प्यार कितनी बार हो सकता है? एक बार दो बार जानें सच्चाई!

प्यार कितनी बार हो सकता है: दोस्तों, क्या आपने कुछ कुछ होता है फिल्म देखीं हैं? उस फिल्म में शाहरुख खान को पहले रानी मुखर्जी से प्यार होता है और फिर उसके बाद काजोल से!

प्यार कितनी बार हो सकता है

आज तक हमने इस तरह की कई फ़िल्में देखी हैं जिसमें लड़का या फिर लड़की को उनके जिंदगी में एक से ज्यादा बार प्यार होता है। सिर्फ फिल्मों की भी बात नहीं है, असल जिंदगी में भी लोग कई बार प्यार करने का दावा करते हैं।

शायद आप ने खुद भी ऐसे लोगों को देखा हो, जिन्हें एक से ज्यादा बार किसी से प्यार हुआ है या फिर हो सकता है कि आपको खुद अपनी जिंदगी में एक से ज्यादा बार किसी से प्यार हुआ हो।

एक से ज्यादा बार प्यार करने की बात लोगों को अक्सर गलत लगती है कई बार तो लोग मजाक भी बनाते हैं। जिस वजह से लोगों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि प्यार कितनी बार हो सकता है?

अगर आप के मन में भी यह सवाल आया है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज हमने इस आर्टिकल में इसी टॉपिक पर बात की है। लेकिन लोगों को प्यार कितने बार हो सकता है, इस बारे में बात करने से पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आपके लिए प्यार का मतलब क्या है ?

प्यार का मतलब क्या है?

ज्यादातर लोगों के लिए प्यार का मतलब किसी के साथ रिलेशनशिप में जाना होता है। जब दो लोग आपस में एक दूसरे को देखकर आकर्षित होते हैं, एक दूसरे के बारे में सोचते हैं तो इसी को प्यार का नाम दे दिया जाता है!

देखिये प्यार का मतलब रिलेशनशिप में आना नहीं है। दो लोगों के आपस में शारीरिक रूप से मिलन को प्रेम नहीं कहा जाता! प्रेम होने के लिए इन्सान का मन स्वच्छ निर्मल होना चाहिए!

यानि जब इन्सान अपने से ज्यादा परवाह दूसरे की करने लगे, यानी उसके लिए दूसरे की भलाई अपने से अधिक जरूरी हो जाये तो समझ लीजिये उसे प्यार हो गया है!

आवश्यक नहीं एक इन्सान को प्रेम किसी दूसरे इन्सान से हो, प्यार तो मनुष्य को ईश्वर द्वारा दिया गया तोहफा है वो उसे जितना बांटता है उतना बढ़ता है!

जब कोई कहता है की वो किसी एक इन्सान से प्रेम करता है तो उसका अर्थ होता है की वो किसी ख़ास इन्सान की ख़ुशी के लिए दूसरे को भी तकलीफ देने को तैयार रहेगा! पर जब इन्सान सभी से प्रेम करता है तो सभी की भलाई करना उसका लक्ष्य होता है!

संत कबीर दास जी प्रेम को लेकर कहते हैं की दुनिया भर के शास्त्रों का ज्ञान हासिल करने वाला इन्सान पंडित नहीं होता, बल्कि वो व्यक्ति जो प्रेम शब्द को समझ ले, प्रेम को जीवन में अपना ले उसका जीवन सार्थक हो जाता है!

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोय।

ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।।

जब किसी को सच्चा प्यार होता है तो वो बड़ा बेफिक्र हो जाता है, वो निर्भय, निस्वार्थी हो जाता है अतः जिस इन्सान को वो प्यार करता है वो उसे प्रेम करता है या नहीं उसे इस बात से भी कोई मतलब नहीं हो जाता!

सच्चे प्यार में इन्सान को एक तरह की खुमारी छाई रहती हैं, प्यार में होने पर आप अपने प्रेमी को बेहतर से बेहतर चीज देने की कोशिश करते हैं और उन्हें नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करते हैं।

प्रेम को और बारीकी से समझने में ये पोस्ट पढ़ें साथ ही ये विडियो आपके काम आएगा!

प्यार कितनी बार हो सकता है?

मैं यदि आपसे पूछूं की जिन्दगी में बीमारी कितनी बार होती है? तो आप बोलेंगे अरे भाई! इन्सान के पैदा होने से मरने तक बीमारी अनेकों बार हो सकती है, इसकी कोई फिक्स संख्या थोड़ी होती है!

इसी तरह जिन्दगी में प्यार ऐसी चीज़ नहीं है जसे गिना जा सके! अतः हम कह सकते हैं की जब इन्सान जान लेता है की प्यार क्या होता है? और जिन्दगी में उसे किसी से प्रेम होने लगता है तो यह प्यार बरक़रार रहता है!

प्रेम को जो समझ लेते हैं, फिर उनका प्रेम खुले आकाश जैसा होता है! यानी वो किसी व्यक्तिगत इन्सान से नहीं अपितु ढेर सारे लोगों को अपना प्रेम बांटते हैं!

आप प्राचीन ऋषि मुनि, दार्शनिक, स्वतंत्रता सेनानी किसी को भी देख लीजिए क्या वह किसी एक खास व्यक्ति से प्यार करते थे ?

नहीं न, उनके हृदय में प्रेम समस्त मानवता के प्रति और जीवन जन्तुओं के प्रति था!

अतः प्यार की अगर गिनती होगी तो वो बिल्कुल ही गलत बात है! क्योंकि अगर आप बोलेंगे कि आपको किसी खास व्यक्ति से प्यार है, तो मैं आपसे पूछूंगी क्या आपको अपनी पढ़ाई से या फिर आप के काम से प्यार नहीं है?

फिर आप कहेंगे कि मुझे उससे भी प्यार है, जब प्यार इतनी सारी चीजों से किया जा सकता है तो आप बताइए क्या प्यार की कोई गिनती हो सकती है ?

क्या दूसरी बार प्यार हो सकता है?

जी बिल्कुल हो सकता है, क्योंकि जब आप में प्यार का भंडार है। तो आप उसे प्यार को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बांटना चाहेंगे। आप नहीं चाहेंगे कि आपका प्यार सिर्फ एक ही इंसान तक सीमित रह जाए।

आपको दूसरी बार क्या तीसरी चौथी पांचवी बार भी प्यार हो सकता है। देखिए प्यार आपको बार-बार नहीं होता

बल्कि आप अलग-अलग लोगों को अलग-अलग कार्यों को अपना प्यार देते हैं।

इसलिए ये बोलना बंद कीजिए कि मुझे एक बार प्यार हुआ है दो बार प्यार हुआ है बल्कि ये कहना शुरू कर दीजिए मुझे एक इंसान से प्यार है, दो इंसान से प्यार है।

क्या 4 बार प्यार में पड़ना संभव है?

बिल्कुल संभव है, क्योंकि प्यार में होने पर आप सिर्फ एक इंसान की भलाई नहीं सोचते बल्कि आपके लिए हर किसी की भलाई जरूरी हो जाती है। आप के सामने जो कोई भी है, जिसे आपको लगता है कि प्यार की जरूरत है।

उन्हें अपनी जिंदगी में ऊंचा उठने की जरूरत है या फिर जिसे आप बेकार लोगों की तरह जीते हुए नहीं देख सकते हैं। आपको उससे प्यार हो जाता है।

आप चार बार तो क्या 10 बार 20 बार 30 बार भी प्यार में पड़ सकते हैं। क्योंकि प्यार खुले आकाश की तरह होता है जिसमें हर किसी के लिए जगह है।

कैसे पता चलेगा की आप प्यार में हैं?

प्यार में होने की भी अपनी एक अलग मौज होती है। जब आप किसी के प्यार में होते हैं आपके अंदर एक अलग सा ही होश आ जाता है। आप चीजों को गहराई से समझ पाते हैं।

हर समय आपके दिमाग में सिर्फ आपका प्यार ही छाया होता है। आप जितने भी काम करते हैं, अपने प्यार को ध्यान में रखकर करते हैं!

कोई आपको प्यार के बदले प्यार दे यह सब आपके लिए कोई मायने नहीं रखता। बल्कि अगर कुछ मायने रखता है तो ये कि आप अपने प्यार को कितना ऊंचा पहुंचा सकते हैं।

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Conclusion

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे कि प्यार कितनी बार होता है ? आप एक बार प्यार को सीख लीजिए उसके बाद आप के मन में इस तरह का सवाल कभी नहीं आएगा क्योंकि प्यार को समझ लेने के बाद आप सिर्फ प्यार ही प्यार बाटेंगे।

इस पोस्ट में बताई गई बातें अगर आपको अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए हो सकता है कि जो बातें मैंने आपको बताई है, हो सकता है कि वो आपको एक बार में समझना है। लेकिन आप बार-बार इस आर्टिकल को पढ़ते रहे तब तक जब तक आपको बात सही से समझ नहीं आ जाती।

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