प्यार क्या होता है? जानिए सच्चा प्रेम क्या होता है?

प्यार क्या होता है: दोस्तों आज प्यार, प्यार ना रह कर बहुत साधारण सी चीज बन गई हैं। क्योंकि अब सभी दावा करते हैं कि वो प्यार में है! और प्यार का नाम लेकर ऐसी ऐसी चीजें करते हैं, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। आजकल तो छोटे-छोटे बच्चे भी कह देते हैं कि वो प्यार में है! उन्हें सच्चा प्यार हो गया है।

प्यार क्या होता है

पर क्या प्यार करना इतना आसान होता है ? क्या यही प्यार होता है ? अगर इस तरह के सवाल आपके मन में आते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि हमारे इस आर्टिकल में आज हम बात करेंगे प्यार क्या होता हैं ? अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो आपको आपके सारे सवालों का जवाब यहीं मिल जाएगा। ‌

प्यार क्या होता है?

विषय-सूची

प्यार की परिभाषा बहुत ही simple होती हैं। जब आप किसी की भलाई के लिए, उनकी तरक्की के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं, तो उसे प्यार कहते हैं। शायद ये परिभाषा आप को थोड़ी अजीब लगे। क्योंकि अब तक हमने यही सुना है कि प्यार का मतलब एक खास फीलिंग होती है, जो किसी खास के लिए हमारे दिल में जगती हैं।

पर किसी व्यक्ति को खास समझकर उसे अपना प्यार समझ लेना सही नहीं है। लेकिन दुनिया में ज्यादातर लोग यही गलती करते हैं। वो अपने feelings और emotion को प्यार समझ लेते हैं। लेकिन प्यार कोई इमोशन नहीं है, ये फीलिंग से भी ऊपर की बात होती है।

हमारा जो इमोशन यानी भाव होता है, वो बात-बात पर बदलता हैं! कभी हम गुस्सा होते हैं तो कभी खुश हो जाते हैं, कभी रोते हैं तो कभी हंसने लगते हैं। ऐसे में अगर आप प्यार को इमोशन समझेंगे, तो इस तरह से हंसना, रोना, खुश होना, गुस्सा करना सभी चीजें आपको प्यार ही लगेगी।

और दुनिया में ज्यादातर लोग इन चीजों को ही प्यार समझ लेते हैं। जिस वजह से अक्सर लोग यही कहते हुए मिलते हैं कि प्यार में दुःख ही दुःख हैं, मैं अपने प्यार के साथ खुश नहीं हूं या फिर मैं जिस इंसान के साथ प्यार करता हूं या करती हूं वो मुझसे प्यार नहीं करता।‌

इस तरह की कंप्लेंट लोग इसलिए करते हैं क्योंकि वो दूसरों से प्यार के नाम पर बहुत सारे expectations रख लेते हैं और जब सामने वाला उन expectations को पूरा नहीं करता है। तो वो कह देते हैं कि मेरा प्रेमी मुझसे प्यार नहीं करता।

जबकि सही बात तो ये है कि जो इंसान प्यार करने का दावा कर रहा है, असल में उसने खुद कभी अपने प्रेमी से प्यार किया ही नहीं है। क्योंकि अगर उन्होंने अपने प्रेमी से प्यार किया होता तो वो उनसे कोई आशा ही नहीं रखते।‌

शायद आप सोच रहे हो की अगर हम अपने प्रेमी से कोई आशा नहीं रखेंगे तो हमारी feelings का क्या होगा? देखा आपने, बात फिर से घुमा कर feelings पर आ गई। हम इस तरह से अपने feeling / emotion को प्यार का नाम देते हैं।

जबकि प्यार तो इन सब चीजों से बहुत ऊपर है। जब आप को किसी से प्यार होता है। तो आप उनसे किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करते बल्कि बिना उनसे कुछ पाने की अच्छा रखे, सिर्फ उनके बारे में अच्छा सोचते हैं। और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए अपना भी नुकसान कराने को तैयार हो जाता है।

जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे का अच्छा करने के लिए, अपने बारे में ना सोच कर कोई भी चीज करता है बिना ये सोचे कि इससे उन्हें क्या फायदा होगा! जब आपके मन में अपने प्रेमी के भलाई सोचने से अच्छा जरूरी और कोई काम होगा ही नहीं।

सच्चे प्यार की परिभाषा

सच्चा प्यार का मतलब दूसरों की भलाई और तरक्की है! अगर आप दूसरे की भलाई करने की चेष्टा करते हैं। अगर आप उन्हें जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं, तो वही सच्चा प्यार है।

सच्चा प्यार व्यक्ति को हर बंधन से मुक्त होने में मदद करता है।‌ अगर आप किसी को मोह माया के बंधन से या फिर किसी भी बंधन से जिससे आपका प्रेमी परेशान हो, उससे बाहर निकालते हैं।

बिना ये सोचे कि आपका इससे आपको फायदा हो रहा है या नुकसान! तो समझ लीजिए वह प्यार सच्चा है।

प्यार किससे होता है?

अभी अगर कोई कह रहा है की मैं प्यार में हूं! तो समझ लीजिए वो ये कहना चाहता है की उसे कोई लड़का पसंद आ गया है या कोई लड़की पसंद आ गई है। क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है की प्यार सिर्फ opposite gender से ही होता है। ‌

लेकिन ऐसा कहना बिल्कुल गलत है क्योंकि जरूरी नहीं है की प्यार सिर्फ opposite genders में ही हो। और मैं ये भी नहीं कहूंगी कि आपको अपने माता-पिता, दोस्तों, भाई-बहन से प्यार होगा। ‌

देखिये प्रेम हर उस काम से, हर उस इन्सान से हो सकता है जो प्यार के काबिल है! हर वो काम जिसको करने से इन्सान का, प्रकृति का भला हो सके उस काम से प्रेम करना बहुत जरूरी है।

जो लोग हमेशा यह कंप्लेन करते हैं की उनका काम में मन नहीं लगता! देखिये ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें अपने काम से प्यार नहीं होता। ‌अगर उन्हें अपने काम से प्यार हो जाए तो वो अपने काम में बिल्कुल भी लापरवाही नहीं दिखाएंगे।

सच कहूं तो यही असली प्यार होता है लेकिन लोग दूसरे gender का प्यार पाने के लिए सारी चीजें करते रहते हैं। इसलिए वो कभी प्यार की गहराई को समझ नहीं पाते हैं और बेकार की चीजों को ही प्यार समझ लेते हैं।

प्यार कैसे होता है?

प्यार करने की कोई विधि या फिर कोई खास तरीका नहीं होता है! लेकिन हम समझते हैं की प्यार करने का कोई तरीका होता है। जिसे अगर हम समझ लें तो हम भी सच्चा प्यार कर सकते हैं।

पर ये सारी बेकार की बातें हैं, प्यार न तो किसी को फूल देने से होता है और न ही प्यार का अर्थ किसी से शादी कर लेना होता है! सच्चे प्रेम में किसी को चाहने में लोगों की हालत खराब हो जाती हैं। इसीलिए लोग प्यार की विधियां तलाश करते हैं।

ताकि उन्हें ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े और वो प्रेमी बनकर प्यार करने का दंभ भर सके। पर ऐसा भी नहीं है कि असली प्यार कैसे होता है ये ना समझा जा सके ?

ऐसा इंसान जो आपकी जिंदगी में आपको अच्छे से अच्छी चीजें करने के लिए motivate करता है, आपको जीवन में नए challenges लेने और जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए लगातार कोशिश करता है।

अगर उस इंसान के लिए और उसके किए गए अच्छे कामों के लिए आपके दिल में कोई जगह बनती है तो समझ लीजिए आपको उससे प्यार हो गया।

प्यार कब होता है ?

प्यार करने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। जैसे शाम हो गई तो मुझे प्यार हो गया। सुबह हुआ, तो प्यार खत्म हो गया! इस तरह के ढोंग को प्यार नहीं कहते हैं। क्योंकि प्यार बिल्कुल प्रकृति के जैसा होता है।

अगर आपको किसी काम से या इन्सान से प्यार है तो आपको समय की कोई परवाह ही नहीं रहेगी।

हालांकि लोगों के मन में ये सवाल इसलिए आता है ताकि वह प्यार करने की सही उम्र जान सके। क्योंकि आजकल तो 15 साल के बच्चों को भी प्यार हो जाता है। देखो, लोग जिस चीज को प्यार का नाम देते हैं वो प्यार नहीं होता बल्कि attraction होता है।

और जो चीज बच्चों को होती हैं, जिसे वो प्यार समझ लेते हैं वो तो attraction भी नहीं होता बल्कि सिर्फ hormones की उत्तेजना होती है जो नया नया उनमें devlop हो रहा होता हैं।

जिस उम्र में बच्चे किताबें नहीं समझते हैं, पढ़ाई को नहीं समझते वो प्यार को क्या ही समझेंगे। और ऐसा नहीं है कि लोग बड़े होने के बाद प्यार समझ लेते हैं। प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। बात बस इतनी सी है कि अगर आपको प्यार का सही मतलब समझ आ जाता है, अपने प्यार करने का उद्देश्य समझ आ जाता है!

आप में वो भावना आ जाती है कि चाहे कुछ भी हो जाए, आप दूसरे का अच्छा सोचेंगे तो समझ लीजिए वही प्यार करने की सही उम्र है। जब आपको प्यार हो, तो आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप बेहोशी में यानी कि unconsciousness में होकर किसी को प्यार करने का दावा तो नहीं कर रहे हैं!

प्यार हमेशा होश हवास में होता है, लोग कहते हैं कि प्यार अंधा होता है। पर सच कहूं तो प्यार बहुत कुछ देख कर सोच कर समझ कर की जाने वाली चीज है।

प्यार अच्छा या बुरा होता है?

प्यार ना तो अच्छा होता है और ना ही बुरा! अगर आपको किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार हुआ है। जो आपके जिंदगी में आप को बेहतर बनाने के लिए आया है या फिर आपको अपने बंधन से मुक्ति दिलाने के लिए आया है तो समझ लीजिए प्यार अच्छा है।

लेकिन अगर वही आपका प्यार आपको बंधन में बांधता है, आपको grow करने से रोकता है, आपको अपने जीवन में कुछ भी अच्छा करने नहीं देता, हर चीज में रोक-टोक लगाता हैं, आप को जबरन बदलने की कोशिश करता है! तो इस तरह का प्यार यकीनन खराब है।

सच्चा प्यार क्या होता है ?

प्यार तो प्यार ही होता है! जिस तरह से नफरत, सिर्फ नफरत होती है सच्ची नफरत या झूठी नफरत नहीं होती! ठीक वैसे ही प्यार भी प्यार होता है। लेकिन लोग क्योंकि प्यार को नहीं समझते हैं इस वजह से वो अट्रैक्शन को भी प्यार समझ लेते हैं।

जिस वजह से जब उनके सामने प्यार की असली सच्चाई सामने आती है, तो वो उस प्यार को सच्चे प्यार का नाम दे देते हैं। ‌कहने का मतलब ये है कि सच्चा प्यार या झूठा प्यार जैसा कुछ नहीं होता! प्यार की बस एक ही परिभाषा होती है जो मैंने आपको ऊपर पहले ही बता दिया है।

अगर आप किसी से भी सच्चे प्यार की परिभाषा पूछेंगे तो वो आपको यही बात कहेगा कि ” सच्चे प्यार का मतलब किसी को बिना शर्तो के प्यार करना होता है। जब आप किसी से कुछ पाने की उम्मीद किए बिना सिर्फ उन्हें प्यार करते हैं, तो उसे सच्चा प्यार कहते‌ हैं। “

सच्चे प्यार की पहचान कैसे होती है ?

जब भी हमें लगता है कि हमें किसी से प्यार हो गया है या फिर कोई हमें प्यार करता है। तो हमें अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए इसका जवाब चाहिए होता है, जिस वजह से हम ये सवाल करने लगता है कि सच्चे प्यार की पहचान कैसे होती है।

और जब ये सवाल हम किसी से पूछते हैं। तो वो लोग अपनी जानकारी के हिसाब से हमें कुछ जरूरी बातों की लिस्ट बता देते हैं। जिसके बाद हम उस लिस्ट के हिसाब से लोगों को परखते हैं और देखते हैं कि सामने वाला उस लिस्ट में बताई गई बातों पर खरा उतर रहा है या नहीं।

जिस व्यक्ति को हम प्यार करते हैं, वो व्यक्ति अगर उस लिस्ट में बताई गई बातों पर फिट हो जाता है! तो हम ये समझ लेते हैं  कि हमें सच्चा प्यार मिल गया। लेकिन इस चक्कर में हम ये बात भूल जाते हैं कि जिस तरह हमारे पास कुछ बातों और behaviour की लिस्ट है।

ठीक उसी तरह से उस व्यक्ति के पास भी इन बातों के लिस्ट है, जिससे हम प्यार करने का दावा करते हैं। तो उस व्यक्ति के लिए उस लिस्ट में बताई बातों के हिसाब से काम करना कोई मुश्किल नहीं होता।

इसलिए अगर आप किसी लिस्ट की मदद से प्यार की पहचान करने जा रहे हैं। तो ऐसा मत कीजिए क्योंकि ऐसे आप कभी भी सच्चे प्यार की पहचान नहीं कर पाएंगे। सच्चे प्यार को पहचानने का बस यही तरीका है कि आप ये समझ लीजिए कि प्यार होता क्या है! अगर आपको ये बात समझ आ गई, तो आप सच्चे प्यार की पहचान भी कर लेंगे।

प्यार कितने तरह का होता है ?  

लोगों को लगता है कि प्यार का कोई प्रकार नहीं होता है! प्यार तो बस प्यार होता है। ‌अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो मैं यही कहूंगा कि आप प्यार को अभी सही से जानते ही नहीं है। क्योंकि प्यार कई प्रकार के होते हैं जैसे :-

  1. अपने आप से प्यार

जब किसी को किसी से प्यार होता है, तो वो व्यक्ति यही सोचता है या सोचती है कि उनका प्रेमी या प्रेमिका उनसे बहुत प्यार करते हैं। इस तरह की गलतफहमी सभी में होती हैं।

लेकिन कुछ लोग होते हैं जो दूसरों को कभी प्यार कर ही नहीं सकते हैं क्योंकि वो सबसे ज्यादा खुद को प्यार करते हैं। उनकी नजर में उनसे जरूरी और कोई नहीं है।

इस तरह के लोग प्यार के नाम पर वही चीजें करते हैं जो उन्हें करना होता है। कहने का मतलब ये है कि ये लोग तो पहले अट्रैक्शन को प्यार समझ लेते हैं और फिर प्यार के नाम पर अपना उल्लू सीधा करते हैं।

  1. किसी एक से प्यार

जहां कोई खुद से प्यार करता है तो वहीं कुछ लोग होते हैं, जो खुद को एक व्यक्ति को समर्पित कर देते हैं। उनके नजर में जिस इंसान से वो प्यार करते हैं वो इंसान ही सिर्फ उनके प्यार के काबिल होता है।

शायद आप सोच रहे होंगे कि इस तरह से किसी एक व्यक्ति को प्यार करना तो अच्छी बात है। लेकिन मैं कहूंगा कि ये बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि जब लोग ऐसे किसी को प्यार करते हैं।

तो वो उस व्यक्ति को ही अपना भगवान मान लेते हैं और उन्हें अपने प्रेमी के अलावा कोई दूसरा दिखाई नहीं देता है। इस तरह का प्यार अक्सर अंधा प्यार बन जाता है। ‌

  1. कवि या शायर का प्यार

किसी एक से प्यार करने वाले लोगों के बाद कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसी एक से प्यार कर ही नहीं सकते है। इनका मन बिल्कुल शायरों के जैसा होता है वो किसी एक चीज पर ठहर ही नहीं सकते हैं।

इस तरह के लोगों को समाज में बुरा कहा जाता है और इन पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। Casonova, flirtbaz जैसे जो शब्द है वो इन्हीं लोगों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

  1. संतो वाला प्यार

इस प्यार को भी सच्चा प्यार कहते हैं। आपने कबीर साहब, स्वामी विवेकानन्द के बारे में तो सुना ही होगा।‌ क्या कभी आपने सुना है कि वह किसी एक व्यक्ति से प्रेम करते थे, या फिर कभी आपने ऐसा सुना है कि उन्हें स्वयं से प्यार था या फिर वो कई सारे लोगों के साथ संबंध बनाते थे! नहीं बिल्कुल नहीं।

क्योंकि संतो को किसी भी चीज से कोई मतलब ही नहीं होता। उनका उद्देश्य सिर्फ मुक्ति होती है, वो अपने साथ साथ दूसरों को भी उनके जीवन से मुक्त करना चाहते हैं और यही उनका प्यार होता है।

संक्षेप में कहें तो एक नहीं अपितु इस पूरी दुनिया की भलाई चाहना ही उनका प्रथम उद्देश्य होता है! उदाहरण के लिए संत कबीर ने जो बातें मुख से कही क्या वो किसी एक इन्सान को बताने के लिए कही थी? नहीं न वो सबके काम की बात थी और आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है!

इसलिए जब आप जिन्दगी में कोई ऐसा काम करते हैं जिसे करके सिर्फ आपका ही नहीं अपितु दुनिया का भला होता है तो जान लीजिये आपका प्रेम भी संत के समान है! दुर्भाग्यवश ऐसा प्रेम कम ही लोगों में पाया जाता है!

प्यार और आकर्षण में क्या अंतर होता है ?

प्यार और आकर्षण में सच कहूं तो जमीन आसमान का अंतर होता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि लोग आकर्षण को ही प्यार समझ लेते हैं। 90% लोगों को अगर आप देखेंगे वो कहते तो है कि उन्हें सच्चा प्यार हुआ है।

लेकिन अगर आप उनसे उनके प्यार के बारे में कुछ सवाल पूछेंगे तो उनके पास बताने के लिए कुछ होगा नहीं और वो आपके सामने बहाने ही करेंगे क्योंकि ज्यादातर लोग सिर्फ दूसरों का पैसा, खूबसूरती जितनी भी बाहरी चीजें होती हैं, वो चीजें देखकर प्यार करते हैं।

अगर कोई किसी के सुंदरता को देखकर उससे मोहित हो जाता है या फिर कोई किसी के पैसे को देखकर उससे प्यार करने लगता है, तो ये प्यार नहीं बल्कि मात्र आकर्षण है।

लेकिन अगर वही कोई व्यक्ति किसी के लिए कुछ अच्छा करना चाहता है, दूसरे की भलाई करना चाहता है, बिना अपने प्रेमी से स्वीकृति लिए उनसे निस्वार्थ भाव से प्रेम करता है तब आप समझ लीजिए कि वो सच्चा प्यार है।

प्यार क्यों होता है ?

सच कहूं तो लोगों को प्यार अपने अंदर के खालीपन को पूरा करने के लिए होता है। आजकल जितने भी रिश्ते बनते हैं या फिर यूं कहें कि जितने भी लोग किसी को प्यार करने का दावा करते हैं। वो इसलिए किसी से प्यार करते हैं क्योंकि उन्हें अपने अंदर के खालीपन से दूर भागना है।

लोग खुद को अकेला रख ही नहीं सकते हैं, उन्हें हर समय किसी के साथ की जरूरत होती हैं। जिस वजह से वो अपने लिए पाटनर तलाश करते हैं और उनसे प्यार करते हैं। अगर आप सोचते हैं कि लोग एक दूसरे को प्यार करने के लिए प्यार में पड़ते है, तो ऐसा नहीं है।‌

क्योंकि आप ही जरा सोचिए, जो इंसान खुद से प्यार नहीं करता है वो किसी और से प्यार कैसे कर सकता है। किसी दूसरे को प्यार करने के लिए व्यक्ति को पहले खुद को प्यार करना जरूरी होता है।

मैं ये नहीं कह रहा हूं कि आपको कभी किसी से प्यार नहीं करना चाहिए। आप जरूर प्यार कीजिए, लेकिन तब जब आप खुद में पूरा महसूस करें और सबसे पहले खुद को प्यार करें।

प्यार अच्छा होता है या बुरा ?

प्यार में अच्छा या फिर बुरा जैसा कुछ नहीं होता है। प्यार करने वाला कौन है, आप किस से प्यार कर रहे हैं, आपके प्यार करने का उद्देश्य क्या है ? ये तय करती है कि आपका प्यार अच्छा होगा या फिर बुरा।

अगर आप का प्यार करने का उद्देश्य ही बहुत ही छोटा है यानी कि आप किसी के चरित्र से या फिर उनकी सादगी से प्यार न करके उनके शरीर से प्यार करते है। तो इस तरह का प्यार कभी भी अच्छा नहीं हो सकता है।

लेकिन वहीं अगर आप किसी से इसलिए प्यार करते है ताकि आप किसी तरह से उनकी भलाई कर सके, उन्हें जिंदगी में ऊंचा और बेहतर कुछ करने के लिए मजबूर कर सके तो आपका प्यार अच्छा है।

क्योंकि जब आप किसी से इस तरह का प्यार करते हैं, तो आप सिर्फ उस व्यक्ति की भलाई देखना चाहते हैं। इस तरह का जो प्यार होता है वो सच्चा और पवित्र होता है।

कैसे जानें की हमें प्यार हो गया हैं ?

प्यार बहुत ही अलग सी चीज होती है। हम सभी को love story सुनना बहुत ही पसंद होता है। क्योंकि प्यार का इजहार कर देने के बाद प्यार की कहानी सुनाना काफी आसान होता है।

लेकिन जब किसी को किसी से प्यार होता है, तो उसे खुद ही नहीं समझ आता है कि उन्हें प्यार हो गया है। लेकिन प्यार को समझना इतना भी मुश्किल नहीं है। ‌

  • अगर कोई अचानक से आपके जिंदगी में बहुत खास बन गया है!
  • आप किसी के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने लगे हैं।
  • आप खुद से ज्यादा उस व्यक्ति की भलाई सोचने लगे हैं।
  • आप अपना नुकसान करा कर उस व्यक्ति की भलाई करने को तैयार हो जाते है जिसे आप पसंद करते हैं।

तो समझ लीजिए आपको प्यार हो गया है। प्यार होने पर ज्यादा कुछ नहीं होता जो आप फिल्मों में देखते हैं, वो तो बिल्कुल नहीं होता‌। कोई गिटार नहीं बजता है, दिमाग में कोई घंटी नहीं बजती है! बस यही कुछ चीजें होती हैं।

झूठा प्यार क्या होता है ?

सच कहूं तो झूठा प्यार और सच्चा प्यार जैसा कुछ नहीं होता है। प्यार तो बस प्यार होता है! लेकिन जब लोग प्यार के नाम पर अपना मतलब निकालते हैं या फिर कभी भी निस्वार्थ भाव से किसी को प्यार नहीं करते हैं। तो इस तरह के प्यार को हम झूठा प्यार कहते हैं।

जब लोग अट्रैक्शन को प्यार समझ लेते हैं और फिर उस प्यार के चक्कर में रिलेशनशिप में आ जाते हैं। जिसके बाद मैंने अपने पार्टनर से धोखा मिलता है या फिर उनका पार्टनर उन्हें वो प्यार नहीं दे पाता है, जो वो उनसे चाहते हैं। तो लोग फिर ऐसे प्यार को झूठा प्यार कहने लगते है।

आज के समय में झूठा प्यार शब्द का प्रयोग उस तरह के प्यार को दर्शाने के लिए किया जाता है। जिसमें लोग किसी की भलाई करने के लिए या फिर किसी का पंख बनने के लिए उसके साथ नहीं आते बल्कि अपने physical desire को पूरा करने के लिए आते है।

इस तरह के प्यार का उद्देश्य ही बहुत छोटा होता है। जिस वजह से ऐसा प्यार लंबे समय तक टिक नहीं पाता और जल्दी ही खत्म हो जाता है।

झूठा प्यार कैसे पता चलता है?

झूठे प्यार की पहचान करना वैसे तो काफी आसान होता है लेकिन लोग चाह कर भी देख नहीं पाते हैं कि वो जिस प्यार को प्यार कहते हैं, वही झूठा प्यार है ! क्योंकि जब लोग एक दूसरे के साथ सिर्फ अपना मतलब निकालने के लिए यानी कि s*x, पैसे या फिर attraction की वजह से साथ आते हैं।

तो इस तरह के प्यार को पहचान पाना मुश्किल नहीं है। क्योंकि जो लोग इस तरह से प्यार करते उनकी हरकतें ही बता देती हैं कि उनका प्यार कितना झूठा है। झूठे प्यार को आप इस तरीके से पहचान सकते हैं –

  • जो लोग सिर्फ झूठा प्यार करने का दंभ भरते हैं, अगर आप ध्यान देखेंगे तो उनके लिए उनके प्रेमी या प्रेमिका से ज्यादा जरूरी वो खुद ही होते है।
  • जो लोग किसी से झूठा प्यार करते हैं! उनके पास बातें करने के लिए कुछ भी नहीं होता हैं। इस तरह के लोग सिर्फ बातें सुनते रहते हैं, लेकिन कुछ कहते नहीं। सोच कर देखिए अगर आप किसी की भलाई करना चाहते हैं तो क्या आप उससे बात करने में कतराएंगे नहीं ना! क्योंकि तब आप इन चीजों पर ध्यान नहीं देंगे।
  • झूठे प्यार करने वाले लोगों का इरादा किसी तरह बस अपना मकसद पूरा करना होता है।
  • झूठे प्यार करने वाले लोग एक दूसरे की कमियों से नहीं बल्कि उनके बाहरी appearance से प्यार करते हैं।
  • झूठे प्यार करने वाले लोग attraction को प्यार समझते हैं।
  • झूठे प्यार करने वाले लोगों को अपने पार्टनर से कुछ खास मतलब नहीं होता है।

अगर आप देख रहे हैं कि कोई प्रेमी है प्रेम का एक दूसरे के प्रति समर्पित नहीं है। वो एक दूसरे की भलाई करने की कोशिश नहीं करते। बल्कि एक दूसरे से अपना उल्लू सीधा करने के लिए बातें करते हैं! तो ये झूठा प्यार है।

वो जब लोग इस तरह के प्यार में होते हैं तभी उन्हें सबसे ज्यादा दर्द होता है और उन्हें धोखा भी मिलता है। इसलिए इस तरह के ख्याल से आपको दूर रहना चाहिए। लेकिन आजकल ज्यादातर लोग इस तरह के प्यार को ही सच्चा प्यार समझ लेते हैं इसलिए बाद में लड़के ये कहते कहते हैं कि उनका कट गया!

क्या प्यार करना जरूरी है ?

अगर आपके मन में ये सवाल आ रहा है तो मैं आपसे यही पूछना चाहूंगा कि क्या आप पूछते हैं आपको खाना खाना चाहिए, आपको सोना चाहिए ? नहीं ना, क्योंकि ये चीजें आप खुद से ही करते हैं।

जब आपको भूख लगती है तो आप खाना खाते हैं! जब आपको नींद आती है तो आप सो जाते हैं। ठीक वैसे ही प्यार के साथ भी होता है। जब आपको कोई ऐसा इंसान मिल जाता है, जो आपको समझता है या जिसे आप समझते हैं या फिर दुनिया में जिंदगी में अच्छा करते हुए देखना चाहते है।

तो आपको प्यार भी अपने आप ही हो जाएगा। प्यार करना कोई जरूरी नहीं है! ज्यादातर लोगों को लगता है कि प्यार करने का मतलब सिर्फ किसी लड़के या लड़की को प्यार करना होता है।

लेकिन ऐसा नहीं है जरूरी नहीं है कि आप किसी लड़की को प्यार करें और ये भी जरूरी नहीं है कि अगर आपके जिंदगी में कोई लड़की आएगी तभी आप खुश रहेंगे।

आप अपनी जिंदगी में कोई बड़ा लक्ष्य बनाकर अपनी पूरी जिंदगी उस लक्ष्य को समर्पित कर सकते हैं। अपने काम को ईमानदारी से करके अपने काम से प्यार कर सकते हैं।

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि अगर उनके जिंदगी में कोई आ गया तभी वो प्यार को महसूस कर पाएंगे पर ये सिर्फ बेकार की बातें हैं। दुनिया में बहुत से लोग हैं जो प्यार का मतलब जानते भी नहीं है लेकिन वो कहते हैं कि उन्हें प्यार हुआ है जबकि ये सब उनकी गलतफहमी होती है।

इसलिए मैं बस आपको यही कहूंगा कि प्यार करना कोई जरूरी नहीं है। और अगर आपको प्यार करना ही है तो किसी अच्छी चीज से प्यार कीजिए! शांति से, सच्चाई से, आजादी से प्रेम कीजिये!

अपने प्यार को कैसे पाएं ?

अगर आप अपने प्यार को पाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि आपके लिए प्यार को पाने का मतलब क्या है ? क्या आपके लिए अपने पार्टनर के साथ रिलेशनशिप में आ जाना ही उसे पाना है या फिर अपने पार्टनर से शादी कर लेना ही उसे पाना है।

लोग प्यार में हमेशा पाने की बात करते हैं जबकि प्यार का असली मतलब तो आजादी है। हम चाहते हैं कि हम जिनसे प्यार करते हैं, वो हमेशा हमारे पास रहे, हमारे साथ रहे!

जिस वजह से हमारे अंदर उस व्यक्ति को पाने की इच्छा होती है। लेकिन जब लोग सच में किसी से प्यार करते हैं, तो वो उन्हें पाने की कोशिश नहीं करते! क्योंकि प्यार मुक्ति देने का नाम है।

वरना ये बिल्कुल उस इंसान की तरह हो गया जो एक सुंदर से पक्षी को पिंजरे में रखना चाहता है जबकि उसके लिए तो पूरा खुला आसमान है। इसलिए अपने प्यार को पाने की कोशिश मत कीजिए बल्कि उसे आजादी दीजिए।

किसी को प्यार करना सही है या गलत ?

प्यार में सही गलत जैसा कुछ नहीं होता है जब तक की आपके कुछ करने से किसी दूसरे को नुकसान ना हो रहा हो। मान लीजिए आप किसी से प्यार करते हैं और आप उनके जीवन को बेहतर करने की हर कोशिश कर रहे हैं ! तो इसमें गलत क्या है ?

कुछ नहीं ! क्योंकि आप तो दूसरे की भलाई ही कर रहे हैं। मतलब प्यार करना गलत नहीं है। लेकिन अगर आप प्यार करने के नाम पर सिर्फ किसी को पाने की इच्छा रखते है, उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना चाहते हैं तो ये चीजें ठीक नहीं है।

प्यार तो एक बहुत ही अच्छी फीलिंग है लेकिन अगर आप उसके साथ intimacy, physical relation, romance जैसी चीजें डाल देते हैं! तो ये सही नहीं है और आजकल लोग प्यार के नाम पर यही चीजें ज्यादा करते हैं। जिस वजह से इस तरह का अट्रैक्शन भरा प्यार करना सही नहीं है। 

क्यों प्यार सभी को नहीं मिलता ?

जैसे कि मैंने आपको ऊपर कहा आजकल सभी कहते हैं कि उन्हें किसी से प्यार हो गया हैं, वो प्यार में है! पर प्यार का मतलब समझने के बाद आप मुझे बताइए कि क्या लोग सच में किसी से प्यार करते हैं!

अगर आप ईमानदारी से जवाब देंगे तो आपका जवाब ना ही होगा! क्योंकि ज्यादातर लोग प्यार के नाम पर सिर्फ intimate होना चाहते हैं अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं।

जब आपका किसी को प्यार करने का उद्देश्य ही सही नहीं है! तो आप को प्यार कैसे मिल सकता है। प्यार कोई इतनी आसान चीज थोड़ी होती है। प्यार करने के लिए बहुत कुर्बानियां देनी पड़ती है, बहुत कुछ सहना पड़ता है। ज्यादातर लोग ऐसा कर नहीं पाते हैं, जिस वजह से उन्हें प्यार नहीं मिलता है।

पहली नजर का प्यार क्या होता है ?

पहली नजर का वो प्यार होता है जिसे अगर attraction कहा जाए तो गलत नहीं होगा। क्योंकि जब हम किसी को पहली बार देखते हैं और उस व्यक्ति को देखते ही हमें उनसे प्यार हो जाता है। तो उसे कहते हैं पहली नजर का प्यार।

इस तरह के प्यार में ना तो कोई बातें होती हैं, ना हीं लोग एक दूसरे को जानते हैं, नाउन के अच्छे बुरे चीजों को समझते हैं बल्कि उनकी बाहरी खूबसूरती को देखकर उनसे प्यार में पड़ जाते हैं। इसलिए मैंने पहली नजर के प्यार को attraction का नाम दिया है।

क्या होता है, जब प्यार होता है ?

टीवी सीरियल और फिल्मों को देखकर हमने यही जाना है कि जब भी प्यार होता है तो हमारे आसपास हवाएं चलने लगती हैं! गाने बजने लगते हैं! दिल में घंटियां बजने लगती है और हम हवा में उड़ने लगते हैं।

लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है! ये सारी बातें बनाई हुई है। जिस तरह से आप को हंसी आती है, आपको रोना आता है, आपको गुस्सा आता है! तो उस समय उस फीलिंग के अलावा आपको कुछ महसूस नहीं होता ठीक वैसे ही तो आपको प्यार होता है, तो आप बस प्यार करते हैं।

हां ये बात अलग है कि जब आपको प्यार होता है, तो व्यक्ति के सामने आने से दिन से आप प्यार करते हैं! आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं, आपके चेहरे पर smile आ जाती हैं और आप अपनी ही दुनिया में खो जाते हैं।

शायद ये बातें भी आपको अजीब लगे लेकिन मैंने खुद लोगों को आवश्यक करके ये पाया है कि ऐसा सच में होता है।

प्यार में सबसे ज्यादा जरूरी क्या होता है ?  

प्यार में सबसे ज्यादा जरूरी भरोसा होता है। क्योंकि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो आप उन पर खुद से ज्यादा भरोसा करने लगते है और आप माने या ना माने लेकिन किसी भी प्यार की शुरुआत भरोसे से ही होती है।

जब आपको किसी के ऊपर भरोसा होता है तभी आप उस व्यक्ति को अपनी जिंदगी में आने देते हैं! अपने लिए खास बनने देते हैं। अगर किसी प्यार में भरोसा ना हो तो वो प्यार नहीं बल्कि दिखावा है।

भरोसे के बाद अगर कोई चीज प्यार में सबसे जरूरी होता है तो वो है care! प्यार में अपने पार्टनर की care करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि जब आप किसी की केयर करते हैं, तभी आपके मन में उसके भलाई का ख्याल आता है।

प्यार में दिल क्यों टूटता है ?

प्यार में दिल टूटने का सबसे बड़ा कारण होता है expectations! जब तक आपको किसी से प्यार नहीं होता है तब तक आप उनसे कुछ उम्मीद भी नहीं करते हैं। लेकिन जब आप को किसी से प्यार हो जाता है।

तब आप की उस व्यक्ति से उम्मीदें बढ़ जाती हैं आप चाहने लगते हैं कि आपका पार्टनर आपके मुताबिक चीजें करें। पर जब आपका पार्टनर ऐसा नहीं करता है तो आप आपकी उम्मीद है और आपको बहुत बुरा लगता है।

उम्मीद टूटने पर जो बुरा लगता है हम उसे दिल टूटना मान लेते हैं। इसके अलावा प्यार में दिल टूटने का मतलब होता है किसी का आप का विश्वास तोड़ना। अगर आप सोच रहे हैं कि विश्वास तोड़ना और उम्मीदें तोड़ना एक बात होती है तो ऐसा नहीं है।

उम्मीदों का मतलब होता है कि आप किसी से कुछ चाह रहे हैं जो वो नहीं कर रहा है जबकि भरोसा का मतलब होता है आप किसी पर यकीन करते हैं कि आपका पाटनर कोई गलत काम नहीं करेगा या फिर आपको धोखा नहीं देगा। लेकिन जब आपका पार्टनर आपका ये भरोसा तोड़ देता है, तो आपका दिल भी टूट जाता है।

प्यार में दर्द क्यों होता है ?

प्यार में दर्द होने की कोई खास वजह नहीं होती ये नहीं होता कि आपके दिल में दर्द हो रहा है इसीलिए आपको प्यार में दर्द महसूस हो रहा है! 😂 जी नहीं ऐसा नहीं है!

प्यार में दर्द उम्मीदों की वजह से ही होता है। जब हम किसी से उम्मीदें लगाते हैं और वो इंसान हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो हमें दर्द होता है। प्यार में ये उम्मीद ज्यादा होती है इसलिए प्यार में ज्यादा दर्द होता हैं।‌

प्यार में धोखा क्यों मिलता है ?

सरल और आसान शब्दों में कहें तो प्यार में किसी को भी धोखा तब मिलता है जब आपका पार्टनर आप से संतुष्ट नहीं होता है या फिर आपके साथ खुश नहीं होता है।

ये satisfaction physical level पर भी हो सकती है और mental level पर भी! कई बार होता है कि लोग रिलेशनशिप में कहते तो हैं कि उन्हें एक दूसरे से प्यार है, लेकिन उनके बीच बहुत लड़ाइयां होती हैं।‌

इस तरह के हालात में जो पार्टनर लड़ाई झगड़े से सबसे ज्यादा परेशान होता है! उन्हें जब किसी दूसरे व्यक्ति का प्यार अपनापन और सम्मान मिलता है। तो वो अपने प्यार को छोड़ उसे व्यक्ति से प्यार करने लग जाते हैं।

कई बार ऐसा भी होता है की जिनके साथ हम रिलेशन में होते हैं वो हमारी respect नहीं करता लेकिन कोई वैसा ही दूसरा व्यक्ति है जो हमारी respect करता है।

तो यहां पर कोई दो राय नहीं है कि हमारा झुकाव उस व्यक्ति के पास अपने आप ही चला जाएगा जो हमारी कदर करता है क्योंकि लोगों को उस इंसान के साथ रहना अच्छा लगता है जो उनकी कद्र करता हो।

अगर आप अपने पार्टनर respect नहीं करेंगे और उनके वैल्यू नहीं करेंगे! पर ये सोचेंगे कि वो इंसान आपके साथ loyal रहें, तो sorry ऐसा नहीं हो सकता है। क्योंकि इस तरह के हालात में लोग अक्सर अंदर से टूट जाते हैं और ऐसे समय में जो उन्हें संभालता है उन्हें उसे प्यार हो जाता है।

क्या सच्चा प्यार चोट करता है?

हां, सच्चा प्यार चोट करता है! क्योंकि अगर कोई आपसे सच्चा प्यार करता है तो वह कभी भी आपको खुश करने के लिए बातें नहीं कहेगा या फिर कहेगी।

सच्चा प्यार करने वाला व्यक्ति आपको हमेशा सीधी और सच्ची बात ही कहेगा क्योंकि इसमें ही आपकी भलाई होगी। लेकिन कई बार हमें लोगों की सच्ची बात पसंद नहीं आती है। इसीलिए उन्हें लगता है कि सच्चा प्यार चोट करता है।

जबकि सच्चे प्यार में तो सिर्फ सच होता है और जहां सच होता है। वहां चोट तो लगती ही है, चाहे आपके घमंड को चोट लगे आपकी नादानी को चोट लगे या फिर आपकी उम्मीदों को।

पहला प्यार क्या होता है?

जब किसी व्यक्ति को पहली बार प्यार का एहसास होता है। जब कोई है उनसे भी ज्यादा खास लगता है या फिर जिस की भलाई करना उनके लिए जिम्मेदारी बन जाती हैं! तो उसे पहला प्यार कहते हैं।

वैसे तो लोगों को जिंदगी में कई बार प्यार होता है लेकिन क्योंकि बचपन से जवानी में कदम रखते हुए उन्हें पहली बार जब प्यार का एहसास होता है। तो प्यार की बात ही अलग होती है।

पहला प्यार इसलिए भी बहुत खास होता है क्योंकि तब लोग खुले दिल से अपने पार्टनर को प्यार करते हैं उनके ऊपर भरोसा करता है और उन्हें अपना सब कुछ मानते हैं।

लेकिन जब उनका पहला प्यार उन्हें धोखा देता है या फिर उन्हें तकलीफ देता है, तो उनका दिल टूट जाता है। जिसकी वजह से एक व्यक्ति के मन में काफी सारे बदलाव होते हैं चाहे वो लड़का हो या लड़की!

ऐसे में वक्त के साथ वो व्यक्ति अपने जीवन में आगे तो बढ़ जाता है लेकिन उनके पहले प्यार से मिला दर्द और तकलीफ कहीं ना कहीं उनके साथ ही रह जाती है। जिस वजह से फिर वह बाकी लोगों पर वैसे यकीन नहीं कर पाते हैं जैसे वह अपने पहले प्यार पर किया करते थे।

क्या प्यार सिर्फ एक बार होता है?

जी नहीं! प्यार सिर्फ एक बार नहीं होता है। आपने टीवी में सिनेमा में सुना होगा कि प्यार तो एक बार होता है और शायद उसी हिसाब से आपने अपने दिमाग की wiring भी होगी। लेकिन ये बिल्कुल ही गलत बात है।

Science कहती है कि एक इंसान को उसके जिंदगी में दो से तीन बार प्यार हो सकता है। और हो भी क्यों ना, अगर कोई आपसे प्यार दिखा रहा है, आप की केयर कर रहा है, आप अपने जीवन में महत्व दे रहा है तो आपको भी उनसे प्यार हो ही जाएगा। चाहे आप खुद को रोकने की कितनी कोशिश क्यों ना करें!

जब सामने वाला आपका से अच्छा ही अच्छा करना चाहता हो, तो आप उनसे प्यार करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। यही कारण है कि मैंने कहा कि जिंदगी में प्यार कई बार होता है।

पुरुष कितनी जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं ? 

कोई व्यक्ति कितना जल्दी प्यार में पड़ सकता है, इसकी कोई टाइम लिमिट सेट नहीं की गई है। हालांकि सुनने में अक्सर यही आता है कि लड़के लड़कियों के मुकाबले जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं।

पर एक लड़के को प्यार में पड़ने में कितना समय लगेगा! ये बता पाना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि एक लड़के को किसी लड़की को एक नजर में देखकर भी प्यार हो सकता है, तो कभी-कभी प्यार होने में काफी समय भी लग सकता है।

प्यार कोई जल्दबाजी में की जाने वाली चीज नहीं है! इसे जितना समय दिया जाए दो लोगों के बीच का प्यार उतना ही बढ़ता है।

प्यार में रोमांस का कितना महत्व होता है ?

प्यार में रोमांस भी जरूरी होता है क्योंकि रोमांस आपके रिश्ते में spark बना कर रखता है और कहीं ना कहीं आपके रिश्ते को मजबूत करता है। जब आप किसी को प्यार में छोटे हैं तो physical touch से एक अलग तरह का अपनापन होता है।

मैं ये बिल्कुल नहीं कह रहा हूं कि आपको अपने पार्टनर में बिल्कुल घूस जाना चाहिए। लेकिन थोड़ी बहुत physical touch प्यार बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है।

प्यार से क्या लाभ होता है?

प्यार से लाभ के बारे में अगर मैं बात करूंगा तो हो सकता है की आप सोचने लगे कि प्यार अगर निस्वार्थ भाव से किया जाता है तो उसमें लाभ कहां से आ गया।

देखो आपकी बात सही है प्यार में लाभ नहीं होना चाहिए! लेकिन तब जब आप का लाभ आपके स्वार्थ में छुपा हुआ हो।

पर अगर आपका प्यार आपको जीवन में तरक्की के रास्ते पर ले जा रहा है, आपको अपने बंधनों से मुक्त कर रहा है!

आपको अपने जीवन में अच्छा से अच्छा कुछ करने के लिए प्रेरित कर रहा है तो इस प्यार से लाभ लेने में भी कोई बुराई नहीं है।

क्योंकि ऐसे आपका भला हो रहा है ना कि आप के किसी स्वार्थ की पूर्ति हो रही है। इसके अलावा आपको ये भी सोचना चाहिए कि जो इंसान आपकी भलाई के लिए आपके मुक्ति के लिए इतना कुछ कर रहा है।

वो भी तो अपने जीवन में आप को प्रेरित करने के लिए सही मार्ग पर चलेगा या फिर चलेगी। समझ पा रहे हैं मैं क्या बोलने की कोशिश कर रहा हूं!

मैं यही बोलने की कोशिश कर रहा हूं की जब प्यार में दो लोग एक दूसरे की भलाई चाहते हैं, उनका अच्छा करना चाहते है तब प्यार से दोनों को ही लाभ होता है जो कि अच्छी बात है।

सबसे मजबूत प्यार कौन सा है?

प्यार में मजबूत या कमजोर जैसा कुछ नहीं होता है आप जिस इंसान से सच्चे दिल से प्यार करते हैं उनकी भलाई की चाहत रखते हैं वही प्यार समझ लीजिए सबसे मजबूत प्यार है।

FAQ

प्यार का सही अर्थ क्या होता है?

प्यार का सही अर्थ है दूसरों का हित करना! अगर आप किसी भी तरीके से दूसरे की भलाई करते हैं, तो वो प्यार है।

प्यार का दूसरा नाम क्या है?

प्यार का दूसरा नाम समर्पण और त्याग है। जब आप बिना किसी स्वार्थ के दूसरे का अच्छा करते हैं, तो वो प्यार होता हैं।

प्यार कितनी बार हो सकता है?

प्यार की कोई गिनती नहीं होती हैं! अगर आपके सामने कोई ऐसा इंसान आ जाता है जो आपकी भलाई चाहता है! तो प्यार कई बार भी हो सकता है।

 प्यार कहाँ से शुरू होता है ?

प्यार की शुरुआत हमेशा दोस्ती से होती है। आपका सबसे अच्छा दोस्त ही आपका प्रेमी बन सकता है।

प्यार में सबसे ज्यादा कौन तड़पता है ?
 

प्यार में जो लोग ज्यादा उम्मीदें रखते हैं, वही लोग सबसे ज्यादा तड़पते हैं। क्योंकि जब उनकी उम्मीदें पूरी नहीं होती है तो उन्हें बुरा लगता है।

सच्चा प्यार कौन सी उम्र में होता है?

 
सच्चे प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है जब किसी को प्यार का सही मतलब समझ में आ जाए और उन्हें कोई ऐसा इंसान मिल जाए! जो उनके प्यार के काबिल हो तो उन्हें प्यार हो सकता है।

प्यार का सबसे अच्छा अर्थ क्या है?

प्यार का सबसे अच्छा अर्थ निस्वार्थ भाव से किसी की भलाई की कामना करना है।
 

सच्चे प्यार की पहली निशानी क्या है?

सच्चे प्यार के पहले निशानी नहीं होती है कि आप अपने प्रेमी के लिए हित के लिए अपना नुकसान कराने से भी नहीं चूकते हैं।

प्यार किस चीज से बनता है?

 
प्यार care, भरोसा, अपनापन, समर्पण और त्याग जैसी चीजों से मिलकर बनता है।
 

रोमांटिक प्यार कब तक रहता है?
 

रोमांटिक प्यार में प्यार जैसा कुछ नहीं होता! ये प्यार क्योंकि एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से उनके शरीर के वजह से होता है। इसलिए ये 6 महीने से 1 साल के लिए होता है।

आकर्षण कितने समय तक रहता है ?

किसी के प्रति आकर्षण कितने समय तक रहेगा ये बता पाना मुश्किल होता है।‌ लेकिन ज्यादा मामले में आकर्षण साल 2 साल में ही खत्म हो जाता है।
 

प्यार में कौन जल्दी पड़ जाता है ?
 

लड़का प्यार में जल्दी बढ़ जाता है क्योंकि वो दिल से कम और दिमाग से ज्यादा सोचता है।
 

लड़का और लड़की का प्यार कैसा होता है ?

लड़का और लड़की का प्यार Romance, attraction और lust से भरा होता है बहुत ही कम लोग होते हैं, जो सच में प्यार करते है।

प्यार का फुल फॉर्म क्या होता है ?

प्यार यानी कि Love का full form ” Long-lasting Original Valuable Emotions ” होता है। ‌
 

 
प्यार का पर्यायवाची शब्द क्या क्या हैं ?

प्यार के कई पर्यायवाची शब्द होता है जैसे प्रेम, मोहब्बत, love, इश्क इत्यादि।
 

सपने में अपने प्यार को देखने का क्या मतलब होता हैं ?
 

सपने में अपने प्यार को देखने का मतलब ये होता है कि आप अपने पार्टनर को बहुत प्यार करते है और हर चीज में अपने प्यार का साथ चाहते हैं।

सम्बन्धित पोस्ट पढ़ें:-

गर्लफ्रेंड से प्यार भरी बातें कैसे करें? बेमिशाल टिप्स

फोन पर प्यार भरी बातें कैसे करें? जानें 100% बेहतरीन उपाय

पहली डेट पर क्या करें ? 101% बेस्ट आइडियाज

अंतिम शब्द 

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने की बाद अब आप जान गए होंगे कि प्यार क्या होता है ? हो सकता है कि जो बातें मैंने यहां पर आपको प्यार के बारे में बताई है। आप उससे agree न करते हो लेकिन अगर आप मेरी बातों को ध्यान से समझेंगे और उसे याद रखेंगे।

तो आपको खुद ही महसूस होगा कि जो बातें मैंने आपको यहां कही है, प्यार सच में वैसा ही होता है। इस आर्टिकल में बताई गई बातें अगर आपको पसंद आई हो, तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। ‌

Leave a Comment