकसान पहुंचाने के बाद भी उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

2. लड़का लड़की को परेशानी में नहीं देख सकता !

प्यार करने वाले लड़के को लड़की की परेशानी अच्छी नहीं लगती हैं। लड़का लड़की को परेशानी में देख नहीं सकता है। चाहे कैसी भी परेशानी हो लड़का हमेशा लड़की की परेशानी ठीक करने में उसकी मदद करता है।

लड़की की परेशानी को खत्म करने के लिए लड़का हद से गुजरने को भी तैयार हो जाता है। प्यार में लड़के हमेशा यही चाहते हैं कि जिस लड़की से वो प्यार करते हैं वो हमेशा खुश रहे।

3. लड़का लड़की का हमेशा साथ देता है!

प्यार हो जाने के बाद लड़के लड़की के लिए सिर्फ अच्छा सोचते हैं। वो चाहते हैं कि जिस लड़की से उन्हें प्यार हुआ है वो लड़की अपनी जिंदगी में तरक्की करें और एक बेहतर इंसान बने।

इस वजह से लड़का हमेशा लड़की को सपोर्ट करता है खासकर अगर लड़की का अपने जीवन में कोई बड़ा उद्देश्य है जिसे वो पूरा करना चाहती हैं।

तब लड़के प्यार में होने पर उस लड़की के सपने को अपना सपना बना लेता है और उसे पूरा करने में लड़की के हर मुमकिन मदद करता हैं‌। एक अच्छे प्रेमी के साथ से ज्यादा अच्छा एक लड़की के लिए और कुछ भी नहीं हो सकता है।

4. लड़का लड़की को कोई अच्छी चीज करने के लिए प्रेरित करता है!

जब किसी लड़के को सच में लड़की से प्यार होता है। तो वो उस लड़की को भोगने (lust और s*x) के बारे में नहीं सोचता बल्कि ये सोचता है की कैसे वो उस लड़की को एक बेहतर और अच्छी जिंदगी जीने के लिए प्रेरित कर सकता है।

प्यार में लड़के लड़की को लड़की के शरीर से नहीं बल्कि उसे सिर्फ इंसान की तरह देखते हैं और वो लड़कियों को भी खुद को शरीर मानने से रोकते हैं।

प्यार में लड़के का उद्देश्य सिर्फ अपने प्यार को ऊंचा से ऊंचा मुकाम देना होता है इसलिए वो अपने प्रेमिका को कोई ऊंचा और अच्छा उद्देश्य बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। ताकि जिस लड़की से वो प्यार करते हैं वो अपने जीवन में कुछ ऊंचा कुछ सार्थक कर सके।

5. लड़की की ख़ुशी नहीं सच्चाई देता है!

प्यार करने वाले लड़के हर हाल में सिर्फ लड़की का अच्छा सोचते हैं। ऐसा नहीं है की प्यार में लड़के लड़की की हर डिमांड को पूरी कर देते हैं और उनकी सारी इच्छाओं को पूरा करके उन्हें खुश रखते हैं।

बल्कि जब किसी लड़की को सच में किसी लड़की से प्यार हो जाता है, तो वो लड़का उस लड़की को खुशी से कहीं ज्यादा सच्चाई देता है। वो लड़की को सच्चाई की तरफ ले जाते है।

प्यार करने वाले लड़के वही करते हैं जो उनके प्यार के लिए अच्छा होता है भले ही कभी-कभी लड़कों का प्यार समझना मुश्किल होता है, लेकिन लड़के हर कीमत पर लड़की का अच्छा ही चाहते हैं। ‌

उदाहरण के लिए कोई लड़की अगर कमजोर है जो बाहर नौकरी करने से, घर से बाहर कोई भी जरूरी काम करने में हिचकती है तो लड़का अगर वाकई उससे प्रेम करता होगा और उसकी भलाई की कामना करता होगा!

तो वो कहेगा देखो दोस्त! तुम्हारे अन्दर दूसरों पर निर्भर रहने की कमजोरी है और मैं चाहता हूँ की तुम्हारे भीतर ये डर निकले और तुम बिंदास होकर जिन्दगी जियो!

6. प्यार होने पर लड़का किसी से भी लड़ जाता है!

प्यार में लड़का बागी बन जाता है। प्यार हो जाने के बाद उसमें एक अजीब सी क्रांति आ जाती है। क्योंकि प्यार जब लड़की को होता है, तब वो खुद बस नहीं रहता जैसे दूसरे लोग होते हैं जैसे पहले वो खुद हुआ करता था।

लेकिन प्यार होने पर लड़की का पूरा व्यक्तित्व बदल जाता है। प्यार होने के बाद क्या होता है ? इस आर्टिकल को पढ़कर आपको इस बारे में और गहराई से समझ आएगा।

प्यार में लड़के लड़की की भलाई के लिए खुद से तक लड़ जाते हैं। जो कोई भी लड़की के विदाई के रास्ते में आता है! लड़के उनसे झगड़ा करने से पहले 1 मिनट भी नहीं सोचते हैं। प्यार में लड़के ये नहीं देखते कि उनके सामने कौन है, बलजी प्यार में लड़के को सिर्फ उस लड़की की आजादी का ख्याल रहता है जिनसे वो प्यार करते है।

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Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि प्यार में लड़का क्या करता है? इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगे हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए। क्योंकि इस आर्टिकल को पढ़ने में लड़कियों को जितना कुछ जानने को मिलेगा, उतना ही लड़कों को भी मिलेगा।

प्यार कितनी बार हो सकता है? एक बार दो बार जानें सच्चाई!

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प्यार कितनी बार हो सकता है: दोस्तों, क्या आपने कुछ कुछ होता है फिल्म देखीं हैं? उस फिल्म में शाहरुख खान को पहले रानी मुखर्जी से प्यार होता है और फिर उसके बाद काजोल से!

प्यार कितनी बार हो सकता है

आज तक हमने इस तरह की कई फ़िल्में देखी हैं जिसमें लड़का या फिर लड़की को उनके जिंदगी में एक से ज्यादा बार प्यार होता है। सिर्फ फिल्मों की भी बात नहीं है, असल जिंदगी में भी लोग कई बार प्यार करने का दावा करते हैं।

शायद आप ने खुद भी ऐसे लोगों को देखा हो, जिन्हें एक से ज्यादा बार किसी से प्यार हुआ है या फिर हो सकता है कि आपको खुद अपनी जिंदगी में एक से ज्यादा बार किसी से प्यार हुआ हो।

एक से ज्यादा बार प्यार करने की बात लोगों को अक्सर गलत लगती है कई बार तो लोग मजाक भी बनाते हैं। जिस वजह से लोगों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि प्यार कितनी बार हो सकता है?

अगर आप के मन में भी यह सवाल आया है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज हमने इस आर्टिकल में इसी टॉपिक पर बात की है। लेकिन लोगों को प्यार कितने बार हो सकता है, इस बारे में बात करने से पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आपके लिए प्यार का मतलब क्या है ?

प्यार का मतलब क्या है?

ज्यादातर लोगों के लिए प्यार का मतलब किसी के साथ रिलेशनशिप में जाना होता है। जब दो लोग आपस में एक दूसरे को देखकर आकर्षित होते हैं, एक दूसरे के बारे में सोचते हैं तो इसी को प्यार का नाम दे दिया जाता है!

देखिये प्यार का मतलब रिलेशनशिप में आना नहीं है। दो लोगों के आपस में शारीरिक रूप से मिलन को प्रेम नहीं कहा जाता! प्रेम होने के लिए इन्सान का मन स्वच्छ निर्मल होना चाहिए!

यानि जब इन्सान अपने से ज्यादा परवाह दूसरे की करने लगे, यानी उसके लिए दूसरे की भलाई अपने से अधिक जरूरी हो जाये तो समझ लीजिये उसे प्यार हो गया है!

आवश्यक नहीं एक इन्सान को प्रेम किसी दूसरे इन्सान से हो, प्यार तो मनुष्य को ईश्वर द्वारा दिया गया तोहफा है वो उसे जितना बांटता है उतना बढ़ता है!

जब कोई कहता है की वो किसी एक इन्सान से प्रेम करता है तो उसका अर्थ होता है की वो किसी ख़ास इन्सान की ख़ुशी के लिए दूसरे को भी तकलीफ देने को तैयार रहेगा! पर जब इन्सान सभी से प्रेम करता है तो सभी की भलाई करना उसका लक्ष्य होता है!

संत कबीर दास जी प्रेम को लेकर कहते हैं की दुनिया भर के शास्त्रों का ज्ञान हासिल करने वाला इन्सान पंडित नहीं होता, बल्कि वो व्यक्ति जो प्रेम शब्द को समझ ले, प्रेम को जीवन में अपना ले उसका जीवन सार्थक हो जाता है!

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोय।

ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।।

जब किसी को सच्चा प्यार होता है तो वो बड़ा बेफिक्र हो जाता है, वो निर्भय, निस्वार्थी हो जाता है अतः जिस इन्सान को वो प्यार करता है वो उसे प्रेम करता है या नहीं उसे इस बात से भी कोई मतलब नहीं हो जाता!

सच्चे प्यार में इन्सान को एक तरह की खुमारी छाई रहती हैं, प्यार में होने पर आप अपने प्रेमी को बेहतर से बेहतर चीज देने की कोशिश करते हैं और उन्हें नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करते हैं।

प्रेम को और बारीकी से समझने में ये पोस्ट पढ़ें साथ ही ये विडियो आपके काम आएगा!

प्यार कितनी बार हो सकता है?

मैं यदि आपसे पूछूं की जिन्दगी में बीमारी कितनी बार होती है? तो आप बोलेंगे अरे भाई! इन्सान के पैदा होने से मरने तक बीमारी अनेकों बार हो सकती है, इसकी कोई फिक्स संख्या थोड़ी होती है!

इसी तरह जिन्दगी में प्यार ऐसी चीज़ नहीं है जसे गिना जा सके! अतः हम कह सकते हैं की जब इन्सान जान लेता है की प्यार क्या होता है? और जिन्दगी में उसे किसी से प्रेम होने लगता है तो यह प्यार बरक़रार रहता है!

प्रेम को जो समझ लेते हैं, फिर उनका प्रेम खुले आकाश जैसा होता है! यानी वो किसी व्यक्तिगत इन्सान से नहीं अपितु ढेर सारे लोगों को अपना प्रेम बांटते हैं!

आप प्राचीन ऋषि मुनि, दार्शनिक, स्वतंत्रता सेनानी किसी को भी देख लीजिए क्या वह किसी एक खास व्यक्ति से प्यार करते थे ?

नहीं न, उनके हृदय में प्रेम समस्त मानवता के प्रति और जीवन जन्तुओं के प्रति था!

अतः प्यार की अगर गिनती होगी तो वो बिल्कुल ही गलत बात है! क्योंकि अगर आप बोलेंगे कि आपको किसी खास व्यक्ति से प्यार है, तो मैं आपसे पूछूंगी क्या आपको अपनी पढ़ाई से या फिर आप के काम से प्यार नहीं है?

फिर आप कहेंगे कि मुझे उससे भी प्यार है, जब प्यार इतनी सारी चीजों से किया जा सकता है तो आप बताइए क्या प्यार की कोई गिनती हो सकती है ?

क्या दूसरी बार प्यार हो सकता है?

जी बिल्कुल हो सकता है, क्योंकि जब आप में प्यार का भंडार है। तो आप उसे प्यार को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बांटना चाहेंगे। आप नहीं चाहेंगे कि आपका प्यार सिर्फ एक ही इंसान तक सीमित रह जाए।

आपको दूसरी बार क्या तीसरी चौथी पांचवी बार भी प्यार हो सकता है। देखिए प्यार आपको बार-बार नहीं होता

बल्कि आप अलग-अलग लोगों को अलग-अलग कार्यों को अपना प्यार देते हैं।

इसलिए ये बोलना बंद कीजिए कि मुझे एक बार प्यार हुआ है दो बार प्यार हुआ है बल्कि ये कहना शुरू कर दीजिए मुझे एक इंसान से प्यार है, दो इंसान से प्यार है।

क्या 4 बार प्यार में पड़ना संभव है?

बिल्कुल संभव है, क्योंकि प्यार में होने पर आप सिर्फ एक इंसान की भलाई नहीं सोचते बल्कि आपके लिए हर किसी की भलाई जरूरी हो जाती है। आप के सामने जो कोई भी है, जिसे आपको लगता है कि प्यार की जरूरत है।

उन्हें अपनी जिंदगी में ऊंचा उठने की जरूरत है या फिर जिसे आप बेकार लोगों की तरह जीते हुए नहीं देख सकते हैं। आपको उससे प्यार हो जाता है।

आप चार बार तो क्या 10 बार 20 बार 30 बार भी प्यार में पड़ सकते हैं। क्योंकि प्यार खुले आकाश की तरह होता है जिसमें हर किसी के लिए जगह है।

कैसे पता चलेगा की आप प्यार में हैं?

प्यार में होने की भी अपनी एक अलग मौज होती है। जब आप किसी के प्यार में होते हैं आपके अंदर एक अलग सा ही होश आ जाता है। आप चीजों को गहराई से समझ पाते हैं।

हर समय आपके दिमाग में सिर्फ आपका प्यार ही छाया होता है। आप जितने भी काम करते हैं, अपने प्यार को ध्यान में रखकर करते हैं!

कोई आपको प्यार के बदले प्यार दे यह सब आपके लिए कोई मायने नहीं रखता। बल्कि अगर कुछ मायने रखता है तो ये कि आप अपने प्यार को कितना ऊंचा पहुंचा सकते हैं।

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प्यार होने के बाद क्या होता है? जानें सच्चाई!

Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे कि प्यार कितनी बार होता है ? आप एक बार प्यार को सीख लीजिए उसके बाद आप के मन में इस तरह का सवाल कभी नहीं आएगा क्योंकि प्यार को समझ लेने के बाद आप सिर्फ प्यार ही प्यार बाटेंगे।

इस पोस्ट में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए हो सकता है कि जो बातें मैंने आपको बताई है, हो सकता है कि वो आपको एक बार में समझना है। लेकिन आप बार-बार इस आर्टिकल को पढ़ते रहे तब तक जब तक आपको बात सही से समझ नहीं आ जाती।

प्रेम क्यों होता है? जानें प्रेम की असली वजह!

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प्रेम क्यों होता है: दोस्तों प्यार में पड़ना लोगों के लिए एक बहुत ही दिलचस्प एक्सपीरियंस होता है! हर इंसान के दिल में प्यार में पड़ने की इच्छा जरूर होती है। ताकि वो भी प्यार को महसूस कर सके। आपने देखा होगा कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी जिंदगी का खुद का कोई ठीक ठिकाना नहीं होता, लेकिन वो भी प्यार में होने का दावा करते हैं।

प्रेम क्यों होता है

कोई लड़की जिंदगी में आई नहीं की लड़का कहना शुरू कर देता है कि मुझे प्यार हो गया है! पर क्या कभी आपने सोचा है कि किसी को भी किसी से प्यार क्यों होता है? ऐसी कौन सी चीज है जिसकी वजह से लोग प्यार में पड़ जाते हैं! अगर आपके मन में सवाल आया है कि प्रेम क्यों होता है? तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल को पढ़ रहे हैं।

प्रेम क्यों होता है?

लोगों को प्यार होने के बहुत से कारण होते हैं जैसे –

  • किसी भी इंसान को प्यार इसलिए होता है क्योंकि वो अपनी आंतरिक कमी को पूरा करना चाहते हैं। लोगों को लगता है की अगर उन्हें किसी से प्यार नहीं हुआ तो वो अधूरे हैं, इसीलिए अपनी जिंदगी के इस अधूरे पन को पूरा करने के लिए लोग प्यार में पड़ते हैं।
  • लोग प्यार इसीलिए करते हैं ताकि उन्हें अपने पार्टनर से शारीरिक सुख की प्राप्ति हो सके।
  • जब किसी को किसी के प्रति आकर्षण हो जाता है तो उस आकर्षण को ही आप प्यार का नाम दे देते हैं।
  • अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए लोगों को प्रेम होता है! कहने का मतलब ये है कि सभी देख रहे हैं समाज में हर कोई किसी न किसी से प्यार कर रहा है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी से प्यार नहीं करता है, तो वो समाज से अलग माना जाएगा इसीलिए समाज में बने रहने के लिए भी लोग प्यार में होने का दावा करते हैं।

• शरीर में हो रहे शारीरिक बदलाव और मानसिक बदलाव के कारण लोगों को अपने अपोजिट जेंडर से प्यार हो जाता है।

  • जब किसी को कोई बहुत अच्छा लगने लगता है तब उसे उससे प्यार हो जाता है।
  • लोगों को प्यार इसलिए होता है ताकि वो अपने पार्टनर के साथ खुश रह सके।
  • किसी से बातें करना जब आपको अच्छा लगने लगता है, आपको लगने लगता है कि वो व्यक्ति आपको सबसे ज्यादा समझता है। तो आप उसकी तरफ आकर्षित होने लगते हैं और यही आकर्षण फिर प्यार में बदल जाता है।

लोग प्यार में सिर्फ इन्हीं कुछ कारणों की वजह से पड़ जाते हैं मतलब लोगों के यही कुछ कारण होते हैं। जबकि ये सारे कारण ही बेकार के हैं क्योंकि जब आपको किसी से सच्चा प्यार होता है तो आप को इस तरह की चीजें महसूस नहीं होती हैं।

सच्चा प्रेम क्यों होता है?

सच्चा प्रेम किसी की जिंदगी में क्यों आता है, ये समझने के लिए पहले आपको प्रेम को समझना होगा। देखिए हमारे मन में गुस्सा, नफरत, लालच खुशी, दुख जैसे कई तरह की भावनाएं होती हैं पर प्यार भावना नहीं है बल्कि ये मन की ऐसी अवस्था होती है।

जिसमें आप वो नहीं रहते जो आप पहले हुआ करते थे, आप दूसरे के लिए जीने लगते हैं, आप में किसी से कुछ पाने की इच्छा नहीं होती बल्कि आप सिर्फ दूसरों को देते हैं। जब कोई अचानक से अपनी जिंदगी में ये सारी चीजें करने लगता है तो समझ जाइए कि उसे प्यार हो गया है।

पर इस तरह का प्रेम क्यों होता है? अगर आपको ये समझना है, तो नीचे दिए गए points को ध्यान से पढ़ें –

1. सही रास्ते पर चलने के लिए होता है प्यार!

चाहे कोई इंसान अपनी जिंदगी में कितना ही confuse क्यों ना हो, उसे पता ना हो कि उसे जिंदगी में क्या चाहिए! भले ही वो अपनी जिंदगी बेकार तरीके से जी रहा हो।

लेकिन जब किसी को किसी से प्यार होता है, तब प्यार इंसान को गलत रास्ते पर चलने ही नहीं देता। ‌अगर कोई इंसान आपसे सच में प्यार करता है या फिर करती हैं! तो वो आपको अंधेरे से उजाले की तरफ लेकर आएगा या आएगी। ‌

अगर आपको किसी काम से या फिर किसी भी चीज से प्यार है तो आपका प्यार आपको बार बार यही बतायेगा की तुम्हे सही रास्ते पर चलना है।

उदाहरण के लिए आपको बेजुबान जानवरों से बहुत प्यार है, आप कहते हैं मैं इन बेचारों की हत्या होते हुए नहीं देख सकता मैं कुछ ऐसा जीते जी जरुर करूँगा ताकि इन बेचारों की जान बच सके!

अब जाहिर सी बात है ये काम लगभग असम्भव दिखता है, दुनिया में करोड़ों जानवर हैं जो रोजाना इन्सान के स्वाद के लिए मारे जाते हैं लेकिन फिर भी आप अपने आलस, डर को पीछे छोड़ के लोगों को जानवरों के प्रति जागरूक करते हैं तो भला इससे बढ़िया काम क्या हो सकता है?

इसलिए कहते हैं एक आलसी, स्वार्थी, डरपोक इन्सान को भी सुधार देता है प्रेम!

2. अपने स्वार्थ को दूर करने के लिए होता है प्यार!

जब आपको प्यार होता है तो आप स्वार्थी नहीं रह सकते! मतलब आप सिर्फ अपने बारे में नहीं सोच सकते क्योंकि प्यार आपको स्वार्थी रहने देता ही नहीं। अगर आपको किसी से प्यार है तो आप कभी भी ये नहीं चाहेंगे कि मुझे उससे ये मिल जाएगा, वो मिल जाएगा।

बल्कि हर समय आपके मन में यही रहेगा की आप अपने प्यार को क्या दे सकते हैं! प्यार आपको निस्वार्थ भाव से जीना सिखाता है और बिना किसी फायदे की चीजों को करने का हौसला देता है। एक सच्चा प्रेमी तब प्रेम करता है जब उसे अपने स्वार्थ को मिटाना होता है।

3. खुद को होश में लाने के लिए होता है प्यार!

प्यार करने से पहले भले ही आपकी जिंदगी कैसी हो, लेकिन जब आप प्यार में होते हैं या फिर आपको किसी से प्यार हो जाता है। तो आप को खुद-ब-खुद होश आ जाता है।

प्यार में आने के बाद आपको समझ आता है की पहले आप कितनी बेमतलब जिंदगी जी रहे थे। ‌जो लोग प्यार को समझते हैं और इसकी ताकत को जानते हैं!

वो प्यार तब करते हैं जब उन्हें अपने अंदर की बेकार चीजों को खत्म करना होता है, खुद को आइना दिखाना होता है, अपनी कमियां देखना होता है।

4. जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए होता है प्यार!

प्यार हमेशा किसी इंसान से हो जरूरी नहीं है! अगर आपको किसी इंसान में ऐसा प्यार मिल जाए जो आपको जिंदगी में कुछ बड़ा करने, किसी अच्छे मुकाम पर जाने के लिए प्रेरित करता है।

तो इससे अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता है। क्योंकि प्यार हमेशा आपको अपने जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए ही प्रेरित करता है और आपको अपनी जिंदगी में grow करने में मदद करता है।

चाहे आप कोई भी चीज क्यों ना करते हो अगर आपको अपने काम से प्यार नहीं है तो आप कभी भी अपने काम में कुछ बड़ा नहीं कर पाएंगे। चाहे काम हो या फिर कोई भी चीज अगर आपको इस चीज को ऊंचाई तक ले कर जाना है तो आपको इससे प्यार करना होगा।

5. जब आपको किसी से कोई उम्मीद नहीं होती तब होता है प्यार!

ज्यादातर लोग यही सोचते हैं की उनके जिंदगी में किसी के आ जाने से रंग भर जाएंगे, बहार आ जाएगी। पर ये सब बिल्कुल बेकार बात है क्योंकि किसी के जिंदगी में आने से आपकी जिंदगी में खुशी नहीं आती।

यही कारण है कि लोग अक्सर कहते हैं कि मैं रिलेशनशिप में आने से पहले और शादी करने से पहले बहुत खुश था लेकिन जैसे ही मैं रिलेशनशिप में आया या फिर जब से मेरी शादी हुई है तब से मैं दुखी हूं!

ऐसा क्यों भाई, जब आपने अपनी खुशी पाई है तो आपको खुश होना चाहिए पर ऐसा होता नहीं है ऐसा इसलिए नहीं होता क्योंकि कोई भी इन्सान आपको खुशी नहीं दे सकता।

इसलिए समझदार लोगों को प्यार तब होता है जब उन्हें किसी से भी कोई उम्मीद नहीं होती। वो दूसरों से कुछ भी पानी की इच्छा नहीं रखते, वो जानते हैं कि दूसरा उन्हें कुछ भी नहीं दे सकता है।

6. जब आप खुद को complete feel करते हैं तब होता है प्यार!

सच्चे प्रेम में व्यक्ति के पास खुद ही पहले से बहुत सारा प्यार होता है, तब वो प्यार में पड़ते हैं। वो प्यार इसलिए नहीं करते ताकि उन्हें किसी के प्यार देने से ख़ुशी मिल जाये! बल्कि वो इसलिए प्यार करते हैं, क्योंकि उनके पास बहुत प्यार है और वो दूसरों के साथ प्रेम बाँट रहे हैं!

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Conclusion

मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे कि प्रेम क्यों होता है ? किसी से प्यार करना या फिर यह कहना कि मुझे प्यार हो गया है एक बार जरूर सोचिएगा। क्योंकि प्यार करना कोई आसान चीज नहीं है।

प्यार में आपको बहुत कुछ खोना भी पड़ता है, प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं है।‌ इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगी हो तो उसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिए।

प्यार में होने के 7 लक्षण | सच्चे प्यार को ऐसे परखें!

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दोस्तों हमने यही सुना होता है की जब किसी को किसी से प्यार होने लगता है तो उसके दिल में घंटियां बजने लगती हैं, दिल जोर-जोर से धड़कता है! लेकिन क्या सच में प्यार होने पर ऐसा ही लगता है? क्या यही प्यार में होने के लक्षण है?

प्यार होने के लक्षण

सवाल आता है अगर आपको किसी से प्यार हो गया लेकिन आपको इस तरह की कोई चीज महसूस नहीं हुई तो क्या आपको प्यार नहीं होगा! अलग-अलग लोग प्यार के बारे में अलग-अलग बातें कहते हैं, प्यार होने के अलग-अलग लक्षणों के बारे में बताते हैं।

प्यार होने के लक्षण

अगर आप सच में जानना चाहते हैं कि प्यार होने के लक्षण क्या होते हैं या फिर कैसे पता चलता है कि आपको किसी से प्यार हुआ है ? तो आप बिल्कुल सही पोस्ट को पढ़ रहे हैं इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको दोबारा ये सवाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

#1. प्यार होने पर आपकी नींद उड़ जाती है!

प्यार हो जाने पर आपको नींद नहीं आती, अब आप ये मत समझ लेना कि मेरे बोलने का मतलब यह है की आप अपने प्रेमी के ख्यालों में या फिर प्रेमिका के ख्यालों में सारी रात खोए रहते हैं या फिर उनके मैसेज के इंतजार में राते काटते हैं।

ज्यादातर लोगों के लिए प्यार में नींद उड़ने का मतलब यही होता है। लेकिन जब आपको किसी काम से या इन्सान से प्यार होता है! तो आप उसके लिए अपनी नींद को छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं!

मान लीजिए आपको किसी इंसान से प्यार है और उस इंसान के लिए आप खुद को बेहतर बनाना चाहते हैं। तो उसकी भलाई की खातिर आप खुद को बेहतर बनने के रास्ते में आप नींद को भी नहीं आने देंगे।

मान लीजिए आप एक खिलाड़ी हैं और आपके लिए खेल में अच्छा करना जरूरी है तो आप अपने खेल के लिए अपनी नींद को भी छोड़ देंगे! तो इसे कहते हैं प्यार होना।

#2. आप अपने प्रेम के प्रति झुकने लगते हैं!

अच्छा ये बताइए कि क्या आप दूसरों के सामने झुकते हैं? आपका जवाब नहीं होगा! क्योंकि किसी को भी दूसरों के सामने झुकना पसंद नहीं होता। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम किसी के सामने झुकने की बात करते हैं तो हमारी Ego को ये चीज पसंद नहीं आती है।

लेकिन जब आप को किसी से प्यार हो जाता है तो आप उसके सामने झुकने को भी तैयार हो जाते हैं। क्योंकि तब आपका प्यार आपके लिए सबसे बड़ा होता है और यहीं से तो समर्पण की शुरुआत होती है।

ऐसा नहीं है कि किसी लड़के या फिर लड़की के सामने झुकने को प्यार कहते हैं बल्कि अगर आप अपने काम के लिए झुकने को तैयार रहते हैं, तो इसका मतलब है कि आप प्यार में हैं! आपको अपने काम से बहुत प्यार है।

उदाहरण के लिए आपको दिख रहा है कोई काम इस समय करना बहुत जरूरी है, और यदि आप उस काम के लिए अपने ऐशो आराम छोड़कर उसे पूरा करने के लिए निकल पड़े हैं तो जान लीजिये आपको उस काम से प्रेम है!

#3. आप खुद से भी प्यार करने लगते हैं!

जब आपको लगे कि आपको किसी से प्यार हो गया है तो ये पता करने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक बार खुद को देख लीजिए। क्या आप पहले से बदल रहे हैं?

देखिये जब प्यार होता है न तो इन्सान के लिए खुद को बदलना एक मजबूरी सी बन जाती है, वो कहता है मैं तो कमजोर, डरपोक इन्सान हूँ और मेरे भीतर तमाम तरह की कमियां हैं अगर मैं ऐसा ही रहा तो मैं अपने प्रेम को कैसे पाऊंगा!

तो ये सोचकर इन्सान न चाहते हुए भी खुद को प्यार करने लगता है, खुद की जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए काम करने लगता है!

तो अगर आप देख रहे हैं कि किसी के जिंदगी में आने के बाद या फिर यूं कहें कि जब आपको कोई अच्छा लगने लगा है उसके बाद आप खुद को भी अच्छे लगने लगे हैं।

तो समझ लीजिए आप प्यार में हैं! क्योंकि जब आप खुद से प्यार करते हैं आप अपने साथ कुछ बुरा नहीं कर सकते, अगर आपको दिख रहा है कि आपके लिए कुछ सही नहीं है आप उसे छोड़ देते हैं! प्यार में यही तो होता है, अगर आपके साथ यह सारी चीजें हो रही है, तब ये तो अच्छी बात है।

#4. प्यार होने पर आप अपने डर को भी जीत लेते हैं !

हम सभी को किसी ने किसी चीज से डर लगता हैं। पर अपने डर का सामना करने की हिम्मत बहुत कम लोगों में होती है। हम सब यही चाहते हैं की किसी भी तरह से हमारा डर हमसे पीछे छूट जाए, हमारा डर कभी हमारे सामने ना आए।

लेकिन जब आपको प्यार होता है तो आप अपने डर को भी जीत लेते हैं! मान लीजिए आपको पानी से डर लगता है और आप कभी भी पानी के आस पास जाना भी नहीं चाहते हैं क्योंकि आपको इस बात का डर होता है कि अगर आप पानी की तरफ जाएंगे। तो आप डूब जाएंगे!

इसलिए आप जितना हो सके उतना पानी से दूर रहते हैं, लेकिन मान लीजिए जिस इंसान से आप प्यार करते हैं अगर वो आपके सामने पानी में डूब रहा हो, तो इस बात में कोई शक नहीं है कि आप बिना कुछ सोचे समझे पानी में चले जाएंगे ताकि आप अपने प्रेमी को बचा सके।

प्यार इसे ही कहते हैं, प्यार में लोग अपने डर को जीत लेते हैं! अपनी प्रेमी के भलाई के लिए अपने डर के जंजीरों को तोड़ देते हैं। अगर आपको लग रहा है कि आप भी किसी के लिए अपने अंदर को पीछे छोड़ सकते हैं, उनके लिए अपने हर बंधन को मिटा सकते हैं तो वो प्यार है।

#5. प्यार होने पर आप खुद को बदलने के लिए भी तैयार होते हैं!

किसी भी इंसान को खुद को बदलना पसंद नहीं होता! हम सोचते हैं कि हम जैसे हैं वैसे ठीक है! भले कहीं ना कहीं हमें पता हो कि हमारी हालत सही नहीं है। लेकिन हम फिर भी खुद को बदलते नहीं है।

पर जब हमें किसी व्यक्ति से या फिर किसी चीज से प्यार होता है, तो हम उस प्यार के लिए खुद को बदलने को भी तैयार हो जाते हैं। चाहे हमारी कोई आदत या फिर कोई भी चीज हमें पसंद ही क्यों ना हो हम अपने प्यार के लिए उसे भी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं।

आपने movies वगैरह में देखा होगा, जब किसी गुंडे बदमाश जैसे लड़के को लड़की से प्यार हो जाता है। तो वो अपने प्यार के लिए सिर्फ अपनी आदतें ही नहीं बल्कि अपने व्यक्तित्व (पर्सनैलिटी) को भी बदल देता है।

अगर आपकी जिंदगी में कुछ ऐसा हैं जिससे आपको प्यार हो गया है या फिर कोई इंसान है जिसे आप अपना प्रेमी कहते हैं! आप उनके लिए खुद को बेहतर बनाने और बदलने को तैयार है। तो समझ लीजिए आपको प्यार हो गया है।

#6. आप अपने प्यार के प्रति समर्पित हो जाते हैं!

जब आप किसी के प्यार में होते हैं तो आपकी जिंदगी की सारी चीज़ें आपके प्यार के चारों तरफ घूमने लगती हैं। आप हर समय आपने प्यार के बारे में सोचते हैं!

आपके मन में घूम घूम कर यही बात आती है कि आप अपने प्रेमी के लिए अच्छे से अच्छा क्या कर सकते हैं या फिर जिस चीज से आपको प्यार है आप उसे चीज को बेहतर करने के लिए क्या कर सकते हैं।

चाहे आप कोई भी काम करो या फिर किसी के भी साथ रहो आपको अपने किसी व्यक्ति या किसी खास चीज का ख्याल आता रहता है। तो समझ लीजिए कि आप प्यार में है और आपको बड़ा ही गहरा प्यार हुआ है।

क्योंकि हम इंसान बड़े स्वार्थी होते हैं हम किसी भी चीज को पूरे मन से चाहा ही नहीं पाते हैं। हम हर चीज में व्यापार करते हैं जहां कुछ अच्छा मिला नहीं कि हम वहां चल देते हैं। पर जब आपके सामने बहुत सारी चीज हो यानी कि आपके सामने बहुत सारे विकल्प हो!

लेकिन फिर भी आपके लिए अपने प्यार से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं है तो यह भी प्यार का ही लक्षण है क्योंकि प्यार में समर्पण होता है। और इस समर्पण के बाद चाहे आपके सामने कुछ भी कितना ही अच्छा, attractive क्यों ना आ जाए आपका मन भटकता नहीं है।

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FAQ

प्यार होने पर क्या महसूस होता है?

प्यार होने पर कुछ महसूस नहीं होता बल्कि आपके अंदर जो भी feelings होती है, वो आपके प्यार को समर्पित हो हैं।

सच्चे प्यार के क्या लक्षण होते हैं?

अपने प्यार की भलाई चाहना, उनके लिए अपने डर को भूल जाना, अपने स्वार्थ को भूल जाना, यही सच्चे प्यार के लक्षण होते हैं।

 कैसे पता चलेगा कि आप किसी को पसंद करते हैं?

जब आपको कोई पसंद आ जाएगा तो आप उसी के बारे में सोचने लगेंगे, खुशी को ध्यान में रखकर सब कुछ करने लगेंगे।

Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल में मैंने आपको प्यार में होने के लक्षण के बारे में बताया है! हो सकता है कि इस पोस्ट में बताई गई बातें उन बातों से अलग हूं कि रातों को नींद नहीं आती, दिल का चैन चला जाता है। पर ये सारी बातें फिल्में होती हैं लेकिन प्यार फिल्मी नहीं होता।

प्यार बहुत ही गहरी चीज है अगर आप इसे समझना चाहते हैं तो हमारे ब्लॉग के आर्टिकल जरूर पढ़ें। अगर आपको मेरी कहीं बातें अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिए।

प्यार होने के बाद क्या होता है? जानें सच्चाई!

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प्यार होने के बाद क्या होता है: दोस्तों, लोग अक्सर कहते हैं की प्यार होने के बाद आप वो नहीं रहते जैसे आप पहले थे। शायद आपने खुद भी लोगों को देखा होगा कि प्यार हो जाने के बाद वो बिल्कुल ही बदल गए। कुछ लोगों में प्यार के बाद अच्छे बदलाव आते हैं, तो कुछ में बुरे!

प्यार होने के बाद क्या होता है

अगर आपको भी किसी से प्यार हो गया है और आप जानना चाहते हैं कि प्यार होने के बाद क्या होता है ? जिंदगी किस तरह से बदलाव आते हैं तो आप ने बिल्कुल सही आर्टिकल पर क्लिक किया है। क्योंकि आज का हमारा विषय यही है इसीलिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।

प्यार होने के बाद क्या होता है ?

मैंने पहले भी कई आर्टिकल में आपको प्यार के बारे में बताया है! प्यार क्या है ? ये जान लेने के बाद आप शायद प्यार करने से पहले या फिर यूं कहें कि मुझे प्यार हो गया है! ये कहने से पहले जरूर सोचेंगे। अगर आपने उस आर्टिकल को नहीं पढ़ा है तो मैं आपको यही कहूंगी कि इस आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले आप एक बार प्यार को समझ लीजिए।

जब आपको प्यार समझ में आ जाएगा तब तो आप में ये जानने की उत्सुकता और बढ़ जाएगी कि प्यार हो जाने के बाद क्या होता है? देखिए, प्यार कोई एहसास या फिर फीलिंग नहीं है। जो आपको हो गई तो आपकी धड़कनें तेज हो गई या फिर आपके बैकग्राउंड में violin बजने लगे।

प्यार एक जिम्मेदारी है और जब आपको किसी दूसरे से प्यार होता है। तब आप वैसे रही नहीं पाते हैं जैसे आप हैं। मैं ये नहीं बोल रही हूं की दूसरा आपके ऊपर डिपेंड हो जाता है बल्कि dependent वगैरा वाली कोई बात ही नहीं होती जब आपको प्यार होता है।

तो आपका एकमात्र उद्देश्य अपने प्रेमी के बारे में शुभ सोचना अथवा उसका भला करना होता है। जब आप को किसी से प्यार होता है तो उसके बाद आपकी जिंदगी में ये सारी चीजें होती हैं –

1. आप वो नहीं रह पाते हैं, जो आप पहले थे !

जब आपको किसी से प्यार होता है तो प्यार करने के लिए भी आपको उसके लायक बनना पड़ता है। कहने का मतलब यही है की प्यार करने के लिए भी आपको खुद में अच्छे बदलाव लाने पड़ते हैं। जिस वजह से आप या फिर कोई भी वैसा नहीं रहता है जैसे वो पहले हुआ करता था।

अब देखो यहां पर मैं सड़क छाप रोमियो की बात नहीं कर रही! बल्कि हीर रांझा, रोमियो जूलियट जैसे आशिकों की बात कर रही हूं। जिन्होंने अपने प्यार के लिए अपना अस्तित्व तक खो दिया। जब प्यार उनके जिंदगी में आया तो वो पूरी तरह से अपने प्यार के प्रति समर्पित हो गए और प्यार में समर्पण जरूरी भी है।

प्यार में समर्पित होने का अर्थ है अब आपके लिए जिन्दगी में अपने प्रेम से बड़ा कोई नहीं है! आप अपने प्रेम के प्रति समर्पित नहीं है, चाहे वो काम से हो या फिर किसी व्यक्ति से तो आप कभी भी प्यार की ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाएंगे और ना उस आजादी को महसूस कर पाएंगे, जो प्यार से मिलती है!

2. आप अपने स्वार्थ के बारे में सोचना छोड़ देते हैं !

जब आपको प्यार हो जाता है तो आप खुद के बारे में सोचना ही छोड़ देते हैं। चाहे हमारा कोई भी रिश्ता हो हम इंसान ऐसे ही हैं की हम लेने देने के बारे में ही सोचते हैं। क्योंकि हम हर जगह पर अपना स्वार्थ निकाल लेते हैं। लेकिन जब हमें प्यार होता है तब हम पाने से ज्यादा देने के बारे में सोचते हैं।

जब आप किसी से सच में प्यार करते हैं, तो आप ये नहीं सोचते की आप अपने प्यार से क्या ले सकते हैं।

बल्कि आपके मन में सिर्फ एक ही चीज आती है कि आप अपने प्यार को अच्छे से अच्छा बेहतर से बेहतर क्या चीज दे सकते हैं, कैसे उनकी तरक्की की वजह बन सकते हैं, कैसे अपने प्यार को और ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं!

3. दूसरे का अच्छा करना आपकी जिम्मेदारी बन जाती है!

जब आपको किसी से प्यार होता है तो आप अपने प्रेमी की तकलीफ को देख नहीं सकते हैं। आप देख ही नहीं पाएंगे की आपका प्रेमी किसी परेशानी में है, आप उसे हर परेशानी से निकलने की कोशिश करेंगें।

फिर भले ही ऐसा करने से आपका खुद का ही नुकसान क्यों ना हो। आप अपने प्रेमी के लिए सिर्फ अच्छा चाहेंगे! अक्सर लोग समझते हैं की किसी का अच्छा चाहने का मतलब होता है उससे प्यार भरी बातें करना, उसे खुश रखना!

नहीं भाई, ऐसा नहीं है! जब आपको किसी से प्यार होता है तो आप ये नहीं देखें की आप के प्रेमी की खुशी किस में है बल्कि आप ये देखते हैं कि आपके प्रेमी के लिए जरूरी क्या है ? कौन सी ऐसी चीज हैं, जिससे आपके प्रेमी की वास्तव में भलाई होती है!

4. आप अच्छे काम करने लगते हैं! 

देखिये प्यार जरूरी नहीं ह्मेशा किसी ख़ास इन्सान से हो, प्यार किसी काम से भी हो सकता है, ऐसा काम जिससे किसी इन्सान की तरक्की हो, भलाई हो!

वो काम कुछ भी हो सकता है, आज दुनिया में बहुत से ऐसे काम हैं जिन्हें करके लोगों का, जानवरों का, प्रकृति का भला हो सकता है, अगर आप किसी ऐसे काम को अपना प्रेम समझकर करने लगते हैं तो इससे बेहतर भला क्या हो सकता है!

जब आप अपने बारे में सोचना बंद करके दूसरे के बारे में सोचने लगते हैं तो आप एक निस्वार्थी इन्सान बनने लगते हैं ऐसा इन्सान जो बिना किसी कामना के कोई भी कर्म करे भले उसके काम गलत कैसे हो सकते हैं!

5. आप सही life style follow करने लगते हैं !

अब यहां बात को जरा ध्यान से समझना, अब क्योंकि आपको किसी से प्यार हो गया है। आप एक अच्छे इंसान बन गए हैं दूसरों के साथ अच्छा करने लगे हैं। तो एक बात बताइए क्या आप खुद के साथ बुरा कर सकते हैं ?

क्या एक अच्छा इंसान घटिया जिंदगी जी सकता है ? नहीं ना, क्योंकि उसके द्वारा किया गया सारा काम ही तो अच्छा होगा। अब जब सारी चीज अच्छी-अच्छी हो रही है तो प्यार हो जाने के बाद आपकी लाइफ स्टाइल में भी तो सुधार होगा।

ऐसा नही हो पायेगा की आप खुद तो बुरे हैं, और किसी दूसरे का भला चाहते हैं, बता दें प्यार होने के बाद आपके रहन-सहन और जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। जो कुछ गलत है, घटिया है उसे आप अपनी जिन्दगी से निकाल देते हैं!

6. आप अपने partner के साथ grow करते हैं !

जब आपको प्यार हो जाता है और आप अपने प्रेमी के लिए अच्छी चीजें चाहने लगते हैं। तो आप अपने प्रेमी को ऊंचा से ऊंचा कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं। पर मान लीजिए आपकी खुद की लाइफ ठीक नहीं है तो क्या आप अपने प्रेमी को कुछ बेहतर करने के लिए बोल पाएंगे

शायद नहीं क्योंकि हो सकता है कि अगर आप अपने प्रेमी को उनके लाइफ में से कुछ बेकार चीजों को हटाने के लिए कहेंगे या फिर कुछ अच्छा काम करने के लिए कहेंगे तो हो सकता है वो आप से सीधे पूछ ले कि बताओ क्या तुम अपनी लाइफ में कुछ करते हो जो मुझे बोल रहे हो।

जब आप अच्छे होंगे तो ही आप दूसरों को भी अच्छा होने के लिए बोल सकते हैं। ऐसा मत समझ लीजिएगा कि मैं आपको अपने प्रेमी से अपनी बात मनवाने के लिए खुद को बेहतर करने के लिए कह रही हूं।

नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि अगर आप अच्छे होंगे तो आप का जो प्रेमी है, वो आपको देखकर खुद बदलने की कोशिश करेगा या फिर करेगी।

क्योंकि आपके अच्छे होने पर आपके प्रेमी के मन में ये बात आने लगेगी कि अगर मेरा प्यार इतना अच्छा है तो मुझे भी अच्छा होना होगा। इस तरह से आप और आपका पार्टनर दोनों ही अपने जीवन में grow करेंगे।

7. आप अपने प्रेमी के life को influence करते हैं !

जैसा की मैंने आपके ऊपर वाले पॉइंट्स में ही बताया कि प्यार होने के बाद आप दूसरे की भलाई चाहने लगते हैं। जिससे भी आपको प्यार होता है आप उसे अपनी जिंदगी में कुछ बेहतर करते हुए देखना चाहते हैं और जब देखना ही नहीं चाहते बल्कि अपने प्रेमी को अपने जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं।

अब जब आप अपने प्रेमी को उनकी जिंदगी में अच्छे से अच्छा कुछ करने के लिए प्रेरित कर रही हैं या फिर उन्हें सच के करीब लेकर जा रहे हैं।

तो जाहिर सी बात है कि आप का प्रभाव आपके प्रेमी की जिंदगी पर पड़ेगा और कहीं ना कहीं ये प्रभाव पड़ना जरूरी भी है तभी आपका प्रेमी सही मायने पर अपनी जिंदगी में कुछ अच्छी चीजें कर पाएगा या कर पाएगी।

8. प्यार होने पर आपके बाकी रिश्ते भी बेहतर हो जाते हैं!

प्यार होना हलकी बात नहीं है, किसी से प्रेम करने के लिए यानि बिना कुछ चाहे किसी का भला चाहने के लिए बड़ी हिम्मत चाहिए! मन को निमर्ल करके इसे किसी की भलाई के लिए प्रेरित करना कोई आसान बात तो नहीं!

इसमें बड़ी हिम्मत चाहिए, क्योंकी हम तो स्वार्थी लोग होते हैं! लेकिन कड़ी साधना के बाद जब आप प्यार के काबिल बन जाते हैं तो क्योंकी प्यार तो ऐसी चीज ही नहीं है जिसे पकड़ कर रखा जाए या फिर इसे किसी एक के नाम कर दिया जाए।

अतः अब आपका रिश्ता न सिर्फ अपने प्रेमी के लिए बल्कि इस पूरे संसार के लिए अच्छा होने लगता है! अब आप ये नहीं सोचते की मुझे किसी की तारीफ़ मिल जाये तो मैं खुश रहूँगा!

प्यार होने पर आप पहले से ही खुश रहते हैं अतः बिना किसी कामना/इच्छा के आप दूसरों की भलाई के लिए तत्पर रहते हैं!

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Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे की प्यार होने के बाद क्या होता है? इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए ताकि सभी को पता चले कि आखिर प्यार होने के बाद होता क्या है!

प्यार कब होता है? जानें किस उम्र में कैसे होता है प्यार!

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प्यार कब होता है: दोस्तों प्यार करने की इच्छा सभी में होती है। सभी चाहते हैं की उनकी जिंदगी में कोई हो जो उन्हें प्यार करें या फिर जिनसे वो प्यार कर सके।‌ इसी वजह से लोग जल्दी प्यार में पड़ना चाहते हैं। ‌वो चाहते हैं उन्हें कोई मिले और उनसे उन्हें प्यार हो जाए।

प्यार कब होता है

जब लोग इस तरह से प्यार को ढूंढने की कोशिश करते हैं तो उनके मन में ये सवाल आता है की प्यार कब होता हैं ? अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहा है, तो आप बिल्कुल सही पोस्ट को पढ़ रहे हैं क्योंकि इसमें आपको आपके सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा।

प्यार कब होता है? जानें सच्चाई! 

1. जब आप प्यार करने के काबिल बन जाते हैं!

लोगों को लगता है कि जब वो बड़े या फिर जवान हो जाते हैं, तब उन्हें कोई पसंद आ जाता है और उनसे उन्हें प्यार हो जाता है। आजकल 16 – 17 साल के बच्चे प्यार में होने का दावा करते हैं और उसका कारण भी यही है। लेकिन प्यार ऐसे नहीं होता और ना ही प्यार तब होता हैं!

जब आप बड़े हो जाते हैं क्योंकि आपको बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो आप से उम्र में काफी बड़े हैं लेकिन उन्हें फिर भी कभी प्यार नहीं हुआ। कुछ लोग तो ऐसे हैं जो बिना प्यार किए ही अपनी पूरी married life गुजार देते हैं।

ऐसे में अगर आप भी यही सोचते हैं कि बड़ा होने से प्यार होता है! ये बिल्कुल ही गलत सोच है। क्योंकि एक इंसान को प्यार सच में तब होता है जब वो प्यार करने के काबिल बनता है ! शायद आप सोच रहे होंगे कि प्यार करने के लिए कौन सी काबिलियत चाहिए।

प्यार तो किसी को भी किसी से भी हो जाता है। हां, आपकी बात सही है लेकिन वो प्यार झूठा होता है! हम यहां सच्चे प्यार की बात कर रहे हैं।

आप सच्चा प्यार तब कर सकते हैं। जब आपका मन निर्मल हो, जब आपके लिए अपने स्वार्थ से ज्यादा किसी दूसरे की भलाई बड़ी बात हो! और आज के जमाने में तो अधिकतर लोग प्यार के नाम पर स्वार्थ के रिश्ते बनाते हैं!

2. जब आप खुद से प्यार करते हैं!

आजकल जिसे देखो सभी आप को relationship में ही मिलेंगे। बहुत ही कम लोग होंगे जो आपको single मिलेंगे। क्योंकि किसी को भी single नहीं रहना है हर कोई यही चाहता है कि उसे जल्दी से कोई पार्टनर मिल जाए।

यही कारण भी है की ज्यादातर लोग अपना पार्टनर ढूंढने के लिए tinder, bumble जैसी साइट्स पर भटकते रहते हैं। क्योंकि किसी को भी अकेले नहीं रहना है जब भी वह अकेले होते हैं, तो उनका खालीपन उन्हें बहुत भारी लगता है।

उन्हें लगता है कि अगर उनके जिंदगी में कोई आ जाएगा तो उनका खालीपन खत्म हो जाएगा। इसीलिए वो प्यार होने का इंतजार करते हैं। लोग ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वो खुद से प्यार नहीं करते।

जबकि असली बात तो ये हैं की अगर आपको किसी दूसरे से प्यार करना है तो उसके लिए आपको खुद से प्यार होना चाहिए। अगर आप खुद से प्यार ही नहीं करते हैं, तो आप दूसरे से क्या प्यार करेंगे!

3. जब प्यार में आपको कुछ पाने की उम्मीद नहीं होती!

जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया लोग प्यार की तलाश अपने आप को पूरा करने के लिए करते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है की वो अधूरे हैं और जब उन्हें किसी से प्यार होगा तभी वो पूरे हो पाएंगे।

सच्चा प्यार कभी भी आपको इस उद्देश्य के साथ नहीं मिलेगा। क्योंकि सच्चे प्यार में स्वार्थ होता ही नहीं है। कुछ पाने का उद्देश्य तो होता ही नहीं है। अगर कोई उद्देश्य होता है तो वो हैं सिर्फ दूसरे की भलाई करना।

कहने का मतलब ये है कि जब आपको किसी से कोई उम्मीद नहीं होती। आप अपने आप को पूरा महसूस करते हैं। आप खुद से प्यार करते हैं, आप दूसरे से कुछ लेना नहीं बल्कि उन्हें देना चाहते हैं! तब आपको प्यार होगा।

4. दूसरे की भलाई करने की इच्छा होने पर!

प्यार कोई उड़ती हुई चिड़िया थोड़ी है, जो उड़ते उड़ते आपकी जिंदगी में आ जाएगी। बल्कि ये तो समझ के साथ आती है। अगर आप किसी के प्रति Attraction होने को प्यार होना बोल रहे हैं। तो मैं उसे प्यार की बात ही नहीं कर रही हूं।

बल्कि यहां पर सा सीधे तरीके से सच्चे प्यार की बात हो रही है। सच्चा प्यार आपको तब होता है जब आपको किसी के लिए कुछ अच्छा करने का मन करता है। जब दूसरे की भलाई आपका एकमात्र उद्देश्य बन जाता है।

आप दूसरे व्यक्ति को परेशानी में देख ही नहीं सकते हैं। अगर इस तरह की भलाई की भावना कभी आपके अंदर आ जाती है, तो समझ लीजिए कि आपको प्यार हो गया है।

5. जब आप प्यार को समझते हो!

आप किसी से भी पूछ लीजिए की क्या आपको प्यार के बारे में पता है ? तो हर किसी के अपने ही जवाब और कहानी होगी। सभी यही दवा करेंगे की उन्हें प्यार के बारे में सब कुछ पता है।

जोकि उनकी सबसे बड़ी गलतफहमी है क्योंकि अधिकांश लोगों को प्यार के बारे में कुछ पता ही नहीं होता है। वो attraction को (मोह को) प्यार समझ लेते हैं और फिर झूठे प्रेम में पड़ जाते हैं।

लेकिन सच्चा प्यार आपको तब होता है जब आप प्यार को समझते हैं। जब आप ये जान लेते हैं कि किसी के साथ प्यार में होने का मतलब mele Babu ne thana thaya नहीं होता।

बल्कि उस इंसान के साथ जिंदगी की ऊंचाइयों को छूना होता है! ऐसे रास्ते पर चलना होता है जहां आपकी और आपके पार्टनर दोनों की भलाई हो।

6. प्यार जब होता है, तो जिंदगी बदल जाती हैं!

प्यार कोई हल्की चीज नहीं है कि आपको प्यार हो गया तो आपके जिंदगी में खुशियां ही खुशियां आ गई। नहीं ऐसा नहीं होता, अगर आप सोचते हैं कि अगर आपको किसी से प्यार हो गया तो आपके जिंदगी खुशी से भर जाएगी तो आप झूठे प्यार की ही बात कर रहे हैं।

क्योंकि अगर आप सच में किसी से प्यार हो गया तो आप वैसे नहीं रह पाएंगे जैसे आप हैं। आपको बदलना होगा! आपको अच्छी चीजों को अपनाना होगा, जो चीजें सही है।

आपको वो करना होगा और साथ ही साथ ये चीजें आपको अपने पार्टनर को भी करने के लिए कहना होगा। जब आप निस्वार्थ भाव से दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं तो समझ लीजिए आप प्यार के काबिल बन चुके हैं और अब आपको प्यार भी हो जाएगा।

7. प्यार हमेशा से ही भीतर मौजूद होता है!

प्यार के बारे में जब भी हम सुनते हैं तो यही सुनते हैं कि जब कोई खास इंसान हमारी जिंदगी में आता है तो उस इंसान से हमें प्यार हो जाता है। लेकिन सच्चा प्यार ऐसा नहीं होता! प्यार ना तो किसी व्यक्ति के आने से हमें हो जाता है और ना ही किसी के चले जाने से चला जाता है।

बल्कि प्यार तो हमेशा से ही हमारे अंदर होता है एक बेचैनी की तरह! और जब कोई इन्सान या काम हमारी जिन्दगी में आ जाता है जिससे हमारी बेचैनी खत्म होने लगती है तो समझ लीजिये आपको उससे प्यार हो गया है!

प्यार का मतलब ये नहीं होता है कि जब कोई खास इंसान आपकी जिंदगी में आएगा तभी आपको प्यार होगा। प्यार तो हमेशा से भीतर मौजूद है बस आपको उस प्रेम को समझने की जरूरत है!

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बॉयफ्रेंड से प्यार भरी बातें कैसे करें? सीक्रेट कोई नहीं बतायेगा!

Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया होगा कि प्यार कब होता है? मुझे उम्मीद है की जिस गहराई से मैंने आपको प्यार के बारे में बताया है आपको वो बातें समझ आई होंगी। इस आर्टिकल में शेयर की गई बात है। अगर आपको अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।‌

प्यार की शुरुआत कैसे होती है? प्रेम कहानी का सफ़र

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प्यार एक ऐसी फीलिंग है, जिसे हर इंसान अपनी जिंदगी में महसूस करना चाहता है। क्योंकि हमने प्यार के बारे में बहुत कुछ सुन रखा है, जिस वजह से हमारे मन में प्यार को लेकर बहुत ज्यादा curiosity होती है। लोग अक्सर सोचते रहते हैं कि प्यार में होना कैसा होता है? प्यार की शुरुआत कैसे होती है ?

प्यार की शुरुवात कैसे होती है

इस तरह के सवाल अक्सर लोगों के मन में आते हैं। इसका अंदाजा तो लोग फिर भी लगा लेते हैं। लेकिन प्यार किस तरह से शुरू होता है! ये अक्सर लोगों को समझ ही नहीं आता जिस वजह से लोग प्यार होने के बाद भी अपने प्यार को accept नहीं करते हैं और अपनी जिंदगी Denial में जीते हैं।

अगर आप अपने साथ ऐसा कुछ नहीं चाहते हैं या फिर यूं कहें कि अगर आपको जानना है कि प्यार की फीलिंग कैसे पैदा होती है, तो इस आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें। इस आर्टिकल में मैंने आपको विस्तार पूर्वक इस बारे में बताया है।

समझें प्यार किस तरह का है ?

ये बात तो ठीक है कि प्यार की शुरुआत कैसे होती हैं! लेकिन उससे पहले आपको ये समझना होगा आपके लिए प्यार का मतलब क्या है ? क्या आप उस प्यार के बारे में जानना चाहते हैं जो 16,18 साल के बच्चों को hormonal changes के वजह से फील होती है।

या फिर उस प्यार की आशीर्वाद के बारे में जानना चाहते हैं, जो हो जाने पर लोग कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि दुनिया के लिए प्यार की शुरुआत तभी हो जाती है जब लोग जवान होते हैं या फिर यूं कहें कि जब वह दूसरों के प्रति आकर्षित होना शुरू कर देते हैं।

लेकिन दूसरों से आकर्षित होना प्यार नहीं होता, प्यार क्या है ? इस बारे में मैंने बहुत ही डिटेल में बात की है तो आप उस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं। क्योंकि यहां मैंने बहुत ही सात्विक प्रेम यानी कि सच्चे प्यार के बारे में बात किया है और आप को यही बताया है कि सच्चा प्यार की शुरुआत कैसे होती है ?

प्यार की शुरुआत कैसे होती है?

प्यार जितना छोटा word है, उतना ही ज्यादा complicated हैं।‌ प्यार को समझना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता हैं। आप किसी से प्यार करते हैं ! इस भावना को समझ पाना ही अपने आप में बहुत ही challenging काम हैं। इसलिए लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि उन्हें प्यार हुआ है!

अगर आपको भी महसूस हो रहा है कि आपको किसी से प्यार है। तो आप के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आप प्यार में हैं। नीचे मैंने आपको कुछ बातें बताई है जिसे पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि प्यार किस तरह से मन को मन से जोड़ता है!

1. दोस्ती से होता हैं, सब कुछ शुरू!

इस दुनिया में दोस्ती से बड़ा कोई रिश्ता नहीं है। क्योंकि दोस्ती वो रिश्ता है, जो दो अजनबियों को एक साथ लाता है और उन्हें आपस में बांध के रखता है। किसी भी प्यार की शुरुआत दोस्ती से ही होती हैं।

जब लड़का लड़की एक दूसरे के दोस्त बनते हैं और एक दूसरे को समझते हैं, तो सब कुछ शुरू होता है! क्योंकि लोग अपने दोस्त के साथ ही हर तरह की बात कर पाते है मतलब अपने दोस्त के साथ अपना अच्छा बुरा सब कुछ बोल पाते हैं।

खासकर जब एक लड़का लड़की दोस्त बनते हैं, तो उन दोनों के बीच के खुलेपन के वजह से दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। और यही चीज फिर आगे जाकर प्यार में बदल जाती है।

2. भरोसे से बात आगे बढ़ती है !

दोस्ती के बाद भरोसा वो चीज है जो दो दिलों को एक साथ लाती है। किसी भी प्यार में भरोसा सबसे बड़ी चीज होती है जब आपको किसी के ऊपर सबसे ज्यादा भरोसा होता है। तो वो इंसान अपने आप ही आपके लिए बहुत ही खास बन जाता है।

जब आप को किसी ऐसे पर ऐसा भरोसा होता है। चाहे दुनिया धोखा दे जाए लेकिन वो इंसान कभी भी आपका बुरा नहीं चाहेगा या आपके साथ कुछ गलत नहीं करेगा। तो ये feeling लोगों के मन में प्यार की भावना पैदा करती है।

3. किसी का साथ जब अच्छा लगने लगे!

जब आपको प्यार किसी से प्यार होने लगता है तो इस चीज को समझना इतना भी मुश्किल नहीं होता। क्योंकि हमारा प्यार हमें खुद इशारा देने लगता है कि हमें प्यार हो गया है। जो इंसान हमारे लिए बहुत खास है, जिनके ऊपर हम सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं।

जब उनका आसपास होना खुशी देने लगता है, उनसे बात करके मन में अलग से सुकून महसूस होता है जब दिल से आवाज आती है कि अगर ये तो सब कुछ सही होगा। तो समझ लीजिए कि आपको उस इंसान से प्यार होने लगा है।

4. दूसरे की भलाई अपनी सबसे बड़ी जरूरत बन जाए!

अगर आपकी जिंदगी में कोई ऐसा इंसान आ गया है। जिसे आप जिंदगी में हमेशा कामयाब होता देखना चाहते हैं या फिर हमेशा खुश देखना चाहते हैं। तो आपके दिल में उस इंसान के लिए प्यार की भावना पैदा होने लगी है।

जब कोई किसी से प्यार करने लगता है तब उस व्यक्ति के लिए अपने प्यार की भलाई चाहना उसकी सबसे बड़ी जरूरत बन जाती है। व्यक्ति हमेशा यही सोचता है कि उसका प्यार खुश रहे।

लोग जब प्यार में होते हैं, तो वो किसी भी हालत में अपने प्यार को दर्द नहीं पहुंचाना चाहते हैं और ना ही उन्हें उनकी जिंदगी में कुछ भी बेहतर करने से रोकते हैं।

भले ही आपका कितना ही नुकसान क्यों ना हो जाए, जब आप को किसी से प्यार हो जाएगा। तो उसके बाद आप उस व्यक्ति की खुशी के लिए आप कुछ भी करने को तैयार हो जाएंगे।

5. जब दूसरा खुद से ज्यादा जरूरी लगने लगे!

किसी से भी प्यार करने से पहले हमें खुद से प्यार करना बहुत जरूरी होता है। हम सभी कहीं ना कहीं अपने आप से प्यार करते हैं इसीलिए खुद को चोट नहीं पहुंचाते या फिर अपने साथ कुछ बुरा नहीं करते हैं।

लेकिन इस तरह की फीलिंग रखने के बाद भी अगर आपका दिल किसी के लिए अलग सा महसूस करने लगता है। अगर कोई आपके लिए बहुत ही ज्यादा खास बन जाता है!

जिंदगी जीने के लिए बहुत जरूरी बन जाता है। जिसका आपके लाइफ में होना ही आप को खुद में भी अच्छा महसूस करवाता है, तो आप समझ सकते हैं कि आपको प्यार हुआ है।

6. दूसरे के हित के लिए किसी से भी लड़ जाना!

जब आप किसी से प्यार करने लगते हैं या फिर आपके दिल में किसी के लिए प्यार होता है। तो आप लोगों की परवाह करना छोड़ देते हैं आपको इस बात से फर्क पड़ना बंद हो जाता है कि आप के प्यार के बारे में लोग क्या कहेंगे।

आप दूसरों की बातों की चिंता नहीं करते बल्कि जिस इंसान से आप प्यार करते हैं उसका अच्छा करने की हर मुमकिन कोशिश करते है। भले ही कुछ लोग आपको आपके प्यार से बात करने के लिए गलत बोले या फिर आपका अपमान करें।

लेकिन जब आपके लिए कोई बहुत ही ज्यादा खास बन जाता है और आपके दिल में उसके लिए तरक्की या फिर भलाई से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं होता हैं, तो यही प्यार है !

प्यार का एहसास कैसे होता है ?

प्यार का एहसास करना हमें लगता है कि बहुत मुश्किल है पर ऐसा नहीं है। आप इस बात को इस तरह से समझिए! पहले आप अपने लाइफ में अकेले थे, अपने ही धुन में जिंदगी जीते थे, आपको किसी की परवाह नहीं होती थी।

लेकिन कोई आपकी जिंदगी में आ गया, कोई आते ही आपकी जिंदगी में बहुत ही खास बन गया। आप अपने अलावा दूसरे की फिक्र करने लगे, आप उनकी खुशी के लिए अपना टाइम एनर्जी सब कुछ लगाने लगे !

जब आपके साथ ऐसा सब कुछ होने लगे तो समझ लीजिए कि आपको भी प्यार हो चुका है। प्यार का एहसास करने का सिर्फ एक तरीका है, आप ये ध्यान दीजिए कि क्या कोई व्यक्ति आपको खुद से ज्यादा जरूरी लगने लगा है और क्या आप बिना किसी स्वास्थ्य के दूसरे की भलाई करना चाहते हैं अगर हां तो यही प्यार है।

क्या आकर्षण से प्यार की शुरुआत होती है ?

जी हां सच्ची बात तो यही है कि आकर्षण से ही प्यार की शुरुआत होती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि आपको सिर्फ किसी का चेहरा देखकर या फिर उसका बदन देखकर उससे प्यार हो जाए। क्योंकि अगर ऐसा कुछ हुआ तो वो सिर्फ आकर्षण है प्यार नहीं !

सच्चा प्यार करने वाले लोग भी शुरुआत में अपने प्रेमी या प्रेमिका के प्रति आकर्षित होते हैं। लेकिन इस मामले में लोग शरीर को नहीं बल्कि दूसरे के दिमाग, उनकी चेतना, उनके काबिलियत, उनके सोच के प्रति आकर्षित होते हैं।

अगर आप भी किसी की बातों से नहीं बल्कि उसके सच के प्रति आकर्षित होते हैं तो समझ लीजिए कि प्यार की शुरुआत हो चुकी है।

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सच्चे प्यार की पहचान करना है तो ये है आसान तरीका

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FAQ

किसी से प्यार होता है तो कैसे पता चलता है?

जब आप को किसी से प्यार होता है तो वो इंसान आपके लिए बहुत खास बन जाता है।

प्यार कहाँ से शुरू होता है?

प्यार की शुरुआत दोस्ती से और एक दूसरे के प्रति connection महसूस करने से होती हैं।

प्यार कब और कैसे हो जाता है?

जब आपके अंदर एक ऐसी भावना आ जाती हैं, जिसके बाद आप अपने से ज्यादा दूसरे की परवाह करने लगते हैं तो प्यार होता है।

प्यार से पहले क्या आता है?

प्यार से पहले आकर्षण आता है जो कि बाद में गहरा होते होते प्यार बन जाता हैं।

Conclusion

दोस्तों मैंने इस आर्टिकल में आपको विस्तार पूर्वक बताया है कि प्यार की शुरुआत कैसे होती हैं ? मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद अब आप जान गए होंगे कि प्यार किसी के दिल में कैसे पैदा होता है।

इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगी हो, तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए! हमारे ब्लॉग पर हम आप के लिए प्यार के बारे में practical tips शेयर करते है। तो इस तरह की जानकारी प्राप्त करने के लिए ब्लॉग से जुड़े रहें।

सच्चे प्यार की पहचान करना है तो ये है आसान तरीका

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सच्चे प्यार की पहचान: दोस्तों आपको लोग अक्सर कहते हुए मिल जाएंगे की मुझे सच्चा प्यार नहीं मिलता! दुनिया में सच्चा प्यार होता ही नहीं है लोग झूठे ही झूठे हैं। इस तरह की बातें आपने भी जरूर सुनी होगी। जो लोग प्यार में होते हैं या फिर जिनका ब्रेकअप हुआ होता है वो ऐसी बातें ज्यादा करते हैं।

सच्चे प्यार की पहचान

लेकिन सच्चे प्यार की पहचान कैसे करें ? ये एक ऐसा सवाल है! जिसका जवाब सभी जानना चाहते हैं। क्योंकि लोग ये बात जानते तो है कि सच्चा प्यार जैसा कुछ होता है! लेकिन सच्चा प्यार असल में क्या होता है।‌ ये कोई नहीं जानता और जो जानने का दावा भी करते हैं वो भी झूठे प्यार को सच्चा प्यार समझ लेते हैं।

पर अगर आपको सच में सच्चे प्यार को समझना है या सच्चे प्यार की पहचान करने का तरीका जानना है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें क्योंकि इस पोस्ट में मैंने कुछ सवालों के माध्यम से आपको सच्चे प्यार की पहचान करने का तरीका बताया है।

सच्चा प्यार क्या होता है ?

सच्चा प्यार वो प्यार है, जिसमें लोग सिर्फ एक दूसरे के करीब नहीं आते बल्कि एक दूसरे को पूरा भी करते है। शायद आपको समझ नहीं आया हो पर सच्चे प्यार का मतलब होता है वो प्यार जो आपको वो न रहने दे जो आप अभी हैं।

सच्चा प्यार वो होता है जो आपको आपकी कमियों के बारे में बताता है, आप को आईना दिखाता है! अगर आप में बहुत सारी बुराइयां हैं, तो आपका प्रेमी आपसे सिर्फ प्यार नहीं करेगा बल्कि आपको सच बता कर आपके जीवन में सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा या करेगी।

Short में कहूं तो, सच्चा प्यार वो होता है जो आपको प्यार के नाम पर सिर्फ खुशी नहीं रखता है बल्कि होश में रखता है।

सच्चे प्यार की पहचान कैसे करें ?

लोगों को लगता है कि सच्चे प्यार की पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। जबकि सच्चे प्यार की पहचान करना तो इस दुनिया के कुछ सबसे आसान कामों में से एक है। ऐसे में अगर आप सच में सच्चे प्यार की पहचान करना चाहते हैं तो आपको नीचे पूछे गए सभी सवालों का जवाब देना होगा।

1. देखिए की आपका प्यार आपको क्या दे रहा है ?

लोग कहते हैं कि उन्हें सच्चा प्यार हो गया हैं और वो अपने पार्टनर के साथ खुश रहना शुरू कर देते हैं। लेकिन सच्चे प्यार में खुश रहने जैसा या फिर साथ में अच्छा समय गुजारने जैसा कुछ नहीं होता है।

अगर आपको सच्चे प्यार की पहचान करनी हो तो सबसे पहले आप को ये जाना होगा कि आपका प्यार आपको सिर्फ खुशी दे रहा है या फिर आप को सही रास्ते पर ले जा रहा है। ‌

जब भी लोगों को किसी से प्यार होता हैं, तो वो उसकी खुशी का ठेका अपने हाथ में ले लेते हैं और उसे खुश रखने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। लोग दूसरों को खुश रखने के लिए उन्हें वैसे ही accept कर लेते हैं जैसे वो हैं! जिस वजह से होने लगता ही नहीं कि उन्हें अपनी जिंदगी में किसी बदलाव की जरूरत हैं।

लेकिन सच्चे प्यार का मतलब सिर्फ अपने पार्टनर को खुशी देना नहीं होता है। बल्कि सच्चे प्यार तो‌ आपको खुश रखने से ज्यादा, वो चीजें करने के लिए कहता है जो उसके लिए जरूरी है। सच्चा प्यार इंसान को किसी fantacy की दुनिया में नहीं ले जाता बल्कि आप को जिंदगी की सच्चाई से अवगत कराता है।

2. क्या आपका प्यार आप में बदलाव ला रहा है?

सच्चे प्यार मामूली चीज नहीं होती, जो जिंदगी में आए तो आपके जिंदगी का नक्शा बदल गया। आप खूबसूरत की जगह बहुत ज्यादा खूबसूरत लगने लगें‌ नहीं बिल्कुल नहीं !

बल्कि सच्चा प्यार तो आपके जीवन में बदलाव लेकर आता है। यहां पर उस बदलाव की बात नहीं हो रही है जो लोगों को अपने कंट्रोल में रखने के लिए रिलेशनशिप में किया जाता है।

जब आपको सच्चा प्यार होगा तो आप वो रही नहीं रहेंगे, जो आप पहले हुआ करते थे। सच्चा प्यार अपने आप ही आपको बदल कर रख देगा आपके जीवन में ऐसे बदलाव लाएगा, जो आपको बेहतर इंसान बनने में मदद करेगा।

अगर आपको कोई ऐसा मिल जाए जो आपको वो बने ही नहीं रहना देना चाहता है, जो आप हैं! तो समझ लीजिए वही सच्चा प्यार है क्योंकि सच्चा प्यार करने वाले लोग आपकी खूबसूरती बातों से नहीं बल्कि आपसे प्यार करते हैं और वो आपको आपकी गलतियां दिखाकर आपको अपनी life में सुधार करने के लिए प्रेरित करते हैं।

3. क्या आपके प्यार से आपकी उम्मीदें पूरी होती हैं ?

लोगों को लगता है कि अगर कोई प्यार के नाम पर अपने पार्टनर की उम्मीदों को पूरा करता हैं! उनके ख्वाहिशों को अपना लक्ष्य बनाता है तो वही सच्चा प्यार होता है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

सच्चे प्यार में आपको किसी की उम्मीद पूरी करने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि जब आपको किसी से सच्चा प्यार होता है, तो आप दूसरों से उम्मीदें नहीं करते बल्कि आप खुद ही काबिल बन जाते हैं।

सच्चा प्यार आपको अपने पार्टनर के ऊपर निर्भर होना नहीं सिखाता बल्कि आपको खुद इतना काबिल बनता है कि आप अपने जीवन के फैसले खुद ले सके।

4. आपका प्रेमी आपका fan है या फिर आलोचक?

जो लोग कहते हैं कि मुझे सच्चा प्यार हो गया है उनकी बातें जरा ध्यान से सुनिएगा। ये लोग आप को यही कहते हुए मिलेंगे कि मेरा lover बहुत अच्छा है, मेरी बहुत care करता है, मेरी तारीफ करता है और मुझे खुश रखता है। ‌

अगर आपका lover सच में ये सारी चीजें करता है! तो sorry वो आपसे प्यार नहीं करता है। क्योंकि सच्चे प्यार करने वाले लोग कभी भी अपने प्यार को झूठ बोलकर खुश करने की कोशिश नहीं करते हैं।

दुनिया में कोई भी इंसान perfect नहीं है ये हम सभी जानते हैं। लेकिन लोग जब प्यार में होते हैं, तो वो अपने lover को perfect बताने लगते हैं और उसकी qualities गिनाने लगते हैं। इस समय लोगों का ध्यान बिल्कुल भी अपने lover के कमियों या फिर बुराइयों पर नहीं जाता है।

लेकिन जैसे ही उनका breakup हो जाता हैं। तो पहले जिस प्यार की वो तारीफ करते नहीं थकते थे उनकी बुराइयां बोलने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब लोग प्यार करने का दावा करते हैं तो वह अपनी आंखों में झूठ की पट्टी लगा लेते हैं।

लेकिन जब कोई आपसे सच्चा प्यार करता है तो वो ना तो खुद अपनी आंखों में प्यार की झूठी पट्टी लगाता है और ना ही आपको ऐसा करने देता है। सच्चा प्यार करने वाला व्यक्ति आपका सबसे बड़ा आलोचक होता है। जितना दूसरे आपकी बुराइयां नहीं करेंगे उससे ज्यादा बुराई वो कर देगा या देगी।

सच्चे प्यार करने वाला व्यक्ति आपको आपकी गलतियां बताएगा, आप को आप की कमियां दिखाएगा! वो बताएगा कि आप कितने पानी में हैं। अगर आपका प्रेमी ऐसा करता है, तो समझ लीजिए वो आपसे सच में प्यार करता है। ‌

लेकिन ध्यान रहे आलोचना करने में और नीचा दिखाने में फर्क होता है। आलोचना का मतलब होता है किसी चीज को देखकर उसके बारे में जो सच है वो कहना! इसीलिए अगर कोई आप की आलोचना करके आपको बेहतर होने के लिए कहता है तो ठीक है!

लेकिन अगर कोई आपको नीचा दिखा रहा है अगर आप का मजाक उड़ा रहा है तो आपको ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए। ‌

5. क्या आप अपने प्रेमी से सच बोल सकते हैं?

सच बोलने के लिए बहुत ज्यादा हिम्मत चाहिए होती है! खासकर उस इंसान के सामने जिससे आप प्यार करते हो। क्योंकि कोई भी सच नहीं सुन पाता है और दूसरा अगर उन्हें सच बोलने की कोशिश करता है। तो भी वो उनसे नाराज हो जाता है या हो जाती है।

ऐसे में अगर आपका प्रेमी आपको सच बोल रहा है, आपको आपकी गलतियां बता रहा है! बिना इस बात से डरे कि आप हमसे गुस्सा हो जाएंगे या हो जाएंगी! तो समझ लीजिए यही प्यार सच्चा प्यार है।

क्योंकि सच्चे प्यार में लोग अपने से ज्यादा दूसरे की भलाई चाहते हैं। भले ही वो अपना नुकसान करवा लें! लेकिन वो किसी भी हाल में अपनी मोहब्बत का नुकसान होने नहीं देते हैं।

6. क्या आपका प्रेमी आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है ?

सच्चा प्यार क्रांति लाता है। जब ये आपकी जिंदगी में आता है! तो आपकी सोच, बातों, विचारों सबको बदल देता है। सच्चा प्यार कभी भी आपको अपनी कमियों के साथ रहने नहीं देता है।

जो इंसान सच में आप से प्यार करेगा वो कभी भी आप को वो नहीं रहने देगा, जो आप है! सच्चा प्यार आपको बल्कि आपको जीवन में अच्छा से अच्छा करने के लिए ऊंचा लक्ष्य बनाने के लिए, ऊंचा लक्ष्य पाने के लिए, अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए आप को सही रास्ते पर चलने के लिए हमेशा प्रेरित करेगा। ‌

7. आपका प्यार आपको आजादी देता है या फिर बंधनों में बांधता है ?

जब हमें किसी से प्यार होता है, तो हम उसके साथ relationship में आ जाते हैं और खुद को एक बंधन में बांध लेते हैं। हम खुद को अपनी दुनिया को उसे इंसान के इर्द-गिर्द busy कर लेते हैं। जिनसे हम प्यार करने का दावा करते हैं।

लेकिन सच्चा प्यार ऐसा नहीं होता है! सच्चा प्यार आपको ना तो किसी रिश्ते के बंधन में बांधता है और ना ही आपको अपनी परेशानियों, मजबूरी और दुख के बंधन में बंधे रहने देता है। बल्कि सच्चा प्यार एक तलवार की तरह आपके बेकार के बंधन को काट देता है और आपको आजाद कर देता है।

क्योंकि जो लोग सच में किसी से प्यार करते हैं! उनके लिए अपने प्यार को पाना या फिर अपने प्यार को अपने पास रखना सब कुछ नहीं होता। बल्कि उनकी खुशी अपने प्यार को मुस्कुराते हुए देखने में होती है। सच्चा प्यार करने वाला व्यक्ति कभी भी ये नहीं चाहेगा की उसका प्रेमी किसी बंधन में बंधा रहें। सच्चे प्यार करने वाले लोग हमेशा अपने प्रेमी को खुले पक्षी की तरह आसमान में उड़ते देखना पसंद करते हैं।

क्या आप सच्चे प्यार के लायक हैं ?

सच्चे प्यार के बारे में इतना सब कुछ जानने के बाद मान लो कि आपको सच्चा प्यार मिल गया। ‌तो क्या आप इतने काबिल है कि आप उस प्यार को और उस प्यार के साथ आने वाली चीजों को स्वीकार कर सके।

मतलब क्या आप अपने प्रेमी से अपनी आलोचना सुन सकते हैं! क्या आप सच को सुनने की हिम्मत रखते हैं! क्या आप अपने प्रेमी से अपनी बुराई सुनने के बाद में उनसे प्यार कर सकते हैं। अगर हां, तो समझ लीजिए कि आप सच्चा प्यार करने के काबिल है और अगर आप का मन है, तो आप दूसरों को भी ऐसा ही प्रेम करेंगे। ‌

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सच्चे प्यार की असली निशानी क्या है?

सच्चा प्यार आप को होश में रहने देता है और आपको सच से वाकिफ कराता है।

 सच्चा प्यार कब होता है ?

जब आप सच्चा प्यार करने के काबिल होते हैं तब सच्चा प्यार होता है। ‌

जब एक लड़के को सच्चा प्यार होता है तो क्या होता है?

जब एक लड़की को सच्चा प्यार होता है तब वह अपनी प्रेमिका को सिर्फ शरीर दृष्टि से नहीं बल्कि आत्मा की दृष्टि से देखता है और उसे वैसे ही प्यार करता है।

प्यार होने पर क्या महसूस होता है?

प्यार होने पर कुछ भी महसूस नहीं होता है, ये तो बस एक खास फीलिंग है।

Conclusion

जैसा मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि सच्चे प्यार की पहचान कैसे होती है ? अब आप जब सारी बातें समझ गए हैं तो देख लीजिए कि आपका प्यार सच्चा है या नहीं! बाकी अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए।

प्यार क्या होता है? जानिए सच्चा प्रेम क्या होता है?

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प्यार क्या होता है: दोस्तों आज प्यार, प्यार ना रह कर बहुत साधारण सी चीज बन गई हैं। क्योंकि अब सभी दावा करते हैं कि वो प्यार में है! और प्यार का नाम लेकर ऐसी ऐसी चीजें करते हैं, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। आजकल तो छोटे-छोटे बच्चे भी कह देते हैं कि वो प्यार में है! उन्हें सच्चा प्यार हो गया है।

प्यार क्या होता है

पर क्या प्यार करना इतना आसान होता है ? क्या यही प्यार होता है ? अगर इस तरह के सवाल आपके मन में आते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि हमारे इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे प्यार क्या होता हैं ? अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो आपको आपके सारे सवालों का जवाब यहीं मिल जाएगा। ‌

प्यार क्या होता है?

प्यार की परिभाषा बहुत ही simple होती हैं। जब आप किसी की भलाई के लिए, उनकी तरक्की के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं, तो उसे प्यार कहते हैं। शायद ये परिभाषा आप को थोड़ी अजीब लगे। क्योंकि अब तक हमने यही सुना है कि प्यार का मतलब एक खास फीलिंग होती है, जो किसी खास के लिए हमारे दिल में जगती हैं।

पर किसी व्यक्ति को खास समझकर उसे अपना प्यार समझ लेना सही नहीं है। लेकिन दुनिया में ज्यादातर लोग यही गलती करते हैं। वो अपने feelings और emotion को प्यार समझ लेते हैं। लेकिन प्यार कोई इमोशन नहीं है, ये फीलिंग से भी ऊपर की बात होती है।

हमारा जो इमोशन यानी भाव होता है, वो बात-बात पर बदलता हैं! कभी हम गुस्सा होते हैं तो कभी खुश हो जाते हैं, कभी रोते हैं तो कभी हंसने लगते हैं। ऐसे में अगर आप प्यार को इमोशन समझेंगे, तो इस तरह से हंसना, रोना, खुश होना, गुस्सा करना सभी चीजें आपको प्यार ही लगेगी।

और दुनिया में ज्यादातर लोग इन चीजों को ही प्यार समझ लेते हैं। जिस वजह से अक्सर लोग यही कहते हुए मिलते हैं कि प्यार में दुःख ही दुःख हैं, मैं अपने प्यार के साथ खुश नहीं हूं या फिर मैं जिस इंसान के साथ प्यार करता हूं या करती हूं वो मुझसे प्यार नहीं करता।‌

इस तरह की कंप्लेंट लोग इसलिए करते हैं क्योंकि वो दूसरों से प्यार के नाम पर बहुत सारे expectations रख लेते हैं और जब सामने वाला उन expectations को पूरा नहीं करता है। तो वो कह देते हैं कि मेरा प्रेमी मुझसे प्यार नहीं करता।

जबकि सही बात तो ये है कि जो इंसान प्यार करने का दावा कर रहा है, असल में उसने खुद कभी अपने प्रेमी से प्यार किया ही नहीं है। क्योंकि अगर उन्होंने अपने प्रेमी से प्यार किया होता तो वो उनसे कोई आशा ही नहीं रखते।‌

शायद आप सोच रहे हो की अगर हम अपने प्रेमी से कोई आशा नहीं रखेंगे तो हमारी feelings का क्या होगा? देखा आपने, बात फिर से घुमा कर feelings पर आ गई। हम इस तरह से अपने feeling / emotion को प्यार का नाम देते हैं।

जबकि प्यार तो इन सब चीजों से बहुत ऊपर है। जब आप को किसी से प्यार होता है। तो आप उनसे किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करते बल्कि बिना उनसे कुछ पाने की अच्छा रखे, सिर्फ उनके बारे में अच्छा सोचते हैं। और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए अपना भी नुकसान कराने को तैयार हो जाता है।

जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे का अच्छा करने के लिए, अपने बारे में ना सोच कर कोई भी चीज करता है बिना ये सोचे कि इससे उन्हें क्या फायदा होगा! जब आपके मन में अपने प्रेमी के भलाई सोचने से अच्छा जरूरी और कोई काम होगा ही नहीं।

सच्चे प्यार की परिभाषा

सच्चा प्यार का मतलब दूसरों की भलाई और तरक्की है! अगर आप दूसरे की भलाई करने की चेष्टा करते हैं। अगर आप उन्हें जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं, तो वही सच्चा प्यार है।

सच्चा प्यार व्यक्ति को हर बंधन से मुक्त होने में मदद करता है।‌ अगर आप किसी को मोह माया के बंधन से या फिर किसी भी बंधन से जिससे आपका प्रेमी परेशान हो, उससे बाहर निकालते हैं।

बिना ये सोचे कि आपका इससे आपको फायदा हो रहा है या नुकसान! तो समझ लीजिए वह प्यार सच्चा है।

प्यार किससे होता है?

अभी अगर कोई कह रहा है की मैं प्यार में हूं! तो समझ लीजिए वो ये कहना चाहता है की उसे कोई लड़का पसंद आ गया है या कोई लड़की पसंद आ गई है। क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है की प्यार सिर्फ opposite gender से ही होता है। ‌

लेकिन ऐसा कहना बिल्कुल गलत है क्योंकि जरूरी नहीं है की प्यार सिर्फ opposite genders में ही हो। और मैं ये भी नहीं कहूंगी कि आपको अपने माता-पिता, दोस्तों, भाई-बहन से प्यार होगा। ‌

देखिये प्रेम हर उस काम से, हर उस इन्सान से हो सकता है जो प्यार के काबिल है! हर वो काम जिसको करने से इन्सान का, प्रकृति का भला हो सके उस काम से प्रेम करना बहुत जरूरी है।

जो लोग हमेशा यह कंप्लेन करते हैं की उनका काम में मन नहीं लगता! देखिये ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें अपने काम से प्यार नहीं होता। ‌अगर उन्हें अपने काम से प्यार हो जाए तो वो अपने काम में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं दिखाएंगे।

सच कहूं तो यही असली प्यार होता है लेकिन लोग दूसरे gender का प्यार पाने के लिए सारी चीजें करते रहते हैं। इसलिए वो कभी प्यार की गहराई को समझ नहीं पाते हैं और बेकार की चीजों को ही प्यार समझ लेते हैं।

प्यार कैसे होता है?

प्यार करने की कोई विधि या फिर कोई खास तरीका नहीं होता है! लेकिन हम समझते हैं की प्यार करने का कोई तरीका होता है। जिसे अगर हम समझ लें तो हम भी सच्चा प्यार कर सकते हैं।

पर ये सारी बेकार की बातें हैं, प्यार न तो किसी को फूल देने से होता है और न ही प्यार का अर्थ किसी से शादी कर लेना होता है! सच्चे प्रेम में किसी को चाहने में लोगों की हालत खराब हो जाती हैं। इसीलिए लोग प्यार की विधियां तलाश करते हैं।

ताकि उन्हें ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े और वो प्रेमी बनकर प्यार करने का दंभ भर सके। पर ऐसा भी नहीं है कि असली प्यार कैसे होता है ये ना समझा जा सके ?

ऐसा इंसान जो आपकी जिंदगी में आपको अच्छे से अच्छी चीजें करने के लिए motivate करता है, आपको जीवन में नए challenges लेने और जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए लगातार कोशिश करता है।

अगर उस इंसान के लिए और उसके किए गए अच्छे कामों के लिए आपके दिल में कोई जगह बनती है तो समझ लीजिए आपको उससे प्यार हो गया।

प्यार कब होता है ?

प्यार करने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। जैसे शाम हो गई तो मुझे प्यार हो गया। सुबह हुआ, तो प्यार खत्म हो गया! इस तरह के ढोंग को प्यार नहीं कहते हैं। क्योंकि प्यार बिल्कुल प्रकृति के जैसा होता है।

अगर आपको किसी काम से या इन्सान से प्यार है तो आपको समय की कोई परवाह ही नहीं रहेगी।

हालांकि लोगों के मन में ये सवाल इसलिए आता है ताकि वह प्यार करने की सही उम्र जान सके। क्योंकि आजकल तो 15 साल के बच्चों को भी प्यार हो जाता है। देखो, लोग जिस चीज को प्यार का नाम देते हैं वो प्यार नहीं होता बल्कि attraction होता है।

और जो चीज बच्चों को होती हैं, जिसे वो प्यार समझ लेते हैं वो तो attraction भी नहीं होता बल्कि सिर्फ hormones की उत्तेजना होती है जो नया नया उनमें devlop हो रहा होता हैं।

जिस उम्र में बच्चे किताबें नहीं समझते हैं, पढ़ाई को नहीं समझते वो प्यार को क्या ही समझेंगे। और ऐसा नहीं है कि लोग बड़े होने के बाद प्यार समझ लेते हैं। प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। बात बस इतनी सी है कि अगर आपको प्यार का सही मतलब समझ आ जाता है, अपने प्यार करने का उद्देश्य समझ आ जाता है!

आप में वो भावना आ जाती है कि चाहे कुछ भी हो जाए, आप दूसरे का अच्छा सोचेंगे तो समझ लीजिए वही प्यार करने की सही उम्र है। जब आपको प्यार हो, तो आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप बेहोशी में यानी कि unconsciousness में होकर किसी को प्यार करने का दावा तो नहीं कर रहे हैं!

प्यार हमेशा होश हवास में होता है, लोग कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। पर सच कहूं तो प्यार बहुत कुछ देख कर सोच कर समझ कर की जाने वाली चीज है।

प्यार अच्छा या बुरा होता है?

प्यार ना तो अच्छा होता है और ना ही बुरा! अगर आपको किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार हुआ है। जो आपके जिंदगी में आप को बेहतर बनाने के लिए आया है या फिर आपको अपने बंधन से मुक्ति दिलाने के लिए आया है तो समझ लीजिए प्यार अच्छा है।

लेकिन अगर वही आपका प्यार आपको बंधन में बांधता है, आपको grow करने से रोकता है, आपको अपने जीवन में कुछ भी अच्छा करने नहीं देता, हर चीज में रोक-टोक लगाता हैं, आप को जबरन बदलने की कोशिश करता है! तो इस तरह का प्यार यकीनन खराब है।

सच्चा प्यार क्या होता है ?

प्यार तो प्यार ही होता है! जिस तरह से नफरत, सिर्फ नफरत होती है सच्ची नफरत या झूठी नफरत नहीं होती! ठीक वैसे ही प्यार भी प्यार होता है। लेकिन लोग क्योंकि प्यार को नहीं समझते हैं इस वजह से वो अट्रैक्शन को भी प्यार समझ लेते हैं।

जिस वजह से जब उनके सामने प्यार की असली सच्चाई सामने आती है, तो वो उस प्यार को सच्चे प्यार का नाम दे देते हैं। ‌कहने का मतलब ये है कि सच्चा प्यार या झूठा प्यार जैसा कुछ नहीं होता! प्यार की बस एक ही परिभाषा होती है जो मैंने आपको ऊपर पहले ही बता दिया है।

अगर आप किसी से भी सच्चे प्यार की परिभाषा पूछेंगे तो वो आपको यही बात कहेगा कि ” सच्चे प्यार का मतलब किसी को बिना शर्तो के प्यार करना होता है। जब आप किसी से कुछ पाने की उम्मीद किए बिना सिर्फ उन्हें प्यार करते हैं, तो उसे सच्चा प्यार कहते‌ हैं। “

सच्चे प्यार की पहचान कैसे होती है ?

जब भी हमें लगता है कि हमें किसी से प्यार हो गया है या फिर कोई हमें प्यार करता है। तो हमें अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए इसका जवाब चाहिए होता है, जिस वजह से हम ये सवाल करने लगता है कि सच्चे प्यार की पहचान कैसे होती है।

और जब ये सवाल हम किसी से पूछते हैं। तो वो लोग अपनी जानकारी के हिसाब से हमें कुछ जरूरी बातों की लिस्ट बता देते हैं। जिसके बाद हम उस लिस्ट के हिसाब से लोगों को परखते हैं और देखते हैं कि सामने वाला उस लिस्ट में बताई गई बातों पर खरा उतर रहा है या नहीं।

जिस व्यक्ति को हम प्यार करते हैं, वो व्यक्ति अगर उस लिस्ट में बताई गई बातों पर फिट हो जाता है! तो हम ये समझ लेते हैं  कि हमें सच्चा प्यार मिल गया। लेकिन इस चक्कर में हम ये बात भूल जाते हैं कि जिस तरह हमारे पास कुछ बातों और behaviour की लिस्ट है।

ठीक उसी तरह से उस व्यक्ति के पास भी इन बातों के लिस्ट है, जिससे हम प्यार करने का दावा करते हैं। तो उस व्यक्ति के लिए उस लिस्ट में बताई बातों के हिसाब से काम करना कोई मुश्किल नहीं होता।

इसलिए अगर आप किसी लिस्ट की मदद से प्यार की पहचान करने जा रहे हैं। तो ऐसा मत कीजिए क्योंकि ऐसे आप कभी भी सच्चे प्यार की पहचान नहीं कर पाएंगे। सच्चे प्यार को पहचानने का बस यही तरीका है कि आप ये समझ लीजिए कि प्यार होता क्या है! अगर आपको ये बात समझ आ गई, तो आप सच्चे प्यार की पहचान भी कर लेंगे।

प्यार कितने तरह का होता है ?  

लोगों को लगता है कि प्यार का कोई प्रकार नहीं होता है! प्यार तो बस प्यार होता है। ‌अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो मैं यही कहूंगा कि आप प्यार को अभी सही से जानते ही नहीं है। क्योंकि प्यार कई प्रकार के होते हैं जैसे :-

  1. अपने आप से प्यार

जब किसी को किसी से प्यार होता है, तो वो व्यक्ति यही सोचता है या सोचती है कि उनका प्रेमी या प्रेमिका उनसे बहुत प्यार करते हैं। इस तरह की गलतफहमी सभी में होती हैं।

लेकिन कुछ लोग होते हैं जो दूसरों को कभी प्यार कर ही नहीं सकते हैं क्योंकि वो सबसे ज्यादा खुद को प्यार करते हैं। उनकी नजर में उनसे जरूरी और कोई नहीं है।

इस तरह के लोग प्यार के नाम पर वही चीजें करते हैं जो उन्हें करना होता है। कहने का मतलब ये है कि ये लोग तो पहले अट्रैक्शन को प्यार समझ लेते हैं और फिर प्यार के नाम पर अपना उल्लू सीधा करते हैं।

  1. किसी एक से प्यार

जहां कोई खुद से प्यार करता है तो वहीं कुछ लोग होते हैं, जो खुद को एक व्यक्ति को समर्पित कर देते हैं। उनके नजर में जिस इंसान से वो प्यार करते हैं वो इंसान ही सिर्फ उनके प्यार के काबिल होता है।

शायद आप सोच रहे होंगे कि इस तरह से किसी एक व्यक्ति को प्यार करना तो अच्छी बात है। लेकिन मैं कहूंगा कि ये बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि जब लोग ऐसे किसी को प्यार करते हैं।

तो वो उस व्यक्ति को ही अपना भगवान मान लेते हैं और उन्हें अपने प्रेमी के अलावा कोई दूसरा दिखाई नहीं देता है। इस तरह का प्यार अक्सर अंधा प्यार बन जाता है। ‌

  1. कवि या शायर का प्यार

किसी एक से प्यार करने वाले लोगों के बाद कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसी एक से प्यार कर ही नहीं सकते है। इनका मन बिल्कुल शायरों के जैसा होता है वो किसी एक चीज पर ठहर ही नहीं सकते हैं।

इस तरह के लोगों को समाज में बुरा कहा जाता है और इन पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। Casonova, flirtbaz जैसे जो शब्द है वो इन्हीं लोगों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

  1. संतो वाला प्यार

इस प्यार को भी सच्चा प्यार कहते हैं। आपने कबीर साहब, स्वामी विवेकानन्द के बारे में तो सुना ही होगा।‌ क्या कभी आपने सुना है कि वह किसी एक व्यक्ति से प्रेम करते थे, या फिर कभी आपने ऐसा सुना है कि उन्हें स्वयं से प्यार था या फिर वो कई सारे लोगों के साथ संबंध बनाते थे! नहीं बिल्कुल नहीं।

क्योंकि संतो को किसी भी चीज से कोई मतलब ही नहीं होता। उनका उद्देश्य सिर्फ मुक्ति होती है, वो अपने साथ साथ दूसरों को भी उनके जीवन से मुक्त करना चाहते हैं और यही उनका प्यार होता है।

संक्षेप में कहें तो एक नहीं अपितु इस पूरी दुनिया की भलाई चाहना ही उनका प्रथम उद्देश्य होता है! उदाहरण के लिए संत कबीर ने जो बातें मुख से कही क्या वो किसी एक इन्सान को बताने के लिए कही थी? नहीं न वो सबके काम की बात थी और आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है!

इसलिए जब आप जिन्दगी में कोई ऐसा काम करते हैं जिसे करके सिर्फ आपका ही नहीं अपितु दुनिया का भला होता है तो जान लीजिये आपका प्रेम भी संत के समान है! दुर्भाग्यवश ऐसा प्रेम कम ही लोगों में पाया जाता है!

प्यार और आकर्षण में क्या अंतर होता है ?

प्यार और आकर्षण में सच कहूं तो जमीन आसमान का अंतर होता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि लोग आकर्षण को ही प्यार समझ लेते हैं। 90% लोगों को अगर आप देखेंगे वो कहते तो है कि उन्हें सच्चा प्यार हुआ है।

लेकिन अगर आप उनसे उनके प्यार के बारे में कुछ सवाल पूछेंगे तो उनके पास बताने के लिए कुछ होगा नहीं और वो आपके सामने बहाने ही करेंगे क्योंकि ज्यादातर लोग सिर्फ दूसरों का पैसा, खूबसूरती जितनी भी बाहरी चीजें होती हैं, वो चीजें देखकर प्यार करते हैं।

अगर कोई किसी के सुंदरता को देखकर उससे मोहित हो जाता है या फिर कोई किसी के पैसे को देखकर उससे प्यार करने लगता है, तो ये प्यार नहीं बल्कि मात्र आकर्षण है।

लेकिन अगर वही कोई व्यक्ति किसी के लिए कुछ अच्छा करना चाहता है, दूसरे की भलाई करना चाहता है, बिना अपने प्रेमी से स्वीकृति लिए उनसे निस्वार्थ भाव से प्रेम करता है तब आप समझ लीजिए कि वो सच्चा प्यार है।

प्यार क्यों होता है ?

सच कहूं तो लोगों को प्यार अपने अंदर के खालीपन को पूरा करने के लिए होता है। आजकल जितने भी रिश्ते बनते हैं या फिर यूं कहें कि जितने भी लोग किसी को प्यार करने का दावा करते हैं। वो इसलिए किसी से प्यार करते हैं क्योंकि उन्हें अपने अंदर के खालीपन से दूर भागना है।

लोग खुद को अकेला रख ही नहीं सकते हैं, उन्हें हर समय किसी के साथ की जरूरत होती हैं। जिस वजह से वो अपने लिए पाटनर तलाश करते हैं और उनसे प्यार करते हैं। अगर आप सोचते हैं कि लोग एक दूसरे को प्यार करने के लिए प्यार में पड़ते है, तो ऐसा नहीं है।‌

क्योंकि आप ही जरा सोचिए, जो इंसान खुद से प्यार नहीं करता है वो किसी और से प्यार कैसे कर सकता है। किसी दूसरे को प्यार करने के लिए व्यक्ति को पहले खुद को प्यार करना जरूरी होता है।

मैं ये नहीं कह रहा हूं कि आपको कभी किसी से प्यार नहीं करना चाहिए। आप जरूर प्यार कीजिए, लेकिन तब जब आप खुद में पूरा महसूस करें और सबसे पहले खुद को प्यार करें।

प्यार अच्छा होता है या बुरा ?

प्यार में अच्छा या फिर बुरा जैसा कुछ नहीं होता है। प्यार करने वाला कौन है, आप किस से प्यार कर रहे हैं, आपके प्यार करने का उद्देश्य क्या है ? ये तय करती है कि आपका प्यार अच्छा होगा या फिर बुरा।

अगर आप का प्यार करने का उद्देश्य ही बहुत ही छोटा है यानी कि आप किसी के चरित्र से या फिर उनकी सादगी से प्यार न करके उनके शरीर से प्यार करते है। तो इस तरह का प्यार कभी भी अच्छा नहीं हो सकता है।

लेकिन वहीं अगर आप किसी से इसलिए प्यार करते है ताकि आप किसी तरह से उनकी भलाई कर सके, उन्हें जिंदगी में ऊंचा और बेहतर कुछ करने के लिए मजबूर कर सके तो आपका प्यार अच्छा है।

क्योंकि जब आप किसी से इस तरह का प्यार करते हैं, तो आप सिर्फ उस व्यक्ति की भलाई देखना चाहते हैं। इस तरह का जो प्यार होता है वो सच्चा और पवित्र होता है।

कैसे जानें की हमें प्यार हो गया हैं ?

प्यार बहुत ही अलग सी चीज होती है। हम सभी को love story सुनना बहुत ही पसंद होता है। क्योंकि प्यार का इजहार कर देने के बाद प्यार की कहानी सुनाना काफी आसान होता है।

लेकिन जब किसी को किसी से प्यार होता है, तो उसे खुद ही नहीं समझ आता है कि उन्हें प्यार हो गया है। लेकिन प्यार को समझना इतना भी मुश्किल नहीं है। ‌

  • अगर कोई अचानक से आपके जिंदगी में बहुत खास बन गया है!
  • आप किसी के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने लगे हैं।
  • आप खुद से ज्यादा उस व्यक्ति की भलाई सोचने लगे हैं।
  • आप अपना नुकसान करा कर उस व्यक्ति की भलाई करने को तैयार हो जाते है जिसे आप पसंद करते हैं।

तो समझ लीजिए आपको प्यार हो गया है। प्यार होने पर ज्यादा कुछ नहीं होता जो आप फिल्मों में देखते हैं, वो तो बिल्कुल नहीं होता‌। कोई गिटार नहीं बजता है, दिमाग में कोई घंटी नहीं बजती है! बस यही कुछ चीजें होती हैं।

झूठा प्यार क्या होता है ?

सच कहूं तो झूठा प्यार और सच्चा प्यार जैसा कुछ नहीं होता है। प्यार तो बस प्यार होता है! लेकिन जब लोग प्यार के नाम पर अपना मतलब निकालते हैं या फिर कभी भी निस्वार्थ भाव से किसी को प्यार नहीं करते हैं। तो इस तरह के प्यार को हम झूठा प्यार कहते हैं।

जब लोग अट्रैक्शन को प्यार समझ लेते हैं और फिर उस प्यार के चक्कर में रिलेशनशिप में आ जाते हैं। जिसके बाद मैंने अपने पार्टनर से धोखा मिलता है या फिर उनका पार्टनर उन्हें वो प्यार नहीं दे पाता है, जो वो उनसे चाहते हैं। तो लोग फिर ऐसे प्यार को झूठा प्यार कहने लगते है।

आज के समय में झूठा प्यार शब्द का प्रयोग उस तरह के प्यार को दर्शाने के लिए किया जाता है। जिसमें लोग किसी की भलाई करने के लिए या फिर किसी का पंख बनने के लिए उसके साथ नहीं आते बल्कि अपने physical desire को पूरा करने के लिए आते है।

इस तरह के प्यार का उद्देश्य ही बहुत छोटा होता है। जिस वजह से ऐसा प्यार लंबे समय तक टिक नहीं पाता और जल्दी ही खत्म हो जाता है।

झूठा प्यार कैसे पता चलता है?

झूठे प्यार की पहचान करना वैसे तो काफी आसान होता है लेकिन लोग चाह कर भी देख नहीं पाते हैं कि वो जिस प्यार को प्यार कहते हैं, वही झूठा प्यार है ! क्योंकि जब लोग एक दूसरे के साथ सिर्फ अपना मतलब निकालने के लिए यानी कि s*x, पैसे या फिर attraction की वजह से साथ आते हैं।

तो इस तरह के प्यार को पहचान पाना मुश्किल नहीं है। क्योंकि जो लोग इस तरह से प्यार करते उनकी हरकतें ही बता देती हैं कि उनका प्यार कितना झूठा है। झूठे प्यार को आप इस तरीके से पहचान सकते हैं –

  • जो लोग सिर्फ झूठा प्यार करने का दंभ भरते हैं, अगर आप ध्यान देखेंगे तो उनके लिए उनके प्रेमी या प्रेमिका से ज्यादा जरूरी वो खुद ही होते है।
  • जो लोग किसी से झूठा प्यार करते हैं! उनके पास बातें करने के लिए कुछ भी नहीं होता हैं। इस तरह के लोग सिर्फ बातें सुनते रहते हैं, लेकिन कुछ कहते नहीं। सोच कर देखिए अगर आप किसी की भलाई करना चाहते हैं तो क्या आप उससे बात करने में कतराएंगे नहीं ना! क्योंकि तब आप इन चीजों पर ध्यान नहीं देंगे।
  • झूठे प्यार करने वाले लोगों का इरादा किसी तरह बस अपना मकसद पूरा करना होता है।
  • झूठे प्यार करने वाले लोग एक दूसरे की कमियों से नहीं बल्कि उनके बाहरी appearance से प्यार करते हैं।
  • झूठे प्यार करने वाले लोग attraction को प्यार समझते हैं।
  • झूठे प्यार करने वाले लोगों को अपने पार्टनर से कुछ खास मतलब नहीं होता है।

अगर आप देख रहे हैं कि कोई प्रेमी है प्रेम का एक दूसरे के प्रति समर्पित नहीं है। वो एक दूसरे की भलाई करने की कोशिश नहीं करते। बल्कि एक दूसरे से अपना उल्लू सीधा करने के लिए बातें करते हैं! तो ये झूठा प्यार है।

वो जब लोग इस तरह के प्यार में होते हैं तभी उन्हें सबसे ज्यादा दर्द होता है और उन्हें धोखा भी मिलता है। इसलिए इस तरह के ख्याल से आपको दूर रहना चाहिए। लेकिन आजकल ज्यादातर लोग इस तरह के प्यार को ही सच्चा प्यार समझ लेते हैं इसलिए बाद में लड़के ये कहते कहते हैं कि उनका कट गया!

क्या प्यार करना जरूरी है ?

अगर आपके मन में ये सवाल आ रहा है तो मैं आपसे यही पूछना चाहूंगा कि क्या आप पूछते हैं आपको खाना खाना चाहिए, आपको सोना चाहिए ? नहीं ना, क्योंकि ये चीजें आप खुद से ही करते हैं।

जब आपको भूख लगती है तो आप खाना खाते हैं! जब आपको नींद आती है तो आप सो जाते हैं। ठीक वैसे ही प्यार के साथ भी होता है। जब आपको कोई ऐसा इंसान मिल जाता है, जो आपको समझता है या जिसे आप समझते हैं या फिर दुनिया में जिंदगी में अच्छा करते हुए देखना चाहते है।

तो आपको प्यार भी अपने आप ही हो जाएगा। प्यार करना कोई जरूरी नहीं है! ज्यादातर लोगों को लगता है कि प्यार करने का मतलब सिर्फ किसी लड़के या लड़की को प्यार करना होता है।

लेकिन ऐसा नहीं है जरूरी नहीं है कि आप किसी लड़की को प्यार करें और ये भी जरूरी नहीं है कि अगर आपके जिंदगी में कोई लड़की आएगी तभी आप खुश रहेंगे।

आप अपनी जिंदगी में कोई बड़ा लक्ष्य बनाकर अपनी पूरी जिंदगी उस लक्ष्य को समर्पित कर सकते हैं। अपने काम को ईमानदारी से करके अपने काम से प्यार कर सकते हैं।

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि अगर उनके जिंदगी में कोई आ गया तभी वो प्यार को महसूस कर पाएंगे पर ये सिर्फ बेकार की बातें हैं। दुनिया में बहुत से लोग हैं जो प्यार का मतलब जानते भी नहीं है लेकिन वो कहते हैं कि उन्हें प्यार हुआ है जबकि ये सब उनकी गलतफहमी होती है।

इसलिए मैं बस आपको यही कहूंगा कि प्यार करना कोई जरूरी नहीं है। और अगर आपको प्यार करना ही है तो किसी अच्छी चीज से प्यार कीजिए! शांति से, सच्चाई से, आजादी से प्रेम कीजिये!

अपने प्यार को कैसे पाएं ?

अगर आप अपने प्यार को पाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि आपके लिए प्यार को पाने का मतलब क्या है ? क्या आपके लिए अपने पार्टनर के साथ रिलेशनशिप में आ जाना ही उसे पाना है या फिर अपने पार्टनर से शादी कर लेना ही उसे पाना है।

लोग प्यार में हमेशा पाने की बात करते हैं जबकि प्यार का असली मतलब तो आजादी है। हम चाहते हैं कि हम जिनसे प्यार करते हैं, वो हमेशा हमारे पास रहे, हमारे साथ रहे!

जिस वजह से हमारे अंदर उस व्यक्ति को पाने की इच्छा होती है। लेकिन जब लोग सच में किसी से प्यार करते हैं, तो वो उन्हें पाने की कोशिश नहीं करते! क्योंकि प्यार मुक्ति देने का नाम है।

वरना ये बिल्कुल उस इंसान की तरह हो गया जो एक सुंदर से पक्षी को पिंजरे में रखना चाहता है जबकि उसके लिए तो पूरा खुला आसमान है। इसलिए अपने प्यार को पाने की कोशिश मत कीजिए बल्कि उसे आजादी दीजिए।

किसी को प्यार करना सही है या गलत ?

प्यार में सही गलत जैसा कुछ नहीं होता है जब तक की आपके कुछ करने से किसी दूसरे को नुकसान ना हो रहा हो। मान लीजिए आप किसी से प्यार करते हैं और आप उनके जीवन को बेहतर करने की हर कोशिश कर रहे हैं ! तो इसमें गलत क्या है ?

कुछ नहीं ! क्योंकि आप तो दूसरे की भलाई ही कर रहे हैं। मतलब प्यार करना गलत नहीं है। लेकिन अगर आप प्यार करने के नाम पर सिर्फ किसी को पाने की इच्छा रखते है, उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना चाहते हैं तो ये चीजें ठीक नहीं है।

प्यार तो एक बहुत ही अच्छी फीलिंग है लेकिन अगर आप उसके साथ intimacy, physical relation, romance जैसी चीजें डाल देते हैं! तो ये सही नहीं है और आजकल लोग प्यार के नाम पर यही चीजें ज्यादा करते हैं। जिस वजह से इस तरह का अट्रैक्शन भरा प्यार करना सही नहीं है। 

क्यों प्यार सभी को नहीं मिलता ?

जैसे कि मैंने आपको ऊपर कहा आजकल सभी कहते हैं कि उन्हें किसी से प्यार हो गया हैं, वो प्यार में है! पर प्यार का मतलब समझने के बाद आप मुझे बताइए कि क्या लोग सच में किसी से प्यार करते हैं!

अगर आप ईमानदारी से जवाब देंगे तो आपका जवाब ना ही होगा! क्योंकि ज्यादातर लोग प्यार के नाम पर सिर्फ intimate होना चाहते हैं अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं।

जब आपका किसी को प्यार करने का उद्देश्य ही सही नहीं है! तो आप को प्यार कैसे मिल सकता है। प्यार कोई इतनी आसान चीज थोड़ी होती है। प्यार करने के लिए बहुत कुर्बानियां देनी पड़ती है, बहुत कुछ सहना पड़ता है। ज्यादातर लोग ऐसा कर नहीं पाते हैं, जिस वजह से उन्हें प्यार नहीं मिलता है।

पहली नजर का प्यार क्या होता है ?

पहली नजर का वो प्यार होता है जिसे अगर attraction कहा जाए तो गलत नहीं होगा। क्योंकि जब हम किसी को पहली बार देखते हैं और उस व्यक्ति को देखते ही हमें उनसे प्यार हो जाता है। तो उसे कहते हैं पहली नजर का प्यार।

इस तरह के प्यार में ना तो कोई बातें होती हैं, ना हीं लोग एक दूसरे को जानते हैं, नाउन के अच्छे बुरे चीजों को समझते हैं बल्कि उनकी बाहरी खूबसूरती को देखकर उनसे प्यार में पड़ जाते हैं। इसलिए मैंने पहली नजर के प्यार को attraction का नाम दिया है।

क्या होता है, जब प्यार होता है ?

टीवी सीरियल और फिल्मों को देखकर हमने यही जाना है कि जब भी प्यार होता है तो हमारे आसपास हवाएं चलने लगती हैं! गाने बजने लगते हैं! दिल में घंटियां बजने लगती है और हम हवा में उड़ने लगते हैं।

लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है! ये सारी बातें बनाई हुई है। जिस तरह से आप को हंसी आती है, आपको रोना आता है, आपको गुस्सा आता है! तो उस समय उस फीलिंग के अलावा आपको कुछ महसूस नहीं होता ठीक वैसे ही तो आपको प्यार होता है, तो आप बस प्यार करते हैं।

हां ये बात अलग है कि जब आपको प्यार होता है, तो व्यक्ति के सामने आने से दिन से आप प्यार करते हैं! आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं, आपके चेहरे पर smile आ जाती हैं और आप अपनी ही दुनिया में खो जाते हैं।

शायद ये बातें भी आपको अजीब लगे लेकिन मैंने खुद लोगों को आवश्यक करके ये पाया है कि ऐसा सच में होता है।

प्यार में सबसे ज्यादा जरूरी क्या होता है ?  

प्यार में सबसे ज्यादा जरूरी भरोसा होता है। क्योंकि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो आप उन पर खुद से ज्यादा भरोसा करने लगते है और आप माने या ना माने लेकिन किसी भी प्यार की शुरुआत भरोसे से ही होती है।

जब आपको किसी के ऊपर भरोसा होता है तभी आप उस व्यक्ति को अपनी जिंदगी में आने देते हैं! अपने लिए खास बनने देते हैं। अगर किसी प्यार में भरोसा ना हो तो वो प्यार नहीं बल्कि दिखावा है।

भरोसे के बाद अगर कोई चीज प्यार में सबसे जरूरी होता है तो वो है care! प्यार में अपने पार्टनर की care करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि जब आप किसी की केयर करते हैं, तभी आपके मन में उसके भलाई का ख्याल आता है।

प्यार में दिल क्यों टूटता है ?

प्यार में दिल टूटने का सबसे बड़ा कारण होता है expectations! जब तक आपको किसी से प्यार नहीं होता है तब तक आप उनसे कुछ उम्मीद भी नहीं करते हैं। लेकिन जब आप को किसी से प्यार हो जाता है।

तब आप की उस व्यक्ति से उम्मीदें बढ़ जाती हैं आप चाहने लगते हैं कि आपका पार्टनर आपके मुताबिक चीजें करें। पर जब आपका पार्टनर ऐसा नहीं करता है तो आप आपकी उम्मीद है और आपको बहुत बुरा लगता है।

उम्मीद टूटने पर जो बुरा लगता है हम उसे दिल टूटना मान लेते हैं। इसके अलावा प्यार में दिल टूटने का मतलब होता है किसी का आप का विश्वास तोड़ना। अगर आप सोच रहे हैं कि विश्वास तोड़ना और उम्मीदें तोड़ना एक बात होती है तो ऐसा नहीं है।

उम्मीदों का मतलब होता है कि आप किसी से कुछ चाह रहे हैं जो वो नहीं कर रहा है जबकि भरोसा का मतलब होता है आप किसी पर यकीन करते हैं कि आपका पाटनर कोई गलत काम नहीं करेगा या फिर आपको धोखा नहीं देगा। लेकिन जब आपका पार्टनर आपका ये भरोसा तोड़ देता है, तो आपका दिल भी टूट जाता है।

प्यार में दर्द क्यों होता है ?

प्यार में दर्द होने की कोई खास वजह नहीं होती ये नहीं होता कि आपके दिल में दर्द हो रहा है इसीलिए आपको प्यार में दर्द महसूस हो रहा है! 😂 जी नहीं ऐसा नहीं है!

प्यार में दर्द उम्मीदों की वजह से ही होता है। जब हम किसी से उम्मीदें लगाते हैं और वो इंसान हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो हमें दर्द होता है। प्यार में ये उम्मीद ज्यादा होती है इसलिए प्यार में ज्यादा दर्द होता हैं।‌

प्यार में धोखा क्यों मिलता है ?

सरल और आसान शब्दों में कहें तो प्यार में किसी को भी धोखा तब मिलता है जब आपका पार्टनर आप से संतुष्ट नहीं होता है या फिर आपके साथ खुश नहीं होता है।

ये satisfaction physical level पर भी हो सकती है और mental level पर भी! कई बार होता है कि लोग रिलेशनशिप में कहते तो हैं कि उन्हें एक दूसरे से प्यार है, लेकिन उनके बीच बहुत लड़ाइयां होती हैं।‌

इस तरह के हालात में जो पार्टनर लड़ाई झगड़े से सबसे ज्यादा परेशान होता है! उन्हें जब किसी दूसरे व्यक्ति का प्यार अपनापन और सम्मान मिलता है। तो वो अपने प्यार को छोड़ उसे व्यक्ति से प्यार करने लग जाते हैं।

कई बार ऐसा भी होता है की जिनके साथ हम रिलेशन में होते हैं वो हमारी respect नहीं करता लेकिन कोई वैसा ही दूसरा व्यक्ति है जो हमारी respect करता है।

तो यहां पर कोई दो राय नहीं है कि हमारा झुकाव उस व्यक्ति के पास अपने आप ही चला जाएगा जो हमारी कदर करता है क्योंकि लोगों को उस इंसान के साथ रहना अच्छा लगता है जो उनकी कद्र करता हो।

अगर आप अपने पार्टनर respect नहीं करेंगे और उनके वैल्यू नहीं करेंगे! पर ये सोचेंगे कि वो इंसान आपके साथ loyal रहें, तो sorry ऐसा नहीं हो सकता है। क्योंकि इस तरह के हालात में लोग अक्सर अंदर से टूट जाते हैं और ऐसे समय में जो उन्हें संभालता है उन्हें उसे प्यार हो जाता है।

क्या सच्चा प्यार चोट करता है?

हां, सच्चा प्यार चोट करता है! क्योंकि अगर कोई आपसे सच्चा प्यार करता है तो वह कभी भी आपको खुश करने के लिए बातें नहीं कहेगा या फिर कहेगी।

सच्चा प्यार करने वाला व्यक्ति आपको हमेशा सीधी और सच्ची बात ही कहेगा क्योंकि इसमें ही आपकी भलाई होगी। लेकिन कई बार हमें लोगों की सच्ची बात पसंद नहीं आती है। इसीलिए उन्हें लगता है कि सच्चा प्यार चोट करता है।

जबकि सच्चे प्यार में तो सिर्फ सच होता है और जहां सच होता है। वहां चोट तो लगती ही है, चाहे आपके घमंड को चोट लगे आपकी नादानी को चोट लगे या फिर आपकी उम्मीदों को।

पहला प्यार क्या होता है?

जब किसी व्यक्ति को पहली बार प्यार का एहसास होता है। जब कोई है उनसे भी ज्यादा खास लगता है या फिर जिस की भलाई करना उनके लिए जिम्मेदारी बन जाती हैं! तो उसे पहला प्यार कहते हैं।

वैसे तो लोगों को जिंदगी में कई बार प्यार होता है लेकिन क्योंकि बचपन से जवानी में कदम रखते हुए उन्हें पहली बार जब प्यार का एहसास होता है। तो प्यार की बात ही अलग होती है।

पहला प्यार इसलिए भी बहुत खास होता है क्योंकि तब लोग खुले दिल से अपने पार्टनर को प्यार करते हैं उनके ऊपर भरोसा करता है और उन्हें अपना सब कुछ मानते हैं।

लेकिन जब उनका पहला प्यार उन्हें धोखा देता है या फिर उन्हें तकलीफ देता है, तो उनका दिल टूट जाता है। जिसकी वजह से एक व्यक्ति के मन में काफी सारे बदलाव होते हैं चाहे वो लड़का हो या लड़की!

ऐसे में वक्त के साथ वो व्यक्ति अपने जीवन में आगे तो बढ़ जाता है लेकिन उनके पहले प्यार से मिला दर्द और तकलीफ कहीं ना कहीं उनके साथ ही रह जाती है। जिस वजह से फिर वह बाकी लोगों पर वैसे यकीन नहीं कर पाते हैं जैसे वह अपने पहले प्यार पर किया करते थे।

क्या प्यार सिर्फ एक बार होता है?

जी नहीं! प्यार सिर्फ एक बार नहीं होता है। आपने टीवी में सिनेमा में सुना होगा कि प्यार तो एक बार होता है और शायद उसी हिसाब से आपने अपने दिमाग की wiring भी होगी। लेकिन ये बिल्कुल ही गलत बात है।

Science कहती है कि एक इंसान को उसके जिंदगी में दो से तीन बार प्यार हो सकता है। और हो भी क्यों ना, अगर कोई आपसे प्यार दिखा रहा है, आप की केयर कर रहा है, आप अपने जीवन में महत्व दे रहा है तो आपको भी उनसे प्यार हो ही जाएगा। चाहे आप खुद को रोकने की कितनी कोशिश क्यों ना करें!

जब सामने वाला आपका से अच्छा ही अच्छा करना चाहता हो, तो आप उनसे प्यार करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। यही कारण है कि मैंने कहा कि जिंदगी में प्यार कई बार होता है।

पुरुष कितनी जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं ? 

कोई व्यक्ति कितना जल्दी प्यार में पड़ सकता है, इसकी कोई टाइम लिमिट सेट नहीं की गई है। हालांकि सुनने में अक्सर यही आता है कि लड़के लड़कियों के मुकाबले जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं।

पर एक लड़के को प्यार में पड़ने में कितना समय लगेगा! ये बता पाना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि एक लड़के को किसी लड़की को एक नजर में देखकर भी प्यार हो सकता है, तो कभी-कभी प्यार होने में काफी समय भी लग सकता है।

प्यार कोई जल्दबाजी में की जाने वाली चीज नहीं है! इसे जितना समय दिया जाए दो लोगों के बीच का प्यार उतना ही बढ़ता है।

प्यार में रोमांस का कितना महत्व होता है ?

प्यार में रोमांस भी जरूरी होता है क्योंकि रोमांस आपके रिश्ते में spark बना कर रखता है और कहीं ना कहीं आपके रिश्ते को मजबूत करता है। जब आप किसी को प्यार में छोटे हैं तो physical touch से एक अलग तरह का अपनापन होता है।

मैं ये बिल्कुल नहीं कह रहा हूं कि आपको अपने पार्टनर में बिल्कुल घूस जाना चाहिए। लेकिन थोड़ी बहुत physical touch प्यार बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है।

प्यार से क्या लाभ होता है?

प्यार से लाभ के बारे में अगर मैं बात करूंगा तो हो सकता है की आप सोचने लगे कि प्यार अगर निस्वार्थ भाव से किया जाता है तो उसमें लाभ कहां से आ गया।

देखो आपकी बात सही है प्यार में लाभ नहीं होना चाहिए! लेकिन तब जब आप का लाभ आपके स्वार्थ में छुपा हुआ हो।

पर अगर आपका प्यार आपको जीवन में तरक्की के रास्ते पर ले जा रहा है, आपको अपने बंधनों से मुक्त कर रहा है!

आपको अपने जीवन में अच्छा से अच्छा कुछ करने के लिए प्रेरित कर रहा है तो इस प्यार से लाभ लेने में भी कोई बुराई नहीं है।

क्योंकि ऐसे आपका भला हो रहा है ना कि आप के किसी स्वार्थ की पूर्ति हो रही है। इसके अलावा आपको ये भी सोचना चाहिए कि जो इंसान आपकी भलाई के लिए आपके मुक्ति के लिए इतना कुछ कर रहा है।

वो भी तो अपने जीवन में आप को प्रेरित करने के लिए सही मार्ग पर चलेगा या फिर चलेगी। समझ पा रहे हैं मैं क्या बोलने की कोशिश कर रहा हूं!

मैं यही बोलने की कोशिश कर रहा हूं की जब प्यार में दो लोग एक दूसरे की भलाई चाहते हैं, उनका अच्छा करना चाहते है तब प्यार से दोनों को ही लाभ होता है जो कि अच्छी बात है।

सबसे मजबूत प्यार कौन सा है?

प्यार में मजबूत या कमजोर जैसा कुछ नहीं होता है आप जिस इंसान से सच्चे दिल से प्यार करते हैं उनकी भलाई की चाहत रखते हैं वही प्यार समझ लीजिए सबसे मजबूत प्यार है।

FAQ

प्यार का सही अर्थ क्या होता है?

प्यार का सही अर्थ है दूसरों का हित करना! अगर आप किसी भी तरीके से दूसरे की भलाई करते हैं, तो वो प्यार है।

प्यार का दूसरा नाम क्या है?

प्यार का दूसरा नाम समर्पण और त्याग है। जब आप बिना किसी स्वार्थ के दूसरे का अच्छा करते हैं, तो वो प्यार होता हैं।

प्यार कितनी बार हो सकता है?

प्यार की कोई गिनती नहीं होती हैं! अगर आपके सामने कोई ऐसा इंसान आ जाता है जो आपकी भलाई चाहता है! तो प्यार कई बार भी हो सकता है।

 प्यार कहाँ से शुरू होता है ?

प्यार की शुरुआत हमेशा दोस्ती से होती है। आपका सबसे अच्छा दोस्त ही आपका प्रेमी बन सकता है।

प्यार में सबसे ज्यादा कौन तड़पता है ?
 

प्यार में जो लोग ज्यादा उम्मीदें रखते हैं, वही लोग सबसे ज्यादा तड़पते हैं। क्योंकि जब उनकी उम्मीदें पूरी नहीं होती है तो उन्हें बुरा लगता है।

सच्चा प्यार कौन सी उम्र में होता है?

 
सच्चे प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है जब किसी को प्यार का सही मतलब समझ में आ जाए और उन्हें कोई ऐसा इंसान मिल जाए! जो उनके प्यार के काबिल हो तो उन्हें प्यार हो सकता है।

प्यार का सबसे अच्छा अर्थ क्या है?

प्यार का सबसे अच्छा अर्थ निस्वार्थ भाव से किसी की भलाई की कामना करना है।
 

सच्चे प्यार की पहली निशानी क्या है?

सच्चे प्यार के पहले निशानी नहीं होती है कि आप अपने प्रेमी के लिए हित के लिए अपना नुकसान कराने से भी नहीं चूकते हैं।

प्यार किस चीज से बनता है?

 
प्यार care, भरोसा, अपनापन, समर्पण और त्याग जैसी चीजों से मिलकर बनता है।
 

रोमांटिक प्यार कब तक रहता है?
 

रोमांटिक प्यार में प्यार जैसा कुछ नहीं होता! ये प्यार क्योंकि एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से उनके शरीर के वजह से होता है। इसलिए ये 6 महीने से 1 साल के लिए होता है।

आकर्षण कितने समय तक रहता है ?

किसी के प्रति आकर्षण कितने समय तक रहेगा ये बता पाना मुश्किल होता है।‌ लेकिन ज्यादा मामले में आकर्षण साल 2 साल में ही खत्म हो जाता है।
 

प्यार में कौन जल्दी पड़ जाता है ?
 

लड़का प्यार में जल्दी बढ़ जाता है क्योंकि वो दिल से कम और दिमाग से ज्यादा सोचता है।
 

लड़का और लड़की का प्यार कैसा होता है ?

लड़का और लड़की का प्यार Romance, attraction और lust से भरा होता है बहुत ही कम लोग होते हैं, जो सच में प्यार करते है।

प्यार का फुल फॉर्म क्या होता है ?

प्यार यानी कि Love का full form ” Long-lasting Original Valuable Emotions ” होता है। ‌
 

 
प्यार का पर्यायवाची शब्द क्या क्या हैं ?

प्यार के कई पर्यायवाची शब्द होता है जैसे प्रेम, मोहब्बत, love, इश्क इत्यादि।
 

सपने में अपने प्यार को देखने का क्या मतलब होता हैं ?
 

सपने में अपने प्यार को देखने का मतलब ये होता है कि आप अपने पार्टनर को बहुत प्यार करते है और हर चीज में अपने प्यार का साथ चाहते हैं।

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अंतिम शब्द 

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने की बाद अब आप जान गए होंगे कि प्यार क्या होता है ? हो सकता है कि जो बातें मैंने यहां पर आपको प्यार के बारे में बताई है। आप उससे agree न करते हो लेकिन अगर आप मेरी बातों को ध्यान से समझेंगे और उसे याद रखेंगे।

तो आपको खुद ही महसूस होगा कि जो बातें मैंने आपको यहां कही है, प्यार सच में वैसा ही होता है। इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको पसंद आई हो, तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। ‌

पति-पत्नी की रोमांटिक बातें फोन पर कैसे होती है?

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दोस्तों लोगों के मन में अक्सर इस तरह के सवाल उठते है कि पति-पत्नी की रोमांटिक बातें फोन पर कैसे होती है? क्योंकि लोग बेडरूम में तो romantic हो भी जाते हैं। फोन पर romantic बाते करना तो खैर सभी पति पत्नी को पसंद होता है। लेकिन जब बात फोन पर रोमांटिक होने की आती है, तब उनके पसीने छूट जाते हैं।

पति पत्नी की रोमांटिक बातें

क्योंकि उन्हे समझ ही नहीं आता है की फोन पर romance किस अंदाज में करना चाहिए और कहां से अपनी बात शुरू करनी चाहिए? अगर आपको भी अपनी पत्नी से या फिर आप को अपने पति से फोन पर रोमांटिक बातें करनी है।

तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि इस आर्टिकल में हमने आप को पति-पत्नी की रोमांटिक बातें फोन पर किस तरह से की जाती है इस बारे में भी चर्चा की है। ये आर्टिकल बहुत ही मजेदार होने वाली है इसलिए इसे पूरा जरूर पढ़ें।

पति-पत्नी की रोमांटिक बातें फोन पर क्यों होती हैं?

पति पत्नी का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता होता है जो मां बाप के रिश्ते के बाद सबसे ज्यादा एक इंसान से connected होता है। अगर आप एक लड़के हैं, तो आप अपनी पत्नी से जितना ‌connected होंगे, उतना किसी और के साथ नहीं होंगे। ‌

ठीक उसी तरह अगर आप एक महिला है तो आपके लिए आपके पति से ज्यादा खास आपके लिए कोई नहीं होगा और आप जितना खुलकर उनसे बात कर पाती होंगी उतना खुलकर आप किसी और से बात नहीं कर पाएंगी।

अब क्योंकि पति और पत्नी एक दूसरे के सबसे ज्यादा करीब होते हैं, एक दूसरे को समझते हैं। इसलिए इन दोनों के बीच में जो रिश्ता होता है, वो भी बहुत ज्यादा करीब होता है।

और जैसा कि आपको पता ही है हम जिन लोगों के सबसे करीब होते हैं। हम बातें अपने दिल की बातें भी उनसे ही करते है। दिल की बातों में सिर्फ प्यार ही नहीं होता बल्कि और भी चीजें आती हैं।

जब पति और पत्नी के बीच का रिश्ता गहरा होता है। तो मन की बातों के साथ-साथ शारीरिक बातें भी अपने आप ही होंगे लगती हैं। क्योंकि इस तरह की बातें एक तो mind relax करती हैं और दूसरा रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भी ये बातें बहुत जरूरी होती है।

शायद आपको यकीन नहीं होगा लेकिन जब एक पति और पत्नी एक दूसरे से रोमांटिक बातें करते हैं। तो उनका दिमाग और भी creative तरीके से चलता हैं।

Romatic couple के बीच प्यार हमेशा बढ़ता है और वो हमेशा अपने पार्टनर के करीब आने के बहाने ढूंढते है। अगर आप भी इस तरह की बातें करना चाहते हैं तो आप आर्टिकल में आगे बताई गई बातों को ध्यान में रखें।

पति-पत्नी की रोमांटिक बातें फोन पर कैसे होती है?

फोन पर अपने पति या पत्नी से रोमांटिक बातें करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं होता है। खासकर तब जब आपके और आपके पार्टनर के बीच का रिश्ता मजबूत हो। क्योंकि तब आपको एक दूसरे के बारे में सब कुछ पता होता है।

और आपके लिए एक दूसरे की इच्छा को पूरा करना भी आसान हो जाता है। नीचे मैंने आपको कुछ बातें बताई हैं, जिसे अगर आप ध्यान में रखते हैं। तो आपके लिए रोमांटिक बातें करने में जरा सी भी मुश्किल नहीं आएगी।

1. प्यार से शुरु होता हैं रोमांस का सफर!

Romance को‌ लोगों ने एक taboo बना दिया है। लोगों को लगता है कि रोमांटिक बातें करने का मतलब सीधा अपने पार्टनर से उस तरह की बातें करना होता है। ‌वो सोचते हैं कि वो फोन करेंगे और फोन करने के साथ ही फ्लर्ट भरी बातें करना शुरू कर देंगे।

जो कि बिल्कुल ही गलत है क्योंकि पति पत्नी के बीच romance ऐसे शुरू नहीं होता। बल्कि romance की शुरुआत भी प्यार से ही होती है। पति पत्नी के बीच पहले प्यार से बातें होती हैं।

एक दूसरे का अच्छा सोचा जाता है, अच्छे मुद्दों पर बात की जाती है और फिर बात करते करते romantic बातें अपने आप ही होने लगती हैं।

जब आप अपने पत्नी या पति से सिर्फ romance का नहीं बल्कि उनका अच्छा करने के बारे में सोचते हैं और उससे जुड़ी बातें करते हैं। तो ये भी आपको अपने पार्टनर के करीब लाता है जिससे कि आप दोनों में romance शुरू होने की समभावना बढ़ जाती है।

‌तो याद रखें, रोमांस करना आपका लक्ष्य नहीं बल्कि अपने पार्टनर की भलाई आपका उद्देश्य होना चाहिए! और उद्देश्य जब दूसरे की भलाई हो तो इस बीच कभी रोमांटिक बातें हो जाएँ तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं!

2. खास मौके पर करे romantic बातें!

रोमांटिक बातें बिल्कुल दाल चावल की तरह होती है। अगर आप अपने पार्टनर से हमेशा ही रोमांटिक बातें करते हैं तो एक समय आएगा, जब आप लोग एक दूसरे से इस तरह की बातें करते करते भी बोर हो जाएंगे। ‌

इसलिए आपको कभी भी romance को उद्देश्य नहीं समझना चाहिए। अगर आप रोमांटिक हो भी रहे हैं और आपको romance करने का मन कर भी रहा है।

तब भी आप को अपनी बातों की शुरुआत यहां से नहीं करनी चाहिए बल्कि अपने पार्टनर से से बात करनी चाहिए। जब आप अपने पार्टनर से थोड़ी देर बातें करेंगे।

तो फिर आपका पार्टनर खुद ही समझ जाएगा कि आप उनसे कैसी बातें करना चाहते हैं। जिसके बाद हो सकता है कि आपका पार्टनर खुद ही आप से रोमांटिक बातें करना शुरू कर दें।

3. Romance लाता हैं एक दूसरे के करीब!

जब लोग एक दूसरे से प्यार में होते हैं तो वो एक दूसरे के बारे में अच्छा सोचते हैं और उनको अपने जीवन में तरक्की करते हुए देखना चाहते हैं। जिस वजह से उनके बीच जो बातें भी होती हैं, वो भी बातें ऐसी होती हैं।

जो उनको और ऊपर उठने में मदद करती हैं। पर जब लोग एक दूसरे के साथ रोमांटिक बातें करते हैं! तब वो एक दूसरे के romantic needs को समझते हैं और ये जान पाते हैं कि उनके पार्टनर से उन्हें क्या उम्मीदें हैं!

इतना ही नहीं रोमांटिक बातें लोग तब किसी से करते हैं जब वो अपने पार्टनर को अपने दिल के करीब समझते हैं और उनके साथ हर तरह की बातें करने में कंफर्टेबल फील करते हैं।

तो रोमांटिक बातें कहीं ना कहीं पति पत्नी को एक दूसरे के करीब लाती है और उनके बीच के रिश्ते को भी मजबूती देती हैं।

4. जबरदस्ती बिलकुल न करें!

मेरी इतनी बातें पढ़ने के बाद मुझे पता है आप समझ गए होंगे कि romantic बातें करने का उद्देश्य क्या होना चाहिए! ऐसे में अगर आप अपने पार्टनर से रोमांटिक बातें करना चाहते हैं।

लेकिन आपका पार्टनर आपसे रोमांटिक बातें करना नहीं चाह रहा है या चाह रही हैं। तो आप‌ को उनकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ गलती से भी जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।

क्योंकि romance के लिए अगर आप किसी के साथ जबरदस्ती करते हैं, तो ये बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि ऐसा करने से आप अपने पार्टनर के करीब नहीं आते हैं। बल्कि उसके दिल से और दूर चले जाते हैं।

फोन पर आपको रोमांटिक बातें भी तभी करनी चाहिए जब इसमें आपके पति या पत्नी की मर्जी है। क्योंकि तभी आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय गुजार पाएंगे।

5. दिल खोलकर बाते करें!

आपने समझ लिया कि रोमांटिक बातें फोन पर किस तरह से की जाती हैं।‌‌ पर मैं फिर भी आपको बोल दूं कि आप

को इस तरह की बातें करते हुए शुरुआत में तो बिल्कुल भी adult चीजों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए।

बल्कि आपको इन सारी बातों से अलग चीजों के बारे में ही बातें करनी चाहिए। जैसे आप अपनी पत्नी से उसके परेशानी के बारे में बात कर सकते हैं, जीवन के बारे में बात कर सकते हैं, भविष्य के बारे में बात कर सकते हैं, उसके सपनों के बारे में बात कर सकते हैं।

आप को दिल खोलकर अपने पार्टनर से बातें करनी चाहिए। जब आप दोनों एक दूसरे से दिल खोल कर बातें करेंगे तो आपको समय का पता ही नहीं चलेगा और आप दोनों बातें करते-करते कब रोमांटिक बातें करना शुरू कर देंगे। आपको खुद भी पता नहीं चलेगा।

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Conclusion

दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया होगा कि पति-पत्नी की रोमांटिक बातें फोन पर कैसे होती है? इस आर्टिकल में मैंने आपको बहुत ही आसान तरीके से बताया है कि पति-पत्नी एक-दूसरे से romantic होते हैं।

अगर आपको ये बात समझ में आ गई हो, तो अब आप आसानी से जैसी चाहे वैसी बातें अपने पार्टनर के साथ कर सकते हैं। इस पोस्ट में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए।