दोस्ती और प्यार में 8 बड़े अंतर | जानकर चौंक जायेंगे!

दोस्ती और प्यार में अंतर: दोस्तों, लोगों के मन में दोस्ती और प्यार को लेकर काफी अलग तरह की छवि बनी हुई है।‌

दोस्ती और प्यार में अंतर

लोग दोस्ती और प्यार को दो अलग-अलग चीजे़ बताते हैं। लेकिन कुछ लोगों को अपने दोस्त से ही प्यार हो जाता है। पर फिर उनके मन में ये सवाल आने लगता है कि अपने दोस्त के प्रति वो जिस तरह की भावना रख रहे हैं, वो दोस्ती है या प्यार।

क्योंकि उन्हें लगता है कि दोस्ती और प्यार में अंतर होता है। अगर आपके मन में भी कभी इस तरह का कोई सवाल आया है और आप भी इस बारे में जानना चाहते हैं, तो आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। क्योंकि इस आर्टिकल में हमने प्यार और दोस्ती में क्या अंतर है इस बारे में ही बात की है।

दोस्ती और प्यार में अंतर

दोस्ती और प्यार के रिश्ते में अगर आप ध्यान देंगे तो ज्यादा अंतर आपको देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि दोस्ती और प्यार में बहुत कुछ समान होता है। लेकिन कुछ ऐसी चीज हैं जो इन दोनों को अलग करती हैं। जैसे ‌ –

1. जानिए दोस्ती और प्यार क्या होता है ?

दोस्ती ऐसा रिश्ता है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के हित के बारे में सोचता है। एक सच्चा दोस्त हमेशा यही कोशिश करता है कि आप जिंदगी में हमेशा सही चीज करें। अगर आपका दोस्त अच्छा है तो वो आपको कभी भी गलत काम करने नहीं देगा!

हमें लगता है कि दोस्ती वो होती है, जिसमें एक इंसान हर सुख दुख में अपने दोस्त के साथ होता है। पर जो सच्चे दोस्त होते हैं, वो दुख में तो आपके साथ होते हैं लेकिन वो आपकी खुशी के लिए कभी भी आपको कोई गलत काम करने नहीं देते।

और प्यार में भी ऐसा ही होता है। प्यार में लोग दूसरे का अच्छा सोचते हैं, उनकी भलाई चाहते हैं। यही कारण है कि दोस्ती के बिना प्यार करना मुमकिन ही नहीं है। सच्चा प्यार और दोस्ती दोनों एक ही बात होती है क्योंकि दोनों का आधार एक दुसरे की भलाई होती है।

2. दोस्ती और प्यार में स्वार्थ

दोस्ती अगर सच्ची हो तो उसमें कोई स्वार्थ नहीं होता है लोग अपने दोस्त के लिए कुछ भी कर जाते हैं और इसके बदले वो उनसे कुछ उम्मीद भी नहीं करते हैं। लेकिन जो दोस्ती सिर्फ दिखावे के लिए होती है, उसमें लेनदेन का खेल चलता है।

और अफसोस की बात ये है की ज्यादातर लोगों की जो दोस्ती होती है वो ऐसे ही होती है।

ठीक वैसे ही सच्चे प्यार में भी कोई स्वार्थ पूर्ति नहीं होती है। सच्चे प्यार करने वाले लोग कभी भी अपने साथी से किसी तरह की स्वार्थ की उम्मीद नहीं रखते हैं।

प्यार करने वाले लोग हर हाल में अपने प्रेमी की भलाई चाहते हैं। और यही चीज दोस्ती में भी होती है इसलिए कुछ लोग दोस्ती और प्यार को एक दूसरे का पूरक बताते है।

3. दोस्ती और प्यार में सीमाएं

जिस तरह से सच्चे प्यार में कोई रोकटोक बंदिश नहीं होती उसी तरह दोस्ती में भी कोई बंधन, मजबूरी नहीं होती है!

दोस्ती में जिस तरह आप सामने वाले व्यक्ति को आजाद रखते हैं, उसपर अपनी मर्जी नहीं चलाते ठीक इसी तरह जब जब आपको किसी से प्रेम होता है।

तो आप उसे पाने के बारे में नहीं सोचते बल्कि उसे मुक्ति देने के बारे में सोचते हैं। यानी आप सोचते हैं किस तरह मैं अपने प्रेमी को दुःख से आजादी देकर उसकी जिन्दगी में शांति और सच्चाई ला सकूं!

4. असुरक्षा की भावना

जिस तरह का प्यार हम अपने आसपास देखते हैं उसमें insecurity बहुत ज्यादा होती हैं। लोगों के मन में हमेशा ये डर होता है कि जिसे वो प्यार करते हैं, वो कहीं उनसे प्यार करना बंद करके, किसी और से प्यार न करने लगे। प्यार होने में अलग होने का, छोड़े जाने का, बेवफाई का और न जाने किस-किस तरीके का डर होता है।

लेकिन जब कोई किसी से सच्चा प्यार करता है तो उसके मन में किसी भी तरह का कोई डर होता ही नहीं। ऐसा नहीं है कि सच्चा प्यार करने वाले व्यक्ति को अपने प्रेमी का या फिर प्रेमी पर भरोसा होता है बल्कि उन्हें किसी से भी कोई उम्मीद नहीं होती है।

और दोस्ती में भी बहुत हद तक चीज़ ऐसी ही होती है। जब बात दोस्ती की आती है तो उसमें इस तरह का कोई डर नहीं होता है। ‌दोस्ती में लोगों को ना तो छोड़े जाने का डर होता है, ना ही किसी और चीज का इसीलिए दोस्ती भी प्यार की तरह बिल्कुल मुक्त होती है।

5. दिल टूटने की संभावना

दोस्ती की सबसे अच्छी बात ये होती है कि दोस्ती में दिल टूटने का कोई डर नहीं होता हैं। लेकिन जब आप किसी से प्यार करते हैं उसे अपना मानने लगते हैं तो कहीं ना कहीं दिल टूटने की संभावना बन जाती है।

क्योंकि लोग जिस तरह की फीलिंग्स को प्यार मानते हैं। उस प्यार में लोग सामने वाले व्यक्ति से बहुत ज्यादा उम्मीद बांध लेते हैं और जब उनकी उम्मीदें पूरी नहीं होती है। तो उनका दिल टूट जाता है।

लेकिन सच्चे प्रेम में किसी को किसी से कोई उम्मीद नहीं होती है। बिल्कुल दोस्ती की तरह! इसलिए सच्चा प्यार और दोस्ती बहुत हद तक एक जैसे लगता है।

6. दोस्ती से प्यार की शुरुआत होती है!

दोस्ती के बिना प्यार होना मुमकिन ही नहीं है। क्योंकि जब तक आप किसी के हित के बारे में नहीं सोचेंगे, तब तक आप को प्यार हो ही नहीं सकता है। क्योंकि प्यार का मतलब ही होता है दूसरे का अच्छा करना उनकी भलाई सोचना। ‌

जब आपकी किसी से दोस्ती होती है तो आप उस व्यक्ति के लिए अच्छा सोचना शुरू कर देते हैं और उसे हर बुरी चीज से दूर रखते हैं। फिर धीरे-धीरे यही भावना और बढ़ने लगे तब दोस्ती प्यार में बदल जाती है। ऐसे में अगर आपको भी अपने दोस्त से इसी तरह से प्यार हुआ है तो इसमें कोई खराबी नहीं हैं।

7. दोस्ती और प्यार में शर्तो की अहमियत

लोग जब कहते हैं कि उन्हें प्यार हो गया है, तब वो अपने साथी के साथ जीने मरने की कसमें खाते है।

पर जो लोग सच्चे प्रेम का मतलब समझते हैं। जब वो किसी से प्यार करते हैं, तो उनके प्यार में किसी भी तरह की कोई शर्त नहीं होती हैं। सच्चा प्यार करने वाले लोग सिर्फ अपने प्यार की भलाई करने की कोशिश करते हैं ना की उन्हें बंधन में बांधकर उनकी जिन्दगी में परेशानी खड़ी करते हैं!

दोस्ती में भी कोई शर्त नहीं होती है। सच्ची दोस्ती में लोग ये नहीं उम्मीद करते हैं कि उनका दोस्त उन्हें समझेगा बल्कि दोस्ती में तो एक दूसरे की कमियां पता करके लोग एक दुसरे को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ते हैं!

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अंतिम शब्द 

दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे की दोस्ती और प्यार में क्या अंतर होता है ? इस पोस्ट में मैंने आपको इन दोनों विषयों के बारे में थोड़ा विस्तारपूर्वक बताने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि आपको आर्टिकल में मजा आया होगा। अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए!

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