प्यार और लगाव में अंतर | जानने का आसान तरीका!

प्यार और लगाव में अंतर: दोस्तों जब प्यार की बात होती है तो लोग प्रेम की भावना को व्यक्त करने के लिए कई तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जैसे प्यार, मोहब्बत, लगाव, मोह! और सोचते हैं कि ये सभी एक ही चीज होती हैं जबकि ऐसा नहीं है प्यार और लगाव दोनों अलग-अलग बातें है।

प्यार और लगाव में अंतर

आपको कभी भी प्यार और लगाव को एक नहीं कहना चाहिए क्योंकि इन दोनों में काफी अंतर होता हैं। अगर आप जानना चाहते हैं की प्यार और लगाव में अंतर क्या हैं? तो आप यकीनन सही आर्टिकल को पढ़ रहे हैं।‌

क्योंकि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपका प्यार और लगाव दोनों के बारे में गहराई से बातें जानने को मिलेंगी। इतना ही नहीं आप पोस्ट पढ़ने के बाद कभी नहीं कहेंगे कि ये दोनों एक ही हैं। तो चलिए इस आर्टिकल की शुरुआत करते हैं। ‌

प्यार और लगाव में समानता क्या है?

अगर आप प्यार और लगाव में अंतर जानना चाहते हैं। तो आपको पहले ये समझना होगा की इन दोनों में समानता क्या है? कोई हमें पसंद आता है, अच्छा लगता है, तो हम कह देते हैं कि प्रेम हैं।

और अगर किसी के साथ रहना, उनके आसपास होना, बातें करना या फिर उनकी केयर करने की हमारी आदत हो गई है तो हम कहते हैं कि हमें लगाव हो गया है या फिर जुड़ाव हो गया हैं।

ज्यादातर लोगों को लगता है कि प्यार और जुड़ाव एक ही बात होती है।‌ क्योंकि जब हमारा किसी से जुड़ाव होता हैं! तो वहीँ से प्रेम कहानी शुरू होती हैं। मतलब कि किसी भी प्यार की शुरुआत जुड़ाव से ही होती हैं।

इसी वजह से प्यार और जुड़ाव (लगाव) को एक जैसा ही समझा जाता है। पर ऐसा नहीं है क्योंकि जब आप प्यार में होते हैं, तो आप की जिंदगी बदल जाती है सब कुछ बदल जाता है। लेकिन जब आपका किसी से जुड़ाव हो जाता है तो आप उनके साथ बंध जाते हैं।

प्यार और जुड़ाव में कोई समानता नहीं है दोनों बिल्कुल ही अलग चीज है। अगर आप इन दोनों को एक कहते हैं तो आप ये समझा दीजिए की आप आकाश और जमीन को एक बता रहे हैं। प्यार और जुड़ाव में कोई समानता नहीं है, अगर आप को यकीन नहीं आता तो नीचे बताए गए पॉइंट्स को ध्यान से पढ़ें।

प्यार और लगाव में अंतर

1. लेन-देन का खेल

आजकल रिश्ते में लेनदेन का खेल खूब चलता है। लेनदेन मतलब लड़का लड़की से कहता है मैं तुमसे प्यार करता हूं, लेकिन तुम मुझसे उतना प्यार नहीं करती! लड़की कहती है मैं किसी लड़के से बात नहीं करती, लेकिन तुम सारी लड़कियों से बात करते हो। ‌

इस तरह की बातें हमेशा रिलेशनशिप में बहुत सुनने को मिलती है और हमें लगता है की देखो रिश्ते में कितना प्यार है! सच तो ये है की यहां प्यार तो है ही नहीं।

क्योंकि जहां प्यार होता है वहां लेन-देन की बात नहीं होती। आपके मन में यह बात नहीं आती है कि मैं उनसे इतना प्यार करता हूं लेकिन वो मुझसे प्यार नहीं करती।

प्यार होने पर आप बस यही देखते हैं कि मुझे प्यार है! प्यार में पाने के लिए कुछ होता ही नहीं है। क्योंकि प्यार में सिर्फ दिया जाता है। लेकिन जहां लेनदेन की बात होती है। जहां ये उम्मीद रखी जाती है कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं, तुम भी मुझसे उतना ही प्यार करोगी।

तो इस तरह की जो बातें होती हैं, वो सिर्फ मोह में होती है। जब कोई आप को सिर्फ पसंद होता है और आप उसे अपने ही आसपास रखना चाहते हैं, तब आप इस तरह की बातें करने लगते हैं। क्योंकि प्यार करने वालों को तो इस तरह की बातों की कोई चिंता ही नहीं रहती है।

2. मुक्ति या कैद

प्यार और लगाव में कुछ भी एक जैसा नहीं है। प्यार लोगों को मुक्ति देता है लेकिन लगाव लोगों को बांधकर रखता है। जब हम किसी से प्यार करते हैं, तो हम उसे अपने पास रखने की चाहत नहीं रखते हैं और ना ही ये सोचते हैं कि वो इंसान हमारे पास रहे।

लेकिन प्यार करने पर हम दूसरों की भलाई के लिए उसे दूर रखने की भी आजादी दे देते हैं, उदाहरण के लिए जिस इन्सान से आप प्यार करते हैं, आपको लगता है इसकी भलाई मुझसे दूर रहकर ही होगी तो आप उसे दूर जाने की भी सलाह देते हैं!

लेकिन जब हमें किसी से सिर्फ लगाव होता है तो हम चाहते हैं कि वो इंसान हमारे पास रहे। ये देखते हुए भी की उनसे दूर जाकर ही दूसरे की भलाई है वो उन्हें अपने पास रखते हैं।

भले ही कोई कितना ही अच्छा क्यों ना हो अगर कोई इन्सान आपको आगे बढ़ने से रोक रहा है, आपकी तरक्की के रास्ते में बाधा बन रहा है तो समझ जाइए कि ये प्यार नहीं बल्कि लगाव है।

3. स्वार्थ की भावना

प्यार में कभी भी स्वार्थ की यानी किसी से किसी तरह का लाभ पाने की आशा नही रहती! जब आप को किसी से प्यार होता है तो आपके अंदर का स्वार्थ उसी समय खत्म हो जाता है और अगर आपके अंदर कुछ बचता है, तो वो हैं प्यार।

अधिकांश रिश्ते जो आप बनाते हैं आपको लगता है उन रिश्तों में तो बड़ा प्यार है, पर सच्चाई तो ये है की अधिकतर रिश्ते इसीलिए बनते हैं क्योंकि हमें उस रिश्ते को बनाकर किसी तरह का फयदा होता है!

उदाहरण के लिए सभी को लगता है हमारे माता-पिता हमसे बहुत प्यार करते हैं जबकि सच्चाई तो ये है की अधिकाँश माता पिता बच्चों को इसीलिए पालते पोषते और पढ़ाते हैं ताकि बुढ़ापे में वह उनका सहारा बन सके!

तो बताइए ये बात स्वार्थ की हुई या नहीं, और एक बात याद रखें जिस भी रिश्ते में स्वार्थ होता है अर्थात कुछ पाने की भावना होती है, वहां सुरक्षा और डर का भाव जरुर रहता है!

4. प्यार और लगाव का उद्देश्य

प्यार हमेशा अपने साथी का भला देखना चाहता है, प्रेम में इन्सान कुछ बेहतरीन करने के लिए अपनी कमजोरियों को छोड़ने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहता है। प्यार का उद्देश्य सिर्फ उस इंसान के लिए अच्छा सोचना और करना होता है जिनसे आप प्यार करते हैं।

लेकिन जब आपको किसी से जुड़ाव होता हैं। तो उसका उद्देश्य बस इतना रहता है कि जिस इंसान को आप पसंद करते हैं वो हमेशा आपके पास रहे, आपकी जरूरत पूरी करते रहे और वो आपको खुश रख सके!

लगाव अपने स्वार्थ की पूर्ति चाहता है लेकिन प्यार अपने स्वार्थ के बारे में नहीं सोचता।

कौन बड़ा है प्यार या लगाव?

जब हम किसी कपल को देखते हैं जो love marriage करते हैं तो हमें लगता है कि इन दोनों का क्या प्यार हैं, इनका प्यार मुकम्मल हो गया, इन्हें तो सब कुछ मिल गया और क्या ही चाहिए।

अगर आप भी इस तरह की बातें सोचते हैं तो मैं आपको बता दूं कि यहां प्यार नहीं है बल्कि सिर्फ लगाव है। प्यार होता।‌ तो लोग शादी के बंधन में एक साथ जुड़ने के बजाय एक दूसरे की जिंदगी में उन्हें बेहतर बनाने की कोशिश करते।

लेकिन क्योंकि आपको अपने पार्टनर के साथ सिर्फ जुड़ाव है, तो आपके अंदर उन्हें खोने का डर है! आप उन्हें दूसरों के साथ नहीं देखना चाहते। इस तरह से सिर्फ अपने स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए लोग शादी कर लेते हैं। यही कारण है कि मैंने पहले ही कहा था कि प्यार को कभी लगाव नहीं कहना चाहिए।

क्या प्यार और लगाव एक दूसरे के दुश्मन है ?

प्यार और लगाव में दुश्मन जैसी कोई बात ही नहीं है क्योंकि जो एक जैसे हैं ही नहीं उनमें दुश्मनी कैसी ? अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि प्यार और लगाव एक दूसरे से कितना अलग होता है। इनकी जो परिभाषा है या फिर यूं कहें कि जो विशेषता है।

उससे अगर उनकी तुलना की जाए तो हां, ये एक दूसरे के दुश्मन हो सकते हैं लेकिन प्यार का जुड़ाव से कोई मतलब नहीं होता। क्योंकि जो लोग प्रेमी होते हैं वो लोग अपने में ही मस्त रहते हैं।

Special note – वैसे तो मैंने आपको यहां प्यार और लगाव में अंतर को स्पष्ट किया है, लेकिन अगर आप इस बारे में और भी अच्छे से जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए वीडियो को जरूर देखें या फिर बाद में देखने के लिए save कर लीजिए।

 

संबंधित पोस्ट पढ़ें:-

प्यार कितनी बार हो सकता है? एक बार दो बार जानें सच्चाई!

प्यार में होने के 7 लक्षण | सच्चे प्यार को ऐसे परखें!

प्यार में लड़का क्या करता है? सच्चे प्यार में होने वाले काम

अंतिम शब्द 

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद अब आप जान गए होंगे कि प्यार और लगाव में अंतर क्या है? इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप किसी के लगाव को प्यार का नाम नहीं देंगे और ना ही आपने लगाव को प्यार का कर संबोधित करेंगे।

प्यार अट्रैक्शन लगाव आजकल लोगों को एक जैसा लगता हैं, लेकिन ये सारी चीजें बहुत होती हैं। अगर मेरी बताई गई बातें आपको पसंद आई हो तो ऐसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए।

Leave a Comment